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     Exclusive Breastfeeding in Hindi | माँ और बेबी दोनों के लिए फ़ायदेमंद होती है एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग!

    Breastfeeding & Lactation

    Exclusive Breastfeeding in Hindi | माँ और बेबी दोनों के लिए फ़ायदेमंद होती है एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग!

    8 August 2023 को अपडेट किया गया

    स्तनपान (ब्रेस्टफ़ीडिंग) न सिर्फ़ बच्चे के विकास में अहम रोल निभाता है; बल्कि यह माँ की सेहत के लिए भी फ़ायदेमंद होता है. ब्रेस्टमिल्क शुगर, फैट्स, पानी और प्रोटीन जैसे सभी ज़रूरी न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग क्या होती है (Exclusive breastfeeding meaning in Hindi)? चलिए इस आर्टिकल के ज़रिये आपको एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग के फ़ायदों के बारे में बताते हैं!

    एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग क्या है? (Exclusive breastfeeding meaning in Hindi)

    जब बच्चा शुरुआती 6 महीनों तक बिना सॉलिड या अन्य कोई चीज़ पिये बिना सिर्फ़ स्तनपान करता है, तो उसे विशिष्ट स्तनपान या एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग कहा जाता है. इस दौरान बच्चे की पोषण से संबंधित सभी ज़रूरतें सिर्फ़ माँ के दूध से ही पूरी होती हैं. ब्रेस्टमिल्क में बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो बच्चे के इम्यून सिस्टम को मज़बूत करते हैं और उसे कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं.

    बेबी के लिए एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग के फ़ायदे (Benefits of Exclusive Breastfeeding for the baby in Hindi)

    एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग से बेबी को कई तरह के फ़ायदे होते हैं; जैसे कि-

    1. संपूर्ण पोषण (Optimal nutrition)

    माँ को दूध बच्चे के लिए अमृत के समान होता है. इससे बच्चे की पोषण संबंधित सभी ज़रूरतें पूरी होती हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो माँ का दूध संपूर्ण पोषण का एक स्रोत होता है.

    2. इम्यून सिस्टम को बूस्ट करे (Boost immune system)

    ब्रेस्ट मिल्क में बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो बच्चे को इम्यून सिस्टम से बचाने में मदद करते हैं. इस तरह बच्चे को इंफेक्शन और बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.

    3. डाइजेस्टिव हेल्थ (Digestive health)

    ब्रेस्ट मिल्क आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है. इस तरह यह बच्चे के नाज़ुक डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए भी फ़ायदेमंद होता है. ब्रेस्ट मिल्क से बच्चे को कब्ज़, दस्त और गैस की समस्या नहीं होती है.

    4. कॉग्निटिव डेवलपमेंट (Cognitive development)

    ब्रेस्ट मिल्क में डीएचए (डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड) जैसे ज़रूरी फैटी एसिड होते हैं, जो ब्रेन के डेवलपमेंट और कॉग्निटिव फंक्शन में बहुत महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं.

    5. बीमारियों का कम खतरा (Reduced risk of chronic diseases)

    एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग से बच्चे को मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, अस्थमा, एलर्जी जैसी समस्याओं के रिस्क से बचाया जा सकता है.

    6. इमोशनल बॉडिंग (Emotional bonding)

    कुछ स्टडी की मानें तो जो बच्चे शुरुआती 6 महीनों तक सिर्फ़ स्तनपान करते हैं, वे अपने माँ से ज़्याद इमोशनली जुड़े होते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग से माँ और बच्चे का रिश्ता गहरा होता है.

    माँ के लिए एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग के फ़ायदे (Benefits of Exclusive Breastfeeding for the mother in Hindi)

    एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग जहाँ एक ओर बच्चे के लिए फ़ायदेमंद होती है, तो वहीं इससे माँ को भी ढेर सारे फ़ायदे होते हैं; जैसे कि-

    1. डिलीवरी के बाद जल्दी रिकवरी (Faster postpartum recovery)

    ब्रेस्टफ़ीडिंग ऑक्सीटॉसिन जैसे हार्मोन को रिलीज होने के लिए उत्तेजित करता है. इसके कारण डिलीवरी के बाद जल्दी रिकवरी होने में मदद मिलती है.

    इसे भी पढ़ें:Diet After Delivery in Hindi | डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

    2. वज़न कम करने में मदद (Weight loss)

    एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग से एक्सट्रा कैलोरी बर्न होती है, जिसकी मदद से माँ को प्रेग्नेंसी के बाद आये हुए फैट को कम करने में मदद मिलती है.

    3. ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर का कम खतरा (Reduced risk of breast and ovarian cancer)

    आपको जानकर हैरानी हो सकती है लेकिन यह सच है. एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग की मदद से माँ को ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर होने की आशंका कम हो जाती है.

