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     पीरियड्स आने के बाद प्रेगनेंट होने के लिए क्या करें | Periods Ke Baad Pregnant Hone ke liye kya kare ?

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    पीरियड्स आने के बाद प्रेगनेंट होने के लिए क्या करें | Periods Ke Baad Pregnant Hone ke liye kya kare ?

    2 May 2024 को अपडेट किया गया

    किसी भी महिला के लिए प्रेगनेंट होना बहुत ही ख़ुशी की बात होती है. हर औरत अपने जीवन में ये चाहती है कि कोई उसे माँ कहकर पुकारे. इस कारण लगभग हर महिला अपनी प्रेगनेंसी के बारे में अक्सर सोचा करती है और शादी के बाद से ही फैमिली प्लानिंग को लेकर उसके मन एक विचार होता है कि कब उसे अपना परिवार शुरू करना है. अगर आप भी अब अपना परिवार शुरू करना चाहती हैं तो आपको ये पता होना बहुत जरुरी है कि प्रेगनेंट कैसे होते हैं? कौन सा समय सबसे अच्छा है ? पीरियड्स के बाद कब सेक्स करें जिससे कंसीव करने के चांस बढ़ जाए? इन सभी सवालों का जवाब हम आपको सरल भाषा में विस्तार से देने वाले हैं, चलिए इस महत्वपूर्ण जानकारी को शुरू करते हैं -

    पीरियड्स के बाद प्रेगनेंसी कब होती है?

    पीरियड्स के बाद प्रेगनेंसी ओव्यूलेशन के दौरान होती है. ओव्यूलेशन महिलाओं के पीरियड साइकिल के बीच में शुरू होता . यह प्रक्रिया पीरियड्स शुरू होने से दो सप्ताह पहले शुरू हो सकती है. यही वो समय है जब महिला सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है. इसी टाइम पर महिलाओं की ओवरी से एग निकलता है और फैलोपियन ट्यूब में पुरुष के स्पर्म मिलने का एक से दो दिन इन्तजार करता है. ऐसा हर महीने में होता है, इसलिए अगर आप ओव्युलेशन के दौरान सम्बध बनाती हैं तो प्रेगनेंसी की सम्भावना बढ़ जाती है. इसलिए सभी को ये पता होना चाहिए कि पीरियड्स के बाद प्रेगनेंसी ओव्युलेशन के दौरान होती है. आइए अब आगे जानते हैं ओव्युलेशन के बारे में विस्तार से -

    ओव्युलेशन और प्रेगनेंसी में क्या संबध है?

    ओव्युलेशन और प्रेगनेंसी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, ओव्युलेशन के बिना प्रेगनेंसी संभव नहीं है. आप कितना भी कोशिश कर ले लेकिन अगर स्पर्म के लिए एग उपलब्ध नहीं है तो कंसीव नहीं किया जा सकता है. आइए, सरल भाषा में इसे विस्तार से समझते हैं. ओव्यूलेशन की टाइमिंग प्रत्येक महिला में अलग-अलग होती है.एक महिला जब जन्म लेती हैं तो उसकी ओवेरी में बड़ी संख्या में अविकसित अंडे मौजूद होते हैं. किशोर अवस्था में आने पर हर महीने कुछ एग्स डेवलप होते हैं और उनमें केवल एक अंडा ओवेरी से बाहर निकलता है, इस अंडे का जीवन सिर्फ 12 से 24 घंटे का ही होता है. इसलिए, अगर अंडे से पुरुष का स्पर्म 24 घंटों के अंदर नहीं मिल पाता तो ये अंडा अपने आप नष्ट हो जाता है. इसका मतलब ये है कि अगर सही समय पर सेक्स नहीं किया जाता तो उस महीने में गर्भवती होने की संभावनाएं पूरी तरह से खत्म हो जाती है. ओव्युलेशन का समय अगर निकल जाता है तो फिर आपको अगले महीने के ओव्युलेशन तक इंतजार करना पड़ेगा.

    ओव्युलेशन ट्रैकर का इस्तेमाल कैसे करें?

    जल्दी से जल्दी गर्भ धारण करने के लिए ओव्युलेशन ट्रैकर आपकी मदद कर सकता है. हर महिला का पीरियड साइकिल अलग-अलग होता है इसलिए ओव्युलेशन ट्रैकर आपको बता सकता है कि आपके फर्टाइल डेज़ कौन-कौन से हैं. एक स्वस्थ महिला का पीरियड साइकिल 22 से 36 दिन के बीच होता है, पीरियड साइकिल का मतलब है दो पीरियड्स के बीच आने वाला गैप. पीरियड्स साइकिल के अनुसार,

    • जिनका पीरियड 28 दिन के गैप में आता है वो महिलाएं 14वें दिन सबसे ज्यादा फर्टाइल होती हैं.

    • जिनका पीरियड साईकिल लगभग 21 दिन का है वो 7वें दिन ओव्युलेट कर सकती हैं और ये उनका सबसे ज्यादा फर्टाइल डे हो सकता है.

    • 35 से 36 दिन का पीरियड साइकिल होने पर 21वें दिन सबसे ज्यादा फर्टाइल होने की सम्भावना रहती है. अगर आप सटीक डेट जानना चाहती हैं तो ओव्युलेशन कैलकुलेटर का उपयोग करें. इसके अलावा आपको ओव्युलेशन के कुछ लक्षण भी नजर आ सकते हैं जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं.

