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Breast Changes
11 October 2023 को अपडेट किया गया
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प्रेग्नेंसी की शुरुआत से लेकर बच्चे के जन्म तक एक महिला को कई तरह के बदलावों से गुज़रना पड़ता है. हालाँकि, शुरुआत में महिलाएँ इन बदलावों को ठीक से समझ भी नहीं पाती हैं. इन्हीं में से एक बदलाव है- डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट साइज़़ का बढ़ जाना. माइलो के इस आर्टिकल में जानिए आख़िर डिलीवरी के बाद क्यों बढ़ता है ब्रेस्ट (स्तन) साइज़़ और क्या कोई ऐसे उपाय हैं, जिनकी मदद से ब्रेस्ट साइज़़ को फिर से शेप में लाया जा सकता है.
डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट का आकार बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं. यहाँ हम आपको कुछ मुख्य कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं.
प्रोलैक्टिन और एस्ट्रोजन जैसे प्रेग्नेंसी हार्मोन ब्रेस्ट बढ़ाने का काम करते हैं. यह हार्मोन ब्रेस्ट में दूध के प्रोडक्शन को भी बढ़ाते हैं, जिससे वह ज़्यादा बड़े भी हो जाते हैं.
बेबी को स्तनपान यानी कि ब्रेस्टफ़ाडिंग कराने से भी ब्रेस्ट साइज़़ बढ़ता है. जैसे ही बच्चा दूध पीता है, ब्रेस्ट के फैट सेल्स दूध बनाने वाले सेल्स में बदल जाते हैं, जिससे ब्रेस्ट साइज़़ बढ़ जाता है.
कुछ महिलाओं को जेनेटिक कारणों से भी ऐसा हो सकता है.
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दूध छुड़ाने या ब्रेस्टफ़ीडिंग बंद करने के बाद ब्रेस्ट साइज़़ हमेशा कम नहीं होता है. यह महिला के शरीर पर निर्भर करता है; कुछ महिलाओं को ब्रेस्ट के साइज़़ में कमी होने का अनुभव होता है, जबकि कुछ को कोई भी बदलाव अनुभव नहीं होता है. कुछ मामलों में, डिलीवरी के बाद महिलाओं के ब्रेस्ट में ढीलापन आ सकता है, जिसका मतलब है कि स्किन खिंची हुई और ढीली पड़ गई है.
डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट साइज़़ को नेचुरल तरीक़े से कम करने के लिए आप इन उपायों पर ग़ौर कर सकते हैं!
ब्रेस्ट साइज़़ को कम करने में डाइट का रोल अहम होता है. बैलेंस्ड और हेल्दी डाइट लेने से शरीर का अतिरिक्त फैट कम करने में मदद मिल सकती है, जिससे ब्रेस्ट साइज़़ भी कम होगा. प्रोसेस्ड और मीठे फूड से बचें, क्योंकि ये वज़न को बढ़ा सकते हैं. अपनी डाइट में न्यूट्रिएंट से भरपूर फलों, सब्ज़ियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन आदि को शामिल करें.
इसे भी पढ़ें : आख़िर कैसी होनी चाहिए ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम्स की डाइट?
ब्रेस्ट साइज़ को कम करने के लिए एक्सरसाइज भी़ बहुत ज़रूरी होती है. टहलना, जॉगिंग, तैरना या साइकिल चलाना जैसी एरोबिक एक्टिविटीज मसल्स को टोन करने और कैलोरी बर्न के लिए बहुत अच्छी होती हैं. पुश-अप्स या चेस्ट प्रेस जैसे स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज भी मसल्स बनाने और ब्रेस्ट साइज़ को कम करने में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा, ब्रेस्ट साइज़ को कम करने के लिए आप योग की मदद भी ले सकते हैं. कई ऐसे योगासन हैं, जो चेस्ट एरिया की मसल्स को टोन करके पूरे शरीर को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं.
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पानी वज़न घटाने के लिए ज़रूरी होता है और यह ब्रेस्ट साइज़ को कम करने में भी मदद करता है. भरपूर मात्रा में पानी पीने से शरीर में टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने और शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद मिल सकती है, जो ओवरआल हेल्थ के लिए ज़रूरी है. 8-10 गिलास पानी पिएं और मीठे पेय पदार्थों को भूलकर भी डेली रूटीन में शामिल ना करें.
ब्रा ब्रेस्ट के साइज़ को भी प्रभावित कर सकती है. इसलिए आरामदायक और अच्छी फिटिंग वाली ब्रा पहनने से बड़े ब्रेस्ट को कम दिखाने में मदद मिल सकती है. चौड़ी पट्टियों और मोटी गद्दी वाली ब्रा पहनने से बचें, क्योंकि यह ब्रेस्ट साइज़ को बढ़ा सकती हैं.
