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    Anteverted Uterus in Hindi Meaning | क्या आप एंटेवर्टेड यूटरस होने पर प्रेग्नेंट हो सकते हैं?

    Reproductive health

    Anteverted Uterus in Hindi Meaning | क्या आप एंटेवर्टेड यूटरस होने पर प्रेग्नेंट हो सकते हैं?

    5 October 2023 को अपडेट किया गया

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    एंटेवर्टेड यूटरस (anteverted गर्भाशय) का मतलब है (anteverted meaning Hindi) पेट के सामने की ओर झुका हुआ यूटरस. इसका बॉडी पर या महिला के प्रेग्नेंट होने की क्षमता पर कोई इफ़ेक्ट नहीं पड़ता है. इसे आप इस तरह के उदाहरण से समझ सकते हैं; जैसे- कुछ लोगों की आँखों का रंग अलग होता है पर आँखें सामान्य रूप से काम करती है, उसी तरह एंटेवर्टेड यूटरस (uterus anteverted in Hindi) होना भी नॉर्मल है. इसी तरह कुछ मामलों में यूटरस पीछे की ओर झुका हुआ भी हो सकता है, जिसे रेट्रोवर्टेड यूटरस (retroverted uterus) कहते हैं. आइये एंटेवर्टेड शब्द को साइंटिफिकली (anteverted meaning in medical in Hindi) समझते हैं.

    एंटेवर्टेड यूटरस का मतलब क्या होता है? (Anteverted uterus meaning Hindi)

    एंटेवर्टेड यूटरस की स्थिति (anteverted uterus meaning Hindi) में गर्भाशय महिला की यूटरस सर्विक्स (cervix) पर आगे की ओर झुक जाता है. सामान्यतः गर्भाशय, पेल्विस एरिया (pelvis) में ब्लैडर (bladder) और रेक्टम (rectum) के बीच में होता है. हालाँकि, हर महिला में इसकी पोजीशन थोड़ी अलग भी हो सकती है. एंटेवर्टेड यूटरस होने पर यूटरस का ऊपरी भाग प्यूबिक बोन (pubic bone) की ओर और सर्विक्स (cervix) रेक्टम (rectum) की तरफ़ होती है.

    आमतौर पर एंटेवर्टेड यूटरस रेक्टम के सामने और ब्लैडर के ऊपर लेकिन थोड़ा पीछे को ओर स्थित होता है जो सामान्य से अलग स्थिति है. इससे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है लेकिन कुछ मामलों में जहाँ एंटेवर्टेड यूटरस आगे की तरफ़ थोड़ा ज़्यादा झुका हुआ हो तो इससे पेल्विस पर प्रेशर पड़ने लगता है, जिसके कारण सेक्स के दौरान या पीरियड्स में दिक्कत आने लगती है.

    इसे भी पढ़ें : जल्दी प्रेग्नेंट होने में मदद करेंगे ये टिप्स!

    एंटेवर्टेड यूटरस के क्या कारण होते हैं? (Anteverted uterus causes in Hindi)

    एंटेवर्टेड यूटरस किन वजहों से होता है इसका कोई स्पष्ट उत्तर नहीं है लेकिन कुछ ख़ास कारणों को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार माना जाता है.

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    1. यूटरस का सामान्य रूप से भिन्न होना (Normal variation)

    यूटरस की स्थिति प्राकृतिक रूप से भी हर महिला में अलग हो सकती है; बिल्कुल वैसे ही जैसे कुछ लोगों की नाक या कान का शेप अलग-अलग होता है. इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है, न ही इससे किसी तरह की कोई दिक्कत होती है.

    1. आनुवंशिकी (Genetics)

    माना जाता है कि किसी भी महिला के यूटरस का साइज़ और स्थिति उसकी जेनेटिक्स से प्रभावित हो सकती है. ऐसे में यदि आपके नज़दीकी परिवार में किसी महिला को यूटरस संबंधी डिसऑर्डर है, तो आपमें भी ऐसा होने की संभावना बनी रहती है.

    1. प्रेग्नेंसी और डिलीवरी (Childbirth and pregnancy)

    प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के कारण भी कभी-कभी यूटरस की पोजीशन बदल सकती है. इस दौरान गर्भाशय की मांसपेशियों में पड़ने वाला खिंचाव और संकुचन यूटरस के साइज़ और शेप में अस्थायी परिवर्तन ला सकता है.