    4. पोस्टपार्टम डिप्रेशन का कम रिस्क (Reduced risk of postpartum depression)

    ब्रेस्टफ़ीडिंग के कारण ऑक्सीटॉसिन और प्रोलैक्टिन जैसे हार्मोन्स ज़्यादा रिलीज़ होते हैं, जिसके कारण माँ ख़ुद को रिलेक्स महसूस करती है.

    5. रखे माँ की सेहत का ख़्याल (Long-term health benefits)

    जिस तरह ब्रेस्टफ़ीडिंग से बच्चा सेहतमंद रहता है, ठीक उसी प्रकार इससे माँ की सेहत को भी कई फ़ायदे होते हैं. ब्रेस्टफ़ीडिंग के कारण माँ को लंबे समय तक हेल्दी रहने में मदद मिलती है. इसके माँ को टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग, और रुमेटीइड गठिया जैसी समस्या होने की आशंका कम हो जाती है.

    एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग कब तक करवाना चाहिए? (How long to exclusively breastfeed in Hindi)

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मानें तो जन्म के बाद के शुरुआती 6 महीनों तक बच्चे को स्तनपान करवाना चाहिए. इसका मतलब यह कि इस दौरान बच्चे को सिर्फ़ माँ का ही दूध पीना चाहिए. माँ के दूध के अलावा, बच्चे को सॉलिड फूड्स या फिर कोई अन्य तरल पदार्थ नहीं देना चाहिए. हालाँकि, यहाँ पर हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हर बच्चा यूनिक होता है. इसलिए हर बच्चे की ज़रूरत भी अलग हो सकती है; जैसे- कुछ बच्चों को 6 महीनों से पहले ही कॉम्प्लिमेंटरी फूड्स की ज़रूरत हो सकती है, वहीं कुछ बच्चों को एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग के लिए थोड़े और समय की ज़रूरत हो सकती है.

    एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग के लिए टिप्स (Tips for successful exclusive breastfeeding in Hindi)

    आपकी सहूलियत के लिए हम यहाँ पर कुछ टिप्स शेयर करने जा रहे हैं, जो एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफ़ीडिंग में आपकी मदद कर सकते हैं!

    1. ब्रेस्टफ़ीडिंग के बारे में जानें (Educate yourself about breastfeeding)

    बच्चे के जन्म से पहले आप ब्रेस्टफ़ीडिंग के बारे में जितनी जानकारी जुटा सकते हैं, उतना अच्छा है. ब्रेस्टफ़ीडिंग से संबंधित क्लासेस जॉइन करें, किताबें पढ़ें. ब्रेस्टमिल्क की टेक्निक्स और पोजीशनिंग के बारे में जानें.

    2. स्किन-टू-स्किन कॉन्टैक्ट (Establish early skin-to-skin contact)

    बच्चे के जन्म के बाद से ही स्किन-टू-स्किन कॉन्टैक्ट को बढ़ावा दें. ऐसा करने से आपका और बेबी का रिश्ता मज़बूत होगा.

    3. बेहतर लैचिंग (Ensure a proper latch)

    इफेक्टिव ब्रेस्टफ़ीडिंग के लिए सही लैच का होना बहुत ही ज़रूरी है. ध्यान रखें कि बच्चा एरिओला और निप्पल को ठीक तरीक़े से अपने मुँह में लेता हो. साथ ही, बच्चे के होंठ बाहर की ओर निकले हुए हों.

    4. फ़ीड ऑन डिमांड (Feed on demand)

    जब भी बच्चा भूख के संकेत दें, तब उसे ब्रेस्टफ़ीडिंग करवाएँ. 24 घंटे में कम से कम 8 से 12 बार बच्चे को स्तनपान करवाएँ.

    5. धैर्य रखें (Stay patient)

    जहाँ कुछ माँओं के लिए ब्रेस्टफ़ीडिंग बहुत आसान होती है, तो वहीं दूसरी ओर कुछ माँओं को ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आप धैर्य रखें. ज़रूरत पड़ने पर आप सपोर्ट भी लें.

    इसे भी पढ़ें: आख़िर कैसी होनी चाहिए ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम्स की डाइट?

    प्रो टिप (Pro Tip)

    स्तनपान न सिर्फ़ माँ और बच्चे दोनों की सेहत के लिए ज़रूरी होता है; बल्कि इससे दोनों का रिश्ता भी मज़बूत होता है. इस अहम पड़ाव पर माँ को बहुत धैर्य रखना चाहिए.

    रेफरेंस

    1. Hossain M, Islam A, Kamarul T, Hossain G. (2018). Exclusive breastfeeding practice during first six months of an infant's life in Bangladesh: a country based cross-sectional study.

    2. Still R, Marais D, Hollis JL. (2017). Mothers' understanding of the term 'exclusive breastfeeding': a systematic review.

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    Jyoti Prajapati

    Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more

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