आपको जानकर हैरानी हो सकती है लेकिन आपके पोस्चर का भी ब्रेस्ट साइज़ पर असर होता है. अधिक झुक कर बैठने से आपके ब्रेस्ट ढीले और अधिक उभरे हुए दिखाई दे सकते हैं. इसलिए अगर आप अपने ब्रेस्ट साइज़ में सुधार करना चाहते हैं, तो अपने पोस्चर पर ज़रूर ध्यान दें.
एस्ट्रोजेन एक ऐसा हार्मोन होता है जो ब्रेस्ट को बड़ा करने का काम करता है. एस्ट्रोजेन के लेवल को कम करने से ब्रेस्ट के साइज़ को कम करने में मदद मिलती है, और ऐसा एस्ट्रोजेन से भरपूर कुछ फूड प्रोडक्ट्स; जैसे- सोया और डेयरी प्रोडक्ट्स का परहेज़ करके किया जा सकता है.
इसे भी पढ़ें : ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन का सही तरीक़ा क्या होता है?
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फाइटोएस्ट्रोजेन से भरपूर खाने की चीज़ें ब्रेस्ट साइज़ को कम करने में मदद कर सकती हैं. फाइटोएस्ट्रोजेन प्लांट-बेस्ड कंपोनेंट्स हैं जो शरीर में हार्मोन एस्ट्रोजन की तरह काम करते हैं. अलसी, सोयाबीन, छोले, दाल और तिल जैसी खाने की चीजों में फाइटोएस्ट्रोजेन काफ़ी ज़्यादा होते हैं और ब्रेस्ट साइज़ को कम करने में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा, आप इन चीज़ों को भी ट्राई कर सकते हैं;
अदरक सूजन को कम करके और अतिरिक्त हार्मोन बनाने की प्रक्रिया को रोककर ब्रेस्ट साइज़ को कम करने में मदद कर सकता है.
ग्रीन टी ब्रेस्ट साइज़ को कम करने के सबसे अच्छे और सबसे नेचुरल तरीक़ों में से एक है. इसमें पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो फैट बर्न करने और शरीर में एस्ट्रोजेन प्रोडक्शन को रोकने में मदद करते हैं.
अलसी के बीज भी ब्रेस्ट साइज़ को कम करने में मदद कर सकते हैं. यह लिग्नांस और फाइटोएस्ट्रोजेन से भरपूर होते हैं जो हार्मोन के लेवल को बैलेंस करने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं.
नीम और हल्दी भी ब्रेस्ट साइज़ को कम करने का एक बेहतरीन तरीक़ा है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यह शरीर में हार्मोन को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है, जिससे ब्रेस्ट का साइज़ कम हो जाता है.
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मछली के तेल का फ़ायदा यह है कि इसमें बड़ी मात्रा में ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है और यह सूजन को कम करने और हार्मोन को बैलेंस करने में मदद कर सकता है. इससे ब्रेस्ट साइज़ को कम करने में मदद मिल सकती है.
ब्रेस्ट साइज़ को कम करने के लिए मेथी बहुत ही इफेक्टिव होती है. यह फाइटोएस्ट्रोजेन से भरपूर होती है, जो हार्मोन को बैलेंस करने और सूजन को कम करने में मदद करती है.
डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट साइज़ को नेचुरली कम करने के लिए यह कुछ बेहतरीन तरीके़ हैं. हालाँकि, इनमें से कोई भी तरीक़ा अपनाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें.
इसे भी पढ़ें : ब्रेस्ट सिस्ट क्या है? जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय
बच्चे के जन्म के बाद शरीर बदलावों के अनुसार अपने आप को ढालने की कोशिश करता है, जिसके चलते ब्रेस्ट के आकार में बदलाव आ सकते हैं. हालाँकि, ऐसा होना बहुत ही नॉर्मल है. अधिकतर मामलों में डिलीवरी के एक साल बाद ब्रेस्ट सही आकार में आ जाते हैं. अगर एक साल के बाद भी आपको अपने ब्रेस्ट में कोई फ़र्क़ महसूस नहीं होता है, तो ऐसी स्थिति में आपको एक बार अपने डॉक्टर से बात करना चाहिए.
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1. Rauh C, Faschingbauer F, Haeberle L; et al. (2013). Factors influencing breast changes after pregnancy. Eur J Cancer Prev.
2. Vanky E, Nordskar JJ, Leithe H, Hjorth-Hansen AK, et al. (2012). Breast size increment during pregnancy and breastfeeding in mothers with polycystic ovary syndrome: a follow-up study of a randomised controlled trial on metformin versus placebo.
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Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
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