    1. पेल्विक एनाटॉमी (Pelvic anatomy)

    किसी भी महिला के पेल्विक ज़ोन का आकार और साइज भी गर्भाशय की स्थिति को प्रभावित करता है. छोटा या अलग आकार का पेल्विस भी यूटरस के उल्टे होने का एक और कारण हो सकता है.

    1. स्कार टिशू या घाव (Adhesions or scarring)

    कुछ अन्य मामलों में पूर्व में हुई सर्जरी, इन्फेक्शन, या एंडोमेट्रियोसिस जैसी कंडीशन के कारण पेल्विस में स्कार या घाव बन सकते हैं और इस वजह से भी गर्भाशय की स्थिति में बदलाव आ सकता है.

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    चलिए अब बात करते हैं एंटेवर्टेड यूटरस के लक्षणों के बारे में.

    एंटेवर्टेड यूटरस के लक्षण क्या होते हैं? (Symptoms of anteverted uterus in Hindi)

    सामान्यतः एंटेवर्टेड यूटरस के कोई बाहरी लक्षण नहीं होते हैं और ना ही इससे (is anteverted uterus good or bad in Hindi ) कोई हेल्थ रिस्क जुड़ा हुआ है. यह पेल्विस (pelvis) में स्थित यूटरस की केवल एक पोजीशन है जो नॉर्मल से थोड़ी अलग है. लेकिन कुछ मामलों में जहाँ यूटरस पेट (abdomen) की तरफ ज़्यादा झुका हुआ होता है वहाँ इसके कारण कई परेशानियाँ हो सकती हैं जिनमें मुख्य हैं;

    1. सेक्स के दौरान दर्द होना

    1. पेल्विक एरिया में असुविधा

    1. पीरियड्स में पेट दर्द तथा लगातार होने वाला पीठ दर्द

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    1. पीरियड्स के पहले या उस दौरान क़ब्ज की शिकायत

    1. बदबूदार डिस्चार्ज होना

    1. ओव्यूलेशन के समय ओवेरियन रीज़न में दर्द होना

    एंटेवर्टेड यूटरस की जाँच के मुख्यतः दो तरीक़े हैं.

    1. पेल्विक एग्जाम (pelvic exam)

    इसमें डॉक्टर यूटरस, पेल्विक एरिया, ओवरीज़ (ovaries) और पेट को छूकर और दबा कर पता लगाते हैं कि एंटेवर्टेड यूटरस है या नहीं. बाहर से ऐसा प्रतीत होने पर फिर महिला का अल्ट्रासाउंड करके इसे कंफर्म किया जाता है.

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    2. अल्ट्रासाउंड (ultrasound)

    अल्ट्रासाउंड टेक्निक में स्क्रीन पर पेट की सोनोग्राम इमेज (sonogram image) बन जाती है जिसके द्वारा डॉक्टर एंटेवर्टेड यूटरस को चेक करते हैं.

    क्या एंटेवर्टेड यूटरस होने पर गर्भधारण हो सकता है? (Can you get pregnant with an anteverted uterus in Hindi)

    कई लोग मानते हैं कि एंटेवर्टेड यूटरस (anteverted uterus in Hindi meaning) के साथ प्रेग्नेंसी नहीं हो सकती है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. किसी भी महिला के यूटरस की स्थिति का उसकी फर्टिलिटी से कोई लेना-देना नहीं है. यूटरस की पोजीशन से स्पर्म्स (sperms) के फ़ीमेल रिप्रोडक्टिव ट्रैक में आने और फर्टिलाइजेशन की प्रोसेस पर कोई असर नहीं पड़ता है. लेकिन किसी प्रेग्नेंट महिला का यूटरस यदि ज़्यादा झुका हुआ है तो उसे पेशाब करने में दर्द और असुविधा ज़रूर हो सकती है. एंटेवर्टेड यूटरस होने पर अगर महिला को पीठ में दर्द और परेशानी या पेट में जलन होती हो तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाना चाहिए.

