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    Benefits of Khechari mudra in Hindi | खेचरी मु्द्रा से रखें अपने शरीर को फिट!

    Yoga

    Benefits of Khechari mudra in Hindi | खेचरी मु्द्रा से रखें अपने शरीर को फिट!

    15 August 2023 को अपडेट किया गया

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    क्या होती है खेचरी मुद्रा? (What is Khechari mudra in Hindi)

    योग और उससे जुड़े फ़ायदों के बारे में तो हम सब जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं खेचरी मुद्रा क्या होती है और खेचरी मुद्रा के लाभ क्या हैं?

    आइये सबसे पहले जानते हैं कि आखिर खेचरी का मतलब क्या है. असल में खेचरी शब्द संस्कृत के दो वर्ण ‘खे’ और ‘चर’ से मिलकर बना है. संस्कृत में खे का मतलब आसमान और चर का मतलब चलने वाला होता है. भारतीय योग पद्धति में खेचरी मुद्रा को अमृत से जोड़कर देखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि खेचरी मुद्रा को सिद्ध कर लेने पर योगी लोग विशुद्धि चक्र में टपकने वाली अमृत की बूँदो का सेवन कर अपनी भूख और प्यास मिटा लेते हैं. ऐसा भी माना जाता है कि इससे वो अपने पूरे शरीर को ताकतवर और रोग मुक्त कर सकते हैं. इसीलिए हठयोग में इसे अमृतपान भी कहा जाता है

    खेचरी मुद्रा के फ़ायदे (Benefits of Khechari mudra in Hindi)

    चलिये अब आपको बताते हैं खेचरी मुद्रा के लाभ. खेचरी मुद्रा के कई लाभ हैं जिनमें से मुख्य हैं

    • शारीरिक विकारों से मुक्ति

    • खेचरी मुद्रा के रोजाना अभ्यास से आलस, भूख और प्यास पर काबू पाया जा सकता है. इसका एक बहुत बड़ा फायदा ये भी है कि इसको करने से किसी भी इंसान की रोगों से लड़ने की ताकत यानि कि इम्यूनिटी मजबूत हो जाती है.

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    • लंबी उम्र ऐसा कहा गया है कि जो भी नियमित रूप से इसका अभ्यास करता है उसे लंबा जीवन मिलता है और कम उम्र में उसकी मृत्यु नहीं होती. ऐसा भी विश्वास है कि इस को करने से शरीर जल्दी बूढ़ा नहीं होता है.

    • पाइल्स से निजात - बवासीर के मरीजों को खेचरी मुद्रा के नियमित अभ्यास से काफी फायदा होता है.

    • साँसों कर नियंत्रण - इसके लगातार अभ्यास से साँसों पर कंट्रोल हो जाता है, हालांकि ऐसा होने में काफी समय लगता है.

    • कुंडलिनी जागृत होना - कई योगियों का ये भी मानना है कि इस को लगातार लंबे समय तक करने से कुण्डलिनी तक जागृत हो सकती है.

    खेचरी मुद्रा का अभ्यास कैसे करते हैं? ( Khechari mudra steps in Hindi)

    खेचरी मुद्रा एक बहुत ही लाभकारी आसन है, लेकिन इसका सही तरीके से अभ्यास करना बहुत ज़रूरी है. अब आपको बताएँगे खेचरी मुद्रा करने का सही तरीका.

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    • आसन लगाएँ- खेचरी मुद्रा को करने के लिए सबसे पहले आप किसी भी सरल आसन जैसे कि वज्रासन या सुखासन में बैठ जाएँ.

    • जीभ को घुमाएँ- अब आप अपनी जीभ को घुमा कर ऊपर तालू की ओर मोड लें या फ़ोल्ड कर लें और फिर इसे तालू से पीछे की तरफ अंदर की ओर ले जाने की कोशिश करें.

    • गहरी सांस लें- जीभ को पीछे ले जाते हुए धीरे धीरे गहरी सांस लें और सांस को जितनी देर तक हो सके, रोकने की कोशिश करें. जिनकी जीभ छोटी होती है वो शुरू में तालू के आगे के हिस्से को ही छू पायेंगे.

    • जीभ की लंबाई- आप इसको लगातार करते रहंगे तो आपकी जीभ ज़्यादा अंदर की तरफ जाने लगेगी और मुंह और गले की कोमल सतह को छूने लगेगी. जिनकी जीभ लम्बी होती है वो शुरू से ही इस मुलायम सतह को छू सकते हैं. आपको सुबह और शाम इसका अभ्यास करते हुए अपनी जीभ को गले के अन्दर की तरफ ले जाने की कोशिश करनी चाहिए.

    • नियमित अभ्यास करें- खेचरी मुद्रा का पूरा फायदा इसको लगातार करने से ही मिलता है और लगातार इसका अभ्यास करने से कुछ समय बाद आपकी जीभ दिमाग से जुड़ी हुई नर्व को छूने लगेगी. इस स्थिति के बाद आप को धीरे धीरे इससे से जुड़े हुए फ़ायदों का अनुभव होगा.

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    खेचरी मुद्रा से जुड़ी ज़रूरी सावधानियाँ (Khechari mudra precaution in Hindi)

    सही तरीके से करने पर खेचरी मुद्रा के साइड इफेक्ट्स नहीं होते लेकिन खेचरी मुद्रा करने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी बहुत ज़रूरी हैं, वरना इसके नुकसान भी हो सकते हैं.

    • योग गुरु से सीखें - खेचरी मुद्रा को शुरू करने से पहले किसी अच्छे योग गुरु या टीचर से इसे करने का सही तरीका सीखना चाहिए. आप इसको अपने मन से बिलकुल भी नहीं करें क्योंकि गलत तरीके से करने पर आपको नुकसान हो सकता है.

    • बहुत ज्यादा अभ्यास न करें - ये ध्यान रखें की आप जल्दबाज़ी ना करें. शुरूवात में इसे ज्यादा देर तक न करें और धीरे धीरे अभ्यास को बढ़ाएँ.

    • कब कर दें बंद - खेचरी मुद्रा को करते वक्त अगर आपके मुँह में किसी तरह का कड़वा स्वाद आये, तो आपको इसे करना बंद कर देना चाहिए.

    • मुंह की चोट - अगर आपके मुंह में किसी तरह का घाव या इन्फैक्शन है तो इसे बिलकुल नहीं करना चाहिए.

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    • करने के सही समय – खेचरी मुद्रा का अभ्यास तभी करें जब आपका मन शांत हो. किसी भी तरह की हैवी फिज़िकल एक्टिविटी के बाद इसका अभ्यास बिलकुल नहीं करना चाहिए.

    उम्मीद है खेचरी मुद्रा से जुड़ी इस पोस्ट की जानकारी आपको पसंद आई होगी और इसे किसी अनुभवी योग गुरु से सीख कर आप भी इसका फायदा उठायेंगे.

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    Written by

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