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  • Kapikacchu in Hindi | जानें कपिकच्छु कैसे करता है फर्टिलिटी बूस्ट करने में मदद! arrow

In this Article

  • कपिकच्छु क्या होता है? (Kapikacchu meaning in Hindi)
  • कपिकच्छु के क्या फ़ायदे होते हैं? (Kapikacchu benefits in Hindi)
  • 1. स्पर्म काउंट और क्वालिटी में सुधार करे (Improves sperm count and quality)
  • 2. टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाए (Boosts testosterone levels)
  • 3. सेक्स के प्रति रुचि बढ़ाए (Increases libido)
  • 4. महिलाओं की प्रजनन क्षमता में सुधार करे (Enhances female fertility)
  • 6. पार्किंसंस रोग में मदद करता है (Helps with Parkinson's disease)
  • 7. यूटीआई को कम करता है (Alleviates UTI)
  • 8. डायबिटीज को कंट्रोल करे (Control diabetes)
  • 9. वज़न को कंट्रोल करे (Control weight)
  • कपिकच्छु का कैसे करें सेवन? (How to consume kapikacchu in Hindi)
  • कपिकच्छु के साइड इफेक्ट्स (Side effects of kapikacchu in Hindi)
  • प्रो टिप (Pro Tip)
  • रेफरेंस
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Kapikacchu in Hindi | जानें कपिकच्छु कैसे करता है फर्टिलिटी बूस्ट करने में मदद!

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Kapikacchu in Hindi | जानें कपिकच्छु कैसे करता है फर्टिलिटी बूस्ट करने में मदद!

6 October 2023 को अपडेट किया गया

कपिकच्छु जिसे आम भाषा में कौंच के बीज भी कहा जाता है आयुर्वेदिक दवाओं में प्रयोग होने वाले एक पौधे के बीज हैं जिनमें अद्भुद औषधीय गुण होते हैं. आइये विस्तार से जानते हैं कपिकच्छु (Kapikacchu in Hindi) के बारे में.

कपिकच्छु क्या होता है? (Kapikacchu meaning in Hindi)

कपिकच्छु जिसे मुकुना प्रुरिएन्स (Mucuna pruriens) भी कहते हैं; भारत और एशिया के अन्य क्षेत्रों का नेटिव फलदार पौधा है और इसके मेडिसिनल फ़ायदों के कारण आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसे अत्यधिक महत्व दिया जाता है. यह लेवोडोपा (levodopa) से भी भरपूर है जो डोपामाइन रिलीज़ करने में काम आता है और इसलिए पार्किंसंस के रोगियों में मेंटल अलर्टनेस बढ़ाने के लिए बेहद फ़ायदेमंद है.

कपिकच्छु के क्या फ़ायदे होते हैं? (Kapikacchu benefits in Hindi)

सेक्स ड्राइव बढ़ाने से लेकर इंफर्टिलिटी की समस्या को कवर करने वाले इन कौंच के बीजों के कई सारे फ़ायदे हैं जिनके बारे हम आगे आपको बताएँगे.

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1. स्पर्म काउंट और क्वालिटी में सुधार करे (Improves sperm count and quality)

कपिकच्छु हमेशा से शुक्राणुओं की संख्या, मोबिलिटी और आकार को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता रहा है. इसमें एल-डोपा जैसे प्राकृतिक कंपाउंड होते हैं जो ब्रेन में डोपामाइन के प्रोडक्शन को बढ़ाते हैं और फर्टिलिटी हार्मोन को नियमित करने में मदद करते हैं जिससे पुरुषों की प्रजनन क्षमता में सुधार होता है. इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण शुक्राणुओं को ऑक्सीडेटिव डैमेज से भी बचाते हैं, जिससे ओवर ऑल रिप्रोडक्टिव हेल्थ में बेहतरी आती है.

2. टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाए (Boosts testosterone levels)

कपिकच्छु में एल-डोपा जैसे एक्टिव कंपाउंड होते हैं जो शरीर में हार्मोन्स के प्रोडक्शन को प्रभावित करते हैं. कपिकच्छु टेस्टोस्टेरोन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है, जो मसल्स की मजबूती, बोन डेंसिटी और सेक्स ड्राइव सहित कई तरह की फिज़िकल एक्टिविटी के लिए ज़रूरी एक मेल हार्मोन है.

3. सेक्स के प्रति रुचि बढ़ाए (Increases libido)

कपिकच्छु के एक्टिव कंपाउंड डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं जिससे मूड अपलिफ्टमेंट और सेक्स ड्राइव में सुधार आता है. यह पुरुष और महिलाओं दोनों में उत्तेजना को बढ़ाता है.

इसे भी पढ़ें : जल्दी प्रेग्नेंट होने में मदद करेंगे ये टिप्स!

4. महिलाओं की प्रजनन क्षमता में सुधार करे (Enhances female fertility)

कपिकच्छु फ़ीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर भी काफ़ी सकारात्मक प्रभाव डालता है. इसके एक्टिव कंपाउंड हार्मोन्स को कंट्रोल करने में बेहद असरदार हैं जिससे मासिक धर्म की अनियमितता को ठीक करने और ओव्यूलेशन में सुधार के लिए इसका प्रयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है. इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रजनन कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाने की भी क्षमता रखते हैं.

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इसे भी पढ़ें : ओव्यूलेशन पीरियड को कैसे पहचानें?

5. तनाव और चिंता को कम करे (Reduces stress and anxiety)

कपिकच्छु स्ट्रेस और एंग्जाइटी को कम करने वाला माना जाता है. इसमें एल-डोपा होता है, जो मस्तिष्क में डोपामाइन के लेवल को बढ़ाता है जिससे बॉडी रिलेक्स महसूस करती है. इसके अलावा, इसमें सेरोटोनिन को बढ़ाने वाले कंपाउंड भी होते हैं जो मूड अपलिफ़्टमेंट में मदद करते हैं और साथ ही यह स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के लेवल को कम करने में भी मदद करता है.

6. पार्किंसंस रोग में मदद करता है (Helps with Parkinson's disease)

प्राकृतिक रूप से एल-डोपा रिच होने के कारण यह डोपामाइन को बढ़ाता है जिससे मोटर कंट्रोल और मूवमेंट रेगुलेशन में मदद मिलती है. इससे पार्किंसंस के कुछ ख़ास लक्षण, जैसे कंपकंपी होना (tremors) और स्टिफनेस (stiffness) में असरदार रूप से कमी आती है.

7. यूटीआई को कम करता है (Alleviates UTI)

यूटीआई को कंट्रोल करने में भी इसकी अद्भुद क्षमता है. इसके एंटी बैक्टीरियल गुण यूटीआई के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं और इसके कारण होने वाली सूजन और परेशानी से भी राहत देते हैं. कपिकच्छु के एंटीऑक्सीडेंट कंपाउंड यूरीनरी ट्रैक को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाकर यूरीनरी हेल्थ को ठीक रखते हैं.

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8. डायबिटीज को कंट्रोल करे (Control diabetes)

कपिकच्छु, के एक्टिव कंपाउंड इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ा सकते हैं, जिससे ब्लड शुगर रेगुलेट करने में मदद मिलती है. रिसर्च कहती हैं कि इसके सेवन से ब्लड शुगर तेज़ी से कंट्रोल में आती है और ग्लूकोज टोलरेंस में भी सुधार आता है. इसकी एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज़ से पेंक्रियाज़ के बीटा सेल्स, जो इंसुलिन प्रोडक्शन करते हैं उन्हें भी डैमेज से बचाया जा सकता है.

9. वज़न को कंट्रोल करे (Control weight)

माना जाता है कि कपिकच्छु, में मौजूद एल-डोपा भूख और तृप्ति से जुड़े हुए न्यूरोट्रांसमीटर पर असर डालता है जिससे बार बार कुछ न कुछ खाने की इच्छा को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं जिससे मोटापे का सीधा संबंध है. यह फैट मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है जिससे बॉडी में जमा फैट धीरे धीरे कम होने लगता है.

