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    Foods That Cause Gas and Indigestion in Hindi | गैस और बदहजमी को बढ़ावा देती हैं ये सब्ज़ियाँ!

    Diet & Exercise

    Foods That Cause Gas and Indigestion in Hindi | गैस और बदहजमी को बढ़ावा देती हैं ये सब्ज़ियाँ!

    15 August 2023 को अपडेट किया गया

    फल और सब्जियाँ हमारे लिए लाभदायक होती हैं लेकिन कुछ ऐसी सब्जियां भी होती हैं जिनके सेवन से आपको बादी की समस्या हो सकती है. आपने बड़े-बुजुर्गों को कभी यह कहते ज़रूर सुना होगा कि फलां सब्जी को बरसात में नहीं खाना चाहिए, यह बादी करती है. क्या आप को पता है कि यह बादी क्या है? असल में बादी एक आयुर्वेदिक शब्द है जिसका अर्थ शरीर में वाय या वायु बढ्ने से है.

    इसकी वजह से आपको शरीर में भारीपन, उठने के बाद शरीर बंधा हुआ महसूस होना, शरीर टूटना, आलस और सुस्ती महसूस होती है. साथ ही पेट दर्द और गैस जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं. आयुर्वेद के अनुसार गैस और बदहजमी के रोगी अगर बादी करने वाली चीजों का सेवन करते हैं, तो यह उनकी समस्या को और भी बढ़ा सकता है.

    इसे भी पढ़ें : सुबह बीमारी का इलाज करने के लिए प्राकृतिक उपचार

    अब शायद आप यह जानना चाहेंगे कौन सी हैं ऐसी गैस करने वाली सब्ज़ियाँ.

    आयुर्वेद के अनुसार हर व्यक्ति का शरीर अलग प्रकृति का होता है और इसलिए अलग अलग लोगों को अलग-अलग सब्जियों से बादी हो सकती हैं. आगे आपको बताएँगे ऐसी ही कुछ सब्जियों के बारे में (Vegetables to avoid if suffering from gastric)

    बादी करने वाली सब्ज़ियाँ (Baadi Vegetables Name List in Hindi)

    1.टमाटर (Tomato)

    सीमित मात्रा में टमाटर का सेवन फायदेमंद होता है. लेकिन अगर आप सर्दियों में ज्यादा टमाटर खाते हैं, तो आपको गैस, बदहजमी, उल्टी और शरीर में सुस्ती जैसी शिकायत हो सकती है.

    2.आलू (Potato)

    ज़्यादातर लोग अपनी रोज़मर्रा की डाइट में आलू का प्रयोग करते हैं खास तौर पर सर्दियों में रोजाना आलू का पराठा खाना पसंद करते हैं. अधिक आलू के प्रयोग से आपको बादी की शिकायत हो सकती है. अगर आपका डाइज़ेशन मज़बूत नहीं है तो ज्यादा मात्रा में इसे खाने से बचें.

    3.ब्रोकली और फूलगोभी (Broccoli and cauliflower)

    ब्रोकली और फूलगोभी दोनों ही बादी की समस्या को बढ़ा सकती हैं इसलिए सर्दियों में भी इनका सेवन कंट्रोल में करना चाहिए. ब्रोकली हालांकि पोषक तत्वों से भरपूर होती है जिसे सलाद के रूप में भी खाया जाता है लेकिन इसको पचाने में कठिनाई होती है और यह बेहद गैस बनाती है.

    4.शिमलामिर्च (Capsicum)

    चाइनीज़ रेसिपीज़ में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली शिमला मिर्च हर घर में लगभग साल भर खाई जाती है जो कई रंगों में आती है. लेकिन हरी शिमला मिर्च गैस को बढ़ाती है और इसलिए इसका अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए. यह भारी सब्जियो में शामिल है.

