Pregnancy
12 December 2022 को अपडेट किया गया
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को ख़ास देखभाल की ज़रूरत पड़ती है. इस दौरान उनके खान-पान से लेकर उठने-बैठने की हर चीज़ का खास ख्याल रखना पड़ता है, तभी माँ और बच्चा इस 9 माह के लंबे समय के दौरान हेल्दी रहते हैं. इस रिस्क के दौरान होने वाली छोटी-सी गलती माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी यानी माँ और बच्चे से जुड़ी सेहत संबंधी समस्याओं का अधिक होना. यह रिस्क कई तरह के हो सकती हैं, जैसे- बच्चे का विकास धीमी गति से होना, समय से पहले लेबर पेन (प्रसव पीड़ा), खून ना बनना, डायबिटीज आदि. इसलिए इस दौरान महिला को अपना विशेष ध्यान रखने की ज़रूरत चाहिए. सही बचाव से ही वह अपने आने वाले बच्चे को सुरक्षित रख सकती है.
जिन महिलाओं को सेहत से जुड़ी ये समस्याएं पहले से ही होता है, जैसे- मधुमेह, कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, किडनी से जुड़ी समस्या, अस्थमा, दिल से जुड़ी समस्या या फिर मिर्गी के दौरे पड़ना या फिर महिला को एच.आई.वी या हेपेटाइटिस सी जैसे किसी भी प्रकार का संक्रमण हुआ हो. ऐसी महिलाओं की प्रेग्नेंसी हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की लिस्ट में ही आती हैं, क्योंकि यह बच्चे पर अपना बुरा प्रभाव डाल सकती है.
हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त महिला कंसीव तो करती हैं लेकिन उन्हें कई तरह के जोखिमों का सामना करना पड़ता हैं और खुद का ख़ास ख़्याल भी रखना पड़ता है. अनियंत्रित उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) महिला व बच्चे के गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है.
पीसीओएस एक ऐसा विकार है जो गर्भवती होने और गर्भवती रहने के लिए एक महिला की क्षमता को कम कर सकता है. वहीं पीसीओएस गर्भपात की उच्च दर, गर्भावधि मधुमेह, प्रीक्लेम्पसिया, और समय से पहले प्रसव के खतरे को बढ़ा सकता है.
अक्सर महिलाओं को गर्भवती होने से पहले पता ही नहीं होता है कि उनको डायबिटीज है. डायबिटीज गर्भावस्था के पहले कुछ हफ्तों के दौरान बर्थ डिफेक्ट पैदा कर सकता है. गर्भावधि के दौरान होने वाले मधुमेह से रक्त में शर्करा बहुत अधिक हो जाती है, जो अजन्मे बच्चे के लिए अच्छा नहीं होती. यहीं वजह एक हाई रिस्क प्रेग्नेंसी का कारण बन सकती है.
किडनी की बीमारी के साथ महिलाओं को अक्सर गर्भवती होने में कठिनाई होती है, और इसमें गर्भपात का जोखिम अधिक होता है. गुर्दा रोग वाली गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त उपचार, आहार और दवा में परिवर्तन और डॉक्टर के पास सही समय पर चेकअप करवाना ज़रूरी हो जाता है.
थाइराइड की समस्या भी महिला के गर्भधारण में मुश्किलें खड़ी करती है. अगर प्रेग्नेंसी हो भी जाए तो वह रिस्की लिस्ट में ही रहती है.
जो महिलाएँ धूम्रपाम, अल्कोहल या अन्य किसी तरह के नशीले पदार्थ का सेवन करती हैं, उनकी प्रेग्नेंसी भी हाई रिस्क में शामिल होती है. क्योंकि इन चीजों का माँ और बच्चा दोनों पर असर पड़ता है.
ओवरवेट या मोटापे की शिकार महिलाओं की प्रेग्नेंसी भी हाई रिस्क होती है, क्योंकि इन महिलाओं को अक्सर हाई ब्लड प्रेशर, थाइरायड, डायबिटीज जैसे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
यदि महिला जुड़वां बच्चों की माँ बनने वाली हो तो यह बच्चे हाई रिस्क बेबी होते हैं, जिनके समय से पहले होने का खतरा अधिक रहता है.
महिला का पहले दो या उससे अधिक बार गर्भपात हुआ हो. इन महिलाओं का अधिक देर तक बच्चा गर्भ में टिक नहीं पाता है. इसी वजह से इनकी प्रेग्नेंसी भी हाई रिस्क में रहती है.
छोटी या बड़ी उम्र में प्रेग्नेंसी कंसीव करना भी हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में शामिल है. 18 से कम और 35 से ज़्यादा उम्र की महिलाओं में एनीमिया की कमी और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अधिक होने लगती हैं.
Yes
No
Written by
Loveleen Gupta
A working mother with more than two decades of experience in writing for the publishing industry and digital space, Loveleen Gupta loves dabbling in creative writing also. A graduate from Miranda House, she uses her personal experiences to express herself.
Read MoreGet baby's diet chart, and growth tips
प्रेग्नेंसी के दौरान वज़न को नियंत्रित रखने के लिए अपनाएं ये 7 टिप्स
गर्भावस्था के दौरान और बाद में पीठ दर्द से छुटकारा पाने के 5 बेहतरीन तरीक़े
टमी टाइम : यह क्या है और शिशु को कौन -सी उम्र से पेट के बल लिटाना चाहिए ?
नवरात्रों के व्रत और गर्भवती महिलाएँ - कैसे रखें अपना ख्याल
क्या प्रेग्नेंसी के दौरान मसूड़ों से खून आना सामान्य है?
गर्भावस्था में चक्कर से राहत पाने के लिए आप क्या कर सकती हैं?
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream | newborn diapers | teether | baby kajal | baby diapers | cloth diapers |