

General Father
12 December 2022 को अपडेट किया गया
एक वक्त के बाद आपके शिशु के सोने का रूटीन सही होने लगता है, लेकिन अब वह एकदम से रात में जगने लगता है या बिना किसी कारण के रोने लगता है. इस वक्त बच्चे को अकेले छोड़ना भी उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं आता है. आप भी यह देखकर परेशान हो जाती होंगी कि आखिर शिशु ऐसा क्यों कर रहा है. शिशु ऐसा इसलिए करता है कि क्योंकि उसे लगता है कि उसे अपनी मां से अलग ना कर दिया जाए. यह बिल्कुल सामान्य है, इसमें आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. यह आपके और शिशु के बीच के मज़बूत रिश्ते को दर्शाता है. इसके लिए इन 5 संकेतों पर ध्यान दें
जब शिशु को इस बात की चिंता रहती है कि उसे मां से अलग कर दिया जाएगा, तब वह रात में बार-बार जगने और रोने लगते हैं. 9-18 महीनों के बीच शिशु में ऐसा विकास होता है. दरअसल इस वक्त शिशु में इतने बदलाव दीखते हैं कि उसे अपनी मां से अलग होने की चिंता सताने लगती है. इसलिए शिशु को यह आश्वासन चाहिए होता है (खासकर कि रात में) कि उसकी मां उसके पास ही रहे.
मां से अलग होने की चिंता से शिशु जल्दी जग जाता है. ऐसे में मां के बिना बच्चे को सुलाना बहुत मुश्किल होता है. यह एक अच्छा संकेत है. इसका मतलब यह हुआ कि शिशु को अपनी मां से बेहद लगाव है. यह एक मजबूत मनोवैज्ञानिक संकेत है कि वह आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता से बड़ा होगा
किसी और के साथ होने पर शिशु का रोना
आपका शिशु भले ही पहले आया (Nanny) के साथ या नर्सरी में खुश रहता हो, लेकिन अब शायद वह ऐसा ना करें. इतना ही नहीं, वह दूसरे लोगों के पास जाने पर भी रोने लगता है. इस दौरान यह काफी सामान्य क्रिया है.
इस समस्या को सुलझाने के लिए आप परफ्यूम का इस्तेमाल कर सकती है. आप कोई विशेष परफ्यूम लगाएं और 4-6 हफ्ते बाद घर के दूसरों लोगों को भी यही लगाने के लिए कहें या घर में यह परफ्यूम छिड़के. इससे बच्चा इस खुश्बू को आपसे जोड़कर देखेगा और दूसरों लोगों के साथ या आपसे दूर होने पर अकेला महसूस नहीं करेगा.
अगर आप दिन में भी कुछ देर के लिए कहीं जाएं (जैसे – वॉशरूम या दूसरे रूम में) तो भी शिशु रोने लगता है. शिशु को अलग होने की चिंता सिर्फ रात में ही नहीं दिन में भी सताती है, चाहे आप उसे 2-3 मिनट के लिए ही अकेला क्यों ना छोड़े. इस वक्त आप नोटिस करेंगी कि जब आप अपने बच्चे को छोड़कर जाए तो वह ना सिर्फ परेशान हो जाता है, बल्कि आपकी गोद में ही रहने की ज़िद करने लगता है.
अगर आपका शिशु अपने पसंदीदा खिलौने से खेलना छोड़ दें तो परेशान होने की ज़रूरत नहीं है. इस वक्त ऐसा होता है कि जो खिलौना बच्चे को पहले बहुत पसंद था, अब वह उसको छोड़कर अपनी मां से साथ खेलना चाहता है. शिशु के साथ खेलने में भले ही आपका थोड़ा वक्त जाए, लेकिन ऐसा करने से शिशु को यह अहसास होगा कि आप उसे छोड़कर कहीं नहीं जा रही हैं.
Yes
No

Written by
Jyoti Prajapati
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