    महिलाओं में ओव्युलेशन के लक्षण

    ओव्युलेशन के समय पर सेक्स करने की सलाह सभी लोग देते हैं लेकिन ये पता कैसे चलेगा कि आपका फर्टाइल पीरियड चल रहा है? कुछ लक्षण हैं जो महिलाओं को ओव्युलेशन यानी फर्टाइल पीरियड के दौरान महसूस हो सकते हैं -

    • शरीर का तापमान बढ़ना : एक स्वस्थ महिला का सामान्य तापमान 97.2 से 97.6 डिग्री फारेनहाइट रहता है. जैसे-जैसे ओव्यूलेशन का समय आता है, आपका तापमान बढ़ सकता है. इसके लिए आप थर्मामीटर का उपयोग करें.

    • वैजाइनल डिस्चार्ज में बदलाव: ओव्यूलेशन के समय यानी पीरियड्स से 2 हफ्ते पहले आपको एक चिकना और पारदर्शी वैजाइनल डिस्चार्ज नजर आ सकता है.

    • हल्का पेटदर्द : कुछ महिलाओं को ओव्युलेशन के टाइम पर पेट दर्द भी महसूस हो सकता है. अगर आप हर महीने एक जगह पर और एक ही समय पर कुछ दर्द अनुभव करती हैं तो ये ओव्युलेशन का एक लक्षण हो सकता है.

    इसके अलावा ब्रेस्ट का बहुत सेंसटिव होना, मूड स्विंग्स और ब्लोटिंग भी ओव्युलेशन के कुछ लक्षण है जो कुछ महिलाओं को महसूस हो सकते हैं. ये तो बात हुई रेगुलर पीरियड्स और रेगुलर ओव्यूलेशन के बारे में. अगर आपकी पीरियड साइकिल नियमित नहीं है और आपको कभी भी पीरियड्स आ जाते हैं या हर महीने नहीं आते तो ऐसे में ओव्युलेशन को ट्रैक करना आपके लिए मुश्किल हो सकता है. ऐसे में कैसे कंसीव करें चलिए आपको बताते हैं -

    पीरियड्स रेगुलर न हो तो कैसे प्रेगनेंट हों?

    अनियमित पीरियड्स का अर्थ है हर महीने पीरियड्स का समय पर न होना. अगर किसी महिला को 20 से 35 दिनों के बीच पीरियड्स नहीं आते हैं तो इसका मतलब है वो अनियमित मासिक धर्म की समस्या से जूझ रही है. ऐसे में आप प्रेगनेंट हो सकती हैं लेकिन आपको कुछ बातों का ख़ास ख्याल रखना होगा - आप अपनी दिनचर्या में बदलाव करके हेल्दी प्रेगनेंसी पा सकती हैं -

    वजन कम करें - अगर आपका वजन बढ़ा हुआ है तो आपको कंसीव करने में समस्या आ सकती है. मोटापा होने से पीरियड्स में गड़बड़ी हो सकती है और ये ओव्युलेशन में बाधा बन सकता है. इसलिए एक्सरसाइज और संतुलित आहार का विशेष ध्यान रखें.

    तनाव न लें - तनाव आपके हार्मोन्स को बिगाड़ने में सबसे आगे रहता है. अगर आप खुश रहेंगी तो आप अपने आस-पास एक अच्छा माहौल बना सकती है और अपने साथ पार्टनर की हार्मोनल गड़बड़ी को कम कर सकती हैं.

    बुरी आदतों से रहें दूर - ज्यादा फोन चलाना, शराब पीना, 8 घंटे न सोना, कम पानी पीना और जंक फ़ूड इत्यादि कुछ ऐसी आदतें हैं जो केवल आपकी प्रजनन क्षमता पर ही नहीं बल्कि ओवरऑल हेल्थ पर बुरा असर डालती हैं. अगर आप कंसीव करना चाहती हैं तो इन आदतों को अलविदा कहें.

    प्रो-टिप (Pro-Tip)

    उम्मीद है आप समझ गयी होंगीं कि पीरियड्स के बाद प्रेगनेंट होने के लिए क्या करना चाहिए. अगर आप हार्मोनल समस्याओं या एग क्वालिटी के कारण इनफर्टिलिटी फेस कर रही हैं तो आप आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स की मदद ले सकती हैं. ओवलुना(Ovaluna) का सेवन करें, जिसकी मदद से अब तक 5000 + महिलाओं ने कंसीव किया है. ये सप्लीमेंट आपकी ओवरऑल रिप्रोडक्टिव हेल्थ में सुधार लाता है और प्रेगनेंसी के लिए आपके शरीर को तैयार करता है.

    Reference :

    1. Pregnancy – identifying fertile days, Medlineplus Review Date 1/10/2022

    Mylo Ovaluna Female Fertility Tablets - 60 Capsules

    Improves Egg Health & Folate Levels |Improves Reproductive Health & Hormonal Balance

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    Written by

    Auli Tyagi

    Auli is a skilled content writer with 6 years of experience in the health and lifestyle domain. Turning complex research into simple, captivating content is her specialty. She holds a master's degree in journalism and mass communication.

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