    एंटेवर्टेड यूटरस वाली महिला अगर प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही है तो ऐसा किसी दूसरे कारण से हो सकता है जिसके लिए डॉक्टर से मिलकर जाँच करानी चाहिए.

    एंटेवर्टेड यूटरस का प्रेग्नेंसी पर क्या असर होता है? (Anteverted uterus affects on pregnancy in Hindi)

    एंटेवर्टेड यूटरस का प्रेग्नेंसी पर कोई नेगेटिव असर नहीं पड़ता है. महिला के प्रेग्नेंट होने के बाद यह बच्चे की ग्रोथ के साथ ही बड़ा होता जाता है. आमतौर पर प्रेग्नेंसी के 10वें -12वें हफ़्ते के बीच यूटरस का झुकना लगभग बंद हो जाता है और वो बीच में आ जाता है. इससे प्रेग्नेंसी और डिलीवरी में कोई परेशानी नहीं होती है. लेकिन अगर यूटरस सेंटर पोजीशन में नहीं आए तो ऐसे में मिसकैरेज होने की संभावना होती है. हालाँकि, ऐसा होना बहुत कम मामलों में पाया गया है. इसके अलावा, कुछ ऐसे केस भी हुए है जिनमें यह देखा गया कि प्रेग्नेंट महिलाओं को एंटेवर्टेड यूटरस के कारण यूटरस फाइब्रॉएड और पॉलीप्स, ओवेरियन सिस्ट या यहाँ तक कि फाइब्रॉएड ट्यूमर जैसी प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं. इसीलिए प्रेग्नेंसी की शुरुआत में ही किसी अनुभवी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

    एंटेवर्टेड यूटरस के लिए उपचार (Treatment for anteverted uterus in Hindi)

    एंटेवर्टेड यूटरस के लिए किसी ख़ास इलाज़ की जरूरत नहीं है, न ही इसके लिए कोई विशेष ट्रीटमेंट उपलब्ध है. हालाँकि, कुछ एक्सरसाइज से इस स्थिति में परिवर्तन आ सकता है पर यह फ़ायदा सभी महिलाओं को हो ऐसा ज़रूरी नहीं है. इन एक्सरसाइज को करने से पहले किसी डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए.

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    1. पेल्विस रिलेक्सेशन (Pelvis Relaxation)

    फर्श पर मैट बिछाकर अपनी पीठ के बल लेट जाएँ और बाँहों को शरीर के साथ सीधे रख लें. अब धीरे-धीरे गहरी साँस लें और अपने हिप्स को फर्श से लगभग एक इंच ऊपर उठायें. 5 सेकंड तक हिप्स को ऊपर उठाए रखें फिर धीरे-धीरे साँस छोड़ते हुए हिप्स को नीचे ले आएँ और अपनी सामान्य पोजीशन में आ जाएँ. इस एक्सरसाइज को लगभग पाँच बार तक करें.

    1. नी टु चेस्ट एक्सरसाइज (knee to chest)

    फर्श पर मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएँ और अपने घुटनों को मोड़ लें. अपने दोनों हाथों की मदद से धीरे-धीरे अपने एक घुटने को उठाएँ और उसे अपनी चेस्ट के करीब ले आएँ. लगभग 10-15 सेकंड तक घुटने को छाती से लगा कर रखें और फिर उसे वापस ले जाएँ. इसके बाद यही प्रोसेस दूसरे घुटने के साथ भी दोहराएँ.

    इसे भी पढ़ें : महिलाओं के लिए कितनी बड़ी मुश्किल पैदा कर सकता है बल्की यूटरस?

    प्रो टिप (Pro Tip)

    हमेशा याद रखें कि एंटेवर्टेड यूटरस एक ख़राब मेडिकल कंडीशन नहीं है. इसलिए इसके बारे में अनावश्यक चिंता ना करें. लेकिन अगर आपको पैल्विक पेन, सेक्स के दौरान असुविधा या दर्द जैसे लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो फिर इस बारे में डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है.

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    रेफरेंस

    1. Gasner A, P A A. (2023). Physiology, Uterus.

    2. Ameer MA, Fagan SE, Sosa-Stanley JN, et al. (2023). Anatomy, Abdomen and Pelvis: Uterus.

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    Written by

    Kavita Uprety

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