कपिकच्छु का कैसे करें सेवन? (How to consume kapikacchu in Hindi)

कपिकच्छु (Kapikacchu in Hindi) को कई तरह से अपनी पसंद के अनुसार प्रयोग किया जा सकता है; जैसे

1. कपिकच्छु बाज़ार में कैप्सूल के रूप में आसानी से उपलब्ध है जिसे आप निर्देशित मात्रा के अनुसार ले सकते हैं.

2. कपिकच्छु के पाउडर को पानी, जूस या स्मूदी के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है.

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3. इसके बीज या पाउडर को खौलते हुए पानी में भिगोकर उसका अर्क बना कर भी आप इसका सेवन कर सकते हैं.

4. कपिकच्छु टिंचर इसका अल्कोहल बेस वाला अर्क है जिसकी कुछ बूंदों को पानी या जूस में मिलाकर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें: रखे महिला और पुरुष दोनों की सेहत का ख़्याल

कपिकच्छु के साइड इफेक्ट्स (Side effects of kapikacchu in Hindi)

सही तरह से प्रयोग किए जाने पर कौंच के बीजों का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है, हालाँकि अत्यधिक सेवन से कुछ साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं; जैसे-

  • अधिक मात्रा में लेने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे मतली, सूजन, पेट की परेशानी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल दिक्कतें (gastrointestinal discomfort) हो सकती हैं.

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  • स्टिम्युलेंट प्रॉपर्टीज़ होने के कारण कभी कभी इससे स्लीप पैटर्न भी डिस्टर्ब हो सकता है.

  • कुछ व्यक्तियों को कपिकच्छु सप्लिमेंट के साइड इफ़ेक्ट के रूप में सिरदर्द का अनुभव भी हो सकता है.

  • कपिकच्छु पौधे के बीज या फली पर महीन रेशे जैसे बाल होते हैं जो कुछ लोगों की स्किन में जलन और एलर्जी जैसे रिएक्शन पैदा करते हैं.

  • कपिकच्छु कुछ दवाओं के साथ लिए जाने पर रिएक्शन कर सकता है जिसमें पार्किंसंस, डिप्रेशन और डाइबीटीज की दवाएँ शामिल हैं.

  • कपिकच्छु की एल-डोपा प्रॉपर्टीज़ ब्रेन में डोपामाइन के लेवल को प्रभावित करती हैं, जिससे सेंसेटिव व्यक्तियों की साइकिएट्रिक कंडीशन खराब होना या फिर मूड स्विंग्स और एंज़ाइटी जैसे लक्षण हो सकते हैं.

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प्रो टिप (Pro Tip)

कपिकच्छु एक सुरक्षित आयुर्वेदिक औषधि है लेकिन फिर भी इसका प्रयोग हमेशा किसी अनुभवी डॉक्टर से पूछ कर ही करना चाहिए. किसी भी हर्बल सप्लीमेंट की तरह इसे भी शुरुआत में कम मात्रा में लें और फिर सेवन बढ़ाने से पहले यह ध्यान दें कि आपका शरीर इसके प्रति कैसी प्रतिक्रिया दे रहा है. दिक्कत होने पर उपयोग तुरंत बंद कर दें और डॉक्टर की राय लें. प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफ़ीडिंग माँओं के अलावा कुछ ख़ास मेडिकल कंडीशन से जूझ रहे व्यक्तियों को इसके सेवन से बचना चाहिए.

रेफरेंस

1. Lampariello LR, Cortelazzo A, Guerranti R, Sticozzi C, Valacchi G.(2012). The Magic Velvet Bean of Mucuna pruriens. J Tradit Complement Med.

2. Lim PHC.(2017). Asian herbals and aphrodisiacs used for managing ED. Transl Androl Urol.

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Kapikacchu in English

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Kavita Uprety

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