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29 November 2023 को अपडेट किया गया
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Dr. Shruti Tanwar
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फर्टिलिटी पिल्स को फर्टिलिटी बढ़ाने वाली दवाओं के रूप में भी जाना जाता है. इन्हें प्रेग्नेंसी न हो पाने पर कपल्स की फर्टिलिटी इंप्रूव करने और गर्भधारण की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. आइये जानते हैं कि महिलाओं और पुरुषों में फर्टिलिटी पिल्स (fertility pills in Hindi) कैसे काम करती हैं.
फर्टिलिटी पिल्स का उपयोग आमतौर पर महिलाओं में ओव्यूलेशन और पुरुषों में स्पर्म प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए किया जाता है. यह कई तरह की होती हैं जिनका प्रयोग इंफर्टिलिटी के अलग-अलग कारणों; जैसे कि हार्मोनल इंबैलेंस, (hormonal imbalance) ओव्यूलेशन डिसॉर्डर, (ovulation disorders) या रिप्रोडक्टिव हेल्थ प्रॉब्लम (reproductive health issues) के लिए किया जाता है ताकि प्रेग्नेंसी हो सके.
आइये अब जानते हैं फर्टिलिटी पिल्स के क्या फ़ायदे हैं.
प्रेग्नेंसी न हो पाने पर फर्टिलिटी पिल्स (Fertility pills to get pregnant in Hindi) कई तरह से मददगार हो सकती हैं; जैसे कि
फर्टिलिटी पिल्स महिलाओं में ओव्यूलेशन को उत्तेजित करती हैं जिससे ओवरी से एग्स का प्रोडक्शन बढ़ता है और प्रेग्नेंसी के चांसेज बढ़ते हैं.
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ये फर्टिलिटी हार्मोन्स के असंतुलन को ठीक करने में मदद कर सकती हैं जो इंफर्टिलिटी का एक मुख्य कारण है.
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ओव्यूलेशन साइकिल को ठीक करके और हार्मोनल संतुलन बढ़ाकर ये पिल्स प्रेग्नेंसी की संभावनाओं को बढ़ाती हैं.
फर्टिलिटी पिल्स को कुछ ख़ास तरह की फर्टिलिटी प्रॉब्लम के इलाज़ के लिए भी यूज़ किया जाता है; जैसे कि ब्रोमोक्रिप्टिन (Bromocriptine) या कैबर्गोलिन (Cabergoline) जैसी पिल्स का उपयोग बढ़े हुए प्रोलैक्टिन लेवल को कंट्रोल करने के लिए, जबकि लेट्रोज़ोल (Letrozole), पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के ट्रीटमेंट में सहायक होती है.
फर्टिलिटी पिल्स के फ़ायदे जानने के बाद अब आपको बताएँगे महिलाओं के लिए प्रयोग की जाने वाली इन बेस्ट फर्टिलिटी पिल्स (fertility pills for women in Hindi) के बारे में.
क्लोमिड या क्लोमीफीन साइट्रेटक्लोमिड (clomiphene citrate) एक एस्ट्रोजन रिसेप्टर मॉड्यूलेटर (estrogen receptor modulator - SERM) है जिसे अक्सर ओव्यूलेशन से जुड़ी दिक्कतों और इरेगुलर पीरियड्स में ओव्यूलेशन को बढ़ाने और रेग्युलर करने के लिए दिया जाता है. इससे फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हार्मोन (follicle-stimulating hormone - FSH) और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (luteinizing hormone - LH) का प्रोडक्शन बढ़ता है और ओवरी में मैच्योर एग्स की संख्या बढ़ाने में मदद मिलती है.
ये ओरिज़िनली ब्रेस्ट कैंसर की दवा है लेकिन लेट्रोज़ोल का प्रयोग उन महिलाओं के ओव्यूलेशन को बढ़ाने के लिए किया जाता है जिनको क्लोमीफीन साइट्रेट से विशेष फ़ायदा न हुआ हो.
मेटफॉर्मिन भी डायबिटीज के ट्रीटमेंट में प्रयोग की जाती है लेकिन इसे ओव्यूलेशन को रेग्युलर करने और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) से जूझ रही महिलाओं को दिया जाता है.
ब्रोमोक्रिप्टिन या कैबर्गोलिन (Cabergoline) का प्रयोग प्रोलैक्टिन के बढ़े हुए लेवल को ठीक करने में किया जाता है जिसके बढ़ने से ओव्यूलेशन में दिक्कत आने लगती है.