    5.बीन्स (Beans)

    बीन्स में आने वाली सब्ज़ी और दालें सभी बादी होती हैं. फिर चाहे फ्रेंचबीन हों, लोबिया हो या मटर. सभी तरह की बीन्स गैस पैदा करती हैं इसलिए गैस्टिक की परेशानी वाले व्यक्तियों को अपने भोजन में बींस बहुत कम मात्रा में खानी चाहिए.

    6.पत्ता गोभी (Cabbage)

    पत्ता गोभी भी बादी करने वाली सब्जियों में से एक है जिसे अगर आप अधिक मात्रा में खाएँगे तो आपको गैस, बदहजमी और पेट फूलने जैसी समस्याएँ हो सकती हैं.

    7.अरबी (Taro root)

    अरबी या पिनालू के ट्यूबर्स और पत्ते दोनों ही खाये जाते हैं और व्रत में अरबी का उपयोग खास तौर पर किया जाता है. अरबी बेहद बादी होती है और इसलिए इसे बनाने के लिए अजवाइन और हींग का छौंक लगाना चाहिए जिससे इसका बादीपन कुछ कम हो जाता है. जिन के पेट में गैस बनने की समस्या हो, उन्हें इसका प्रयोग भी सीमित मात्रा में ही करना चाहिए.

    8.भिंडी (Lady finger)

    डायबिटीज में भिंडी बहुत ही फायदेमंद है लेकिन यह भी बादी वाली सब्जी है. अधिक मात्रा में खाने पर यह गैस को बढ़ाती है.

    सर्दियों में होती है बादी की समस्या (Badi's Problem Occurs in Winter in Hindi)

    आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों में बादी की समस्या बढ़ सकती है. इसका कारण ये है कि ठंड में लोग सामान्यतः कम पानी कम पीते हैं, जिसकी वजह से शरीर में टौक्सिन्स बढ्ने से बादी भी बढ़ जाती है.

    इसके अलावा मौसम में तेज़ ठंड होने के दौरान ठंडी प्रकृति की सब्जियों का सेवन करने से भी बादी के रोग जैसे जोड़ों का दर्द इत्यादि बढ़ने लगता है.

    बादी की समस्या से कैसे राहत पाएँ? (How to Get Relief From the Problem of Badi in Hindi)

    आयुर्वेदिक एक्स्पर्ट्स के अनुसार अगर आप बादी की समस्या से राहत पाना चाहते हैं, तो सबसे अच्छा उपाय है कि आप सर्दियों में गर्म चीजों का सेवन करें.

    इसके अलावा आप अपने आहार में पिप्पली और सोंठ (अदरक) का इस्तेमाल नियमित रूप से करें. इससे आपको काफी फायदा होगा. हालांकि आयुर्वेद में बादी रोग से राहत के लिए कई तरह की दवाइयां और गैस कम करने के चूर्ण आदि (Gastric solution) भी मौजूद हैं.

    गर्मी और सर्दी में पानी की मात्रा एक जैसी रखें. अगर आपको पसीना कम आता है, तो आप सर्दी में 1 से 2 गिलास पानी कम पी सकते हैं. बहुत कम पानी पीने से बादी के साथ किडनी की प्रॉबलम भी हो सकती है इसलिए ठंड में भी अपने शरीर की जरूरत के अनुसार पानी ज़रूर पिएं.

    ठंडी तासीर वाली चीजें जैसे- आइस-क्रीम, ठंडा दूध, फ्रिज में रखा हुआ ठंडे दही इत्यादि का सेवन करने से बचें.

    सामान्यतः भोजन में इन सब्जियों के सीमित इस्तेमाल से निश्चित ही बादी की समस्या से बचा जा सकता है. अगर आप को पहले से ही गैस्टिक या बदहज़मी की शिकायत है तो बादी सब्जियों से पड़ने वाले प्रभाव के अनुसार उन्हें कम मात्रा में खाएँ या पूरी तरह से दूरी बना लें.

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    Written by

    Kavita Upreti

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