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    Curd During Pregnancy | क्या प्रेग्नेंसी में दही खाना सुरक्षित होता है?

    Diet & Nutrition

    Curd During Pregnancy | क्या प्रेग्नेंसी में दही खाना सुरक्षित होता है?

    25 September 2023 को अपडेट किया गया

    दही, जिसे योगर्ट नाम से भी जाना जाता है; यह भारतीय व्यंजनों में एक बहुत ही आम सामग्री है। चाहे त्वचा की बात करें या संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य की, दही जो कि किण्वन (फर्मेंट) प्रक्रिया द्वारा बनाया जाता है वह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। ठंडा दही या योगर्ट पीने से आपके शरीर की गर्मी शांत होती है और खासकर यह गर्मियों के दौरान बहुत लोकप्रिय है।

    दही का पोषण मूल्य (Nutritional value of yoghurt)

    दूध हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है और यह प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होता है। किण्वन(फर्मेंट) द्वारा दही में परिवर्तित दूध में भी उच्च पोषण मूल्य होते हैं। लैक्टोज की उपस्थिति के कारण दूध पीने से अपच हो सकती है। हालांकि दही दूध से बना होता है, किण्वन(फर्मेंट) प्रक्रिया अधिकांश लैक्टोज को तोड़ देती है जिससे पाचन प्रक्रिया में मदद मिलती है। यह मल त्याग को भी नियंत्रित करता है- दही का सेवन आपको कब्ज से राहत देता है और काफी हद तक दस्त के नियंत्रण में भी मदद करता है।

    दही में लैक्टोबैसिलस नामक बैक्टीरिया की उपस्थिति योनि यीस्ट संक्रमण के विकास को रोक देती है। यह रोग पैदा करने वाले कीटाणुओं को नष्ट करके आपको रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। दही में संतृप्त और ट्रांस वसा की अनुपस्थिति और पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और सोडियम की उच्च गुणवत्ता इसे गर्भावस्था के आहार में शामिल करने के लिए आदर्श बनाती है।

    गर्भावस्था में दही खाने के फायदे (Benefits of eating curd during pregnancy)

    गर्भावस्था में दही खाने के फायदों में पाचन में सुधार, रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होना, शरीर की गर्मी कम होना और रक्तचाप संतुलित होना आदि शामिल हैं। दही आपके आंत के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है और लैक्टोज असहनीयता वाले लोगों के लिए भी अच्छा माना जाता है। एक अच्छा पाचन तंत्र पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है, जो गर्भावस्था के दौरान आवश्यक होता है। इस अवधि के दौरान, शरीर की गर्मी बढ़ जाती है और रोजाना दही का सेवन या तो सादा या सब्जियों या फलों के साथ मिलाकर करने से इसे कम करने में मदद मिलती है।

    गर्भावस्था के दौरान, कब्ज की समस्या बहुत आम होती है। दही के प्रोबायोटिक गुण मल त्याग के नियंत्रण में मदद करते हैं जिससे तुरंत राहत मिलती है। गर्भवती महिलाओं को आमतौर पर मीठे और मसालेदार खाने का मन होता है। ऐसे में अगर आप दही को अपने खाने में शामिल कर लें तो अत्यधिक मसालेदार भोजन के कारण सीने में होने वाली जलन में बहुत राहत मिलती है। एक गिलास स्मूदी या मीठी दही में फलों का मिश्रण आपके मीठे खाने की लालसा को शांत कर सकता है।

    गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम से भरपूर दही महिलाओं की हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर करता है जो बच्चे के जन्म के बाद महत्वपूर्ण होता है। यह आपके बच्चे की हड्डियों और दांतों को भी मजबूत करता है। गर्भावस्था के दौरान दही का सेवन आपके शरीर और त्वचा को हाइड्रेट करता है और उसे नमीयुक्त बनाता है जिससे गर्भावस्था के दौरान रूखेपन के कारण होने वाली त्वचा की जलन से राहत मिलती है।

    गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप होने से मां और बच्चे दोनों के लिए खतरा होता है। गर्भावस्था के दौरान दही खाने से उच्च रक्तचाप कम होता है जिससे सुरक्षित प्रसव होता है।

    इसे भी पढ़ें - प्रेगनेंसी में चेरी: फायदे और साइड इफेक्ट्स

    गर्भावस्था में दही खाने के नुकसान (Side effects of eating curd during pregnancy)

    गर्भावस्था के दौरान दही खाने के ऐसे कोई ख़ास नुकसान अभी तक नहीं देखे गए हैं। जब तक दही को पाश्चुरीकृत दूध से बनाया जाता है, तब तक यह सुरक्षित है। हालांकि, अगर महिला डायबिटिक है तो बार-बार मीठा दही खाने से समस्या हो सकती है। ऐसा कहा जाता है कि आपको ध्यान रखना चाहिए कि दही के साथ कुछ खाद्य पदार्थ ना खाएं जैसे; दूध, मछली, या अम्लीय फल क्योंकि इससे पेट खराब हो जाता है। जब संदेह हो, तो हमेशा डॉक्टर से सलाह लें। गर्भावस्था के दौरान दही खाने का सबसे अच्छा समय दिन का समय होता है।

    आपको किस प्रकार का दही खाना चाहिए? (What types of yogurt should you eat?)