एंटागॉन या गैनिरेलिक्स एसीटेट (ganirelix acetate) गोनैडोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन (GNRH) की विरोधी दवा है जिसका उपयोग समय से पहले ओव्यूलेशन को रोकने के लिए किया जाता है. यह ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) की रिलीज़ को रोकता है जिससे ओव्यूलेशन के समय को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. इससे ख़ास तौर पर आईवीएफ (IVF) जैसी टेक्निक के दौरान यूज़ किया जाता है.
इंफर्टिलिटी से जूझ रहे पुरुषों के लिए भी ये दवाएँ (fertility pills for men in Hindi) उतनी ही असरदार और फ़ायदेमंद हैं (best fertility pills in Hindi) जिनमें मुख्य हैं,
पुरुषों में क्लोमिफीन एक एंटी-एस्ट्रोजन दवा की तरह काम करता है. इससे एफएसएच (FSH) और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) का प्रोडक्शन बढ़ता है और टेस्टिकल्स में टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ाने में मदद मिलती है. हार्मोनल संतुलन क़ायम होने से लो टेस्टोस्टेरोन लेवल (low testosterone levels) या हाइपोगोनाडिज्म (hypogonadism) जैसी समस्याओं वाले पुरुषों को लाभ होता है.
एचसीजी पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है. इसका उपयोग कभी-कभी पुरुषों के लिए इंफर्टिलिटी ट्रीटमेंट (fertility treatments for men) की तरह भी किया जाता है ख़ास तौर पर तब जब इंफर्टिलिटी का मुख्य कारण लो स्पर्म काउंट या ख़राब क्वालिटी होती है. एचसीजी टेस्टेरोन की गड़बड़ियों की दूर करके स्पर्म के प्रोडक्शन को बढाने में काफ़ी मदद करता है.
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एनास्ट्रोज़ोल पुरुषों में गाइनेकोमेस्टिया (Gynecomastia) के ट्रीटमेंट के लिए प्रयोग की जाती है जिसमें पुरुषों के ब्रेस्ट टिशू बढ्ने लगते हैं. यह अक्सर एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन के इंबैलेंस के कारण होता है. इसके अलावा इसका प्रयोग पुरुषों में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Hormone replacement therapy - HRT) में भी किया जाता है. पुरुषों में बढ़ा हुआ एस्ट्रोजन जब स्पर्म प्रोडक्शन या हार्मोनल इंबैलेंस लाने लगे तब इसके प्रयोग से उसे कंट्रोल किया जाता है.
किसी भी अन्य दवा की तरह, फ़र्टिलिटी पिल्स के कुछ साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं. ऊपर बताई गयी फर्टिलिटी पिल्स के कुछ इस तरह के साइड इफेक्ट हो सकते हैं.
साइड इफेक्ट (Clomiphene citrate (Clomid) side effects): हॉट फ्लेश, मूड स्विंग्स, ब्रेस्ट टेंडरनेस, मतली या उल्टी आना, सिर दर्द और धुंधला दिखाई देना.
साइड इफेक्ट (Gonadotropins (e.g., FSH, LH) side effects): इंजेक्शन की जगह पर लाली, सूजन और दर्द, पेट में भारीपन, ओवेरियन हाइपरस्टिम्यूलेशन सिंड्रोम (Ovarian hyperstimulation syndrome - OHSS) जिसमें ओवरी का बढ़ना, फ्लुइड रिटेंशन, और पेट में दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं.
साइड इफेक्ट (Metformin side effects): गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएँ; जैसे- दस्त, मतली या उल्टी, पेट की परेशानी और विटामिन बी12 के अब्जॉर्ब होने में दिक्कत आना.
साइड इफेक्ट (Bromocriptine or Cabergoline side effects): उल्टी और चक्कर आना. थकान, नाक का बंद होना और लो ब्लड प्रेशर (hypotension).
हॉट फ्लेश, उल्टी, सिर दर्द, थकान, जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द के साथ ही मल्टीपल प्रेग्नेंसी का रिस्क भी इसका एक बड़ा साइड इफेक्ट हो सकता है.
फर्टिलिटी पिल्स महिलाओं और पुरुषों के लिए समान रूप से फ़ायदेमंद हैं और इनके साथ कोई बड़ा हेल्थ रिस्क जुड़ा हुआ नहीं है. हालाँकि, पिल्स की मात्रा, पोटेंसी और दवा के प्रति बॉडी के रिएक्शन के आधार कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं जो दवा बंद करने या बदलने पर चले जाते हैं.
1. Walker MH, Tobler KJ. (2022). Female Infertility.
2. Kaur H, Bansal GK, Althobaiti F, Aldhahrani A, Usmani S, Bala M. (2021). Prevalence of reproductive drugs usage in humans and animals: A pilot study in Patiala city of India. Saudi J Biol Sci.
3. Derman SG, Adashi EY. (1994). Adverse effects of fertility drugs. Drug Saf.
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