    सादा पाश्चुरीकृत ग्रीक योगर्ट सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इसे छाना जाता है और इसमें लैक्टोज की मात्रा कम होती है। बिना चीनी वाले ग्रीक योगर्ट में ग्लूकोज की मात्रा नहीं होती है और यह गर्भाकालीन मधुमेह वाली गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है। प्राकृतिक रूप से मीठा दही जैसे फलसहित दही भी गर्भावस्था के दौरान खाना सुरक्षित है।

    गर्भावस्था में दही सेवन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां (Precautions while eating curd during pregnancy)

    गर्भावस्था में दही खाते समय आपको केवल एक ही सावधानी बरतने की आवश्यकता है कि यह अवश्य सुनिश्चित कर लें कि दही कच्चे दूध से नहीं बल्कि पाश्चुरीकृत दूध को किण्वित(फर्मेंट) करके बनाया गया हो, और इसकी समाप्ति तिथि के साथ-साथ इसमें चीनी की मात्रा की भी जांच की जानी चाहिए।

    इसे भी पढ़ें - गर्भावस्था में मशरूमः प्रकार, फायदे और रिस्क

    क्या यह धारणा सही है कि गर्भावस्था में दही खाने से बच्चा गोरा पैदा होता है? (Is it accurate to say that consuming curd while pregnant makes the child fair?)

    यह व्यापक रूप से ज्ञात और स्वीकृत है कि माँ जो कुछ भी खाती है, बच्चे तक भी अंदर वही पहुँचता है। लेकिन यह धारणा कि गर्भावस्था में दही खाने से बच्चा गोरा होगा, गलत है। यह बिल्कुल सही है कि दही के रोजाना सेवन से आपकी त्वचा की गुणवत्ता में सुधार होता है और वह नमीयुक्त और कोमल बनती है। दही के सेवन से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है। अगर आपका पेट स्वस्थ है तो यह आपकी त्वचा पर दिख जाता है।

    इसे भी पढ़ें - गर्भावस्था में किवी फ्रूट खाने के फायदे

    स्वस्थ और स्वादिष्ट दही स्मूदी रेसिपी (Healthy and delicious yogurt smoothie recipe)

    ठंडे जामुन और नट्स से बनाई जाने वाली दही स्मूदी काफी ज्यादा प्रचलित है और उन लोगों के द्वारा बहुत पसंद की जाती है जिन्हें खट्टा बहुत पसंद होता है। स्मूदी बनाने के लिए पके फलों का उपयोग करना बेहतर होता है जो पाचन और मल त्याग में मदद करता है। यदि इसमें कुछ मेवे या बीज भी मिला लिए जाएँ तो यह निश्चित रूप से गुणों से भरपूर और स्वस्थ बन जाता है। एक स्वस्थ दही स्मूदी बनाने की बेहतरीन रेसिपी इस प्रकार है:

    सामग्री (Ingredients)

    • पके ठंडे केले - एक मुट्ठी
    • पके ठंडे सेब - एक मुट्ठी
    • वनीला एसेंस - 1 छोटा चम्मच
    • अपनी पसंद के मेवे या बीज - 1 बड़ा चम्मच
    • बर्फ के टुकड़े - 2-3
    • मीठारहित दही - 1 कप

    तरीका (Process)

    ब्लेंडर में ठंडे फल, बर्फ के टुकड़े और वेनिला एसेंस डालें और इन्हें अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें। अब इसमें दही डालकर इसे एक बार फिर से ब्लेंड करें। जरूरत लगे तो एक चम्मच चीनी डाल लें। तैयार मिश्रण को सर्विंग ग्लास में निकाल लें। मेवों या बीजों को पीसकर बारीक कर लें और इसे स्मूदी पर डालें। अब इसे अच्छी तरह चलाकर इसका आनंद लें।

    References

    1. He A, Chin J, Lomiguen CM. (2020). Benefits of Probiotic Yogurt Consumption on Maternal Health and Pregnancy Outcomes: A Systematic Review. Cureus.

    2. Kriss JL, Ramakrishnan U, Beauregard JL, Phadke VK, Stein AD, Rivera JA, Omer SB. (2018). Yogurt consumption during pregnancy and preterm delivery in Mexican women: A prospective analysis of interaction with maternal overweight status. Matern Child Nutr.

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    Curd During Pregnancy in English, Curd During Pregnancy in Tamil, Curd During Pregnancy in Telugu, Curd During Pregnancy in Bengali

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    Written by

    Parul Sachdeva

    A globetrotter and a blogger by passion, Parul loves writing content. She has done M.Phil. in Journalism and Mass Communication and worked for more than 25 clients across Globe with a 100% job success rate. She has been associated with websites pertaining to parenting, travel, food, health & fitness and has also created SEO rich content for a variety of topics.

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