Pregnancy Journey
23 September 2024 को अपडेट किया गया
प्रेग्नेंसी के दौरान, हेल्दी प्रेग्नेंसी और बच्चे के पूरे विकास में मदद करने के लिए सही न्यूट्रिशन पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है. हेल्दी खाने के बेसिक प्रिंसिपल में भरपूर मात्रा में फल, सब्जियां, अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फ़ैट का सेवन शामिल है. हालांकि, प्रेग्नेंट होने पर जब सबसे अच्छे फ़ूड की बात आती है, तो ऐसी चीज़े लेने की कोशिश करें जिसके कुछ निवालों में ही भरपूर न्यूट्रिएंट हो और कैलोरी की बहुत ज़्यादा कमी ना हो. ज़्यादा शुगर, ज़्यादा फ़ैट और सोडियम वाले फ़ूड और पेय पदार्थों को सीमित करें. इसके अलावा, हर खाने में, आपकी आधी प्लेट फलों और सब्जियों से भरी होनी चाहिए. क्योंकि बढ़िया न्यूट्रिशन औरतों की प्रेग्नेंसी में बढ़ी हुई फ़िजिकल मांगों को पूरा करने और पेट में पल रहे बच्चे को विकसित करने में मदद कर सकता है, प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी डाइट लेना ज़रूरी है.
प्रेग्नेंट होने पर खाए जाने वाले बहुत से फ़ूड हैं. हालांकि, नीचे दिए गए कुछ प्रेग्नेंसी सुपर फ़ूड हैं जिनके बारे में सोचा जाना चाहिए:
· अंडे: अंडे प्रोटीन का बहुत बढ़िया सोर्स हैं और आपकी प्रेग्नेंसी डाइट का एक ज़रूरी हिस्सा हैं. प्रोटीन अमीनो एसिड से बने होते हैं, जो आपके और आपके बच्चे के शरीर की सेल के बिल्डिंग ब्लॉक हैं. अंडे में कोलीन के साथ-साथ विटामिन और मिनरल भी होते हैं, जो खासतौर पर ज़रदी में होते हैं. कोलीन बच्चे के दिमाग और रीढ़ की हड्डी को बढ़ने में मदद करता है और कुछ ख़ास पैदाइशी डिसेबिलिटी को रोकने में मदद करता है.
· डेयरी प्रॉडक्ट: आपको प्रेग्नेंसी के दौरान अपने बढ़ते हुए बच्चे की जरूरतों को पूरा करने के लिए ज़्यादा प्रोटीन और कैल्शियम की ज़रूरत होती है. इसलिए, अपनी डाइट में दूध, पनीर और दही को शामिल करना ज़रूरी है. डेयरी प्रॉडक्ट में दो प्रकार के हाई-क्वालिटी वाले प्रोटीन, कैसीन और मट्ठा होते हैं. डेयरी प्रॉडक्ट सबसे अच्छा कैल्शियम सोर्स हैं और बहुत ज़्यादा मात्रा में फ़ास्फ़ोरस, विटामिन बी, मैग्नीशियम और ज़िंक देते हैं.
· सामन: सामन ओमेगा 3 फ़ैटी एसिड का एक बढ़िया सोर्स है, जो आपके बच्चे के दिमाग के बढ़ने के लिए ज़रूरी हैं और आपके दिमाग को भी बढ़ा सकते हैं. सामन प्रोटीन और विटामिन डी भी देती है, जो आपके बच्चे की हड्डियों और दांतों के लिए ज़रूरी है. सामन सीफ़ूड के आठ से बारह औंस की लो-मर्करी के लिए विकल्प है और प्रेग्नेंट औरतों के हर हफ़्ते खाने के लिए सुरक्षित है.
· बीन्स: दाल, मटर और मूंगफली जैसी फलियों समेत बीन्स प्रोटीन, आयरन, फ़ोलेट, पोटेशियम और मैग्नीशियम के बढ़िया सोर्स हैं. बीन्स फ़ाइबर का भी बढ़िया सोर्स हैं और कब्ज और बवासीर जैसी आम प्रेग्नेंसी की परेशानियों को रोकने और कम करने में मदद करते हैं. जब आप प्रेग्नेंट हों तो ये ज़रूरी हैं.
· शकरकंद: शकरकंद का नारंगी रंग कैरोटिनॉइड की वजह से होता है, प्लांट पिगमेंट जो हमारे शरीर में विटामिन ए में बदल जाते हैं. बच्चे की स्वस्थ हड्डियों, फेफड़ों, आंखों और स्किन के विकास के लिए विटामिन ए की ज़रूरत होती है. यह मीठी सब्जी विटामिन सी, मैंगनीज़ और विटामिन बी 6 का भी एक बढ़िया सोर्स है, जो मॉर्निंग सिकनेस में मदद कर सकती है. इसमें पोटैशियम और फ़ाइबर भी होता है.
· साबुत अनाज: साबुत अनाज में बहुत ज़्यादा फ़ाइबर और न्यूट्रिएंट होते हैं, जैसे विटामिन, आयरन, फ़ोलिक एसिड, मैग्नीशियम, एंटीऑक्सिडेंट विटामिन ई और मिनरल सेलेनियम. इनमें फ़ाइटोन्यूट्रिएंट भी होते हैं, एक प्लांट-बेस्ड कंपाउंड है जो सेल को बचाता है. अपनी प्रेग्नेंसी डाइट में अलग-अलग तरह के साबुत अनाज, जैसे जौ, कुट्टू, जई और मैस लेने की कोशिश करें.
· अखरोट: अखरोट, प्लांट-बेस्ड ओमेगा-3 के भरपूर सोर्स में से एक हैं. वे मैग्नीशियम, फ़ाइबर और प्रोटीन का भी एक बढ़िया सोर्स हैं, इसलिए ऑन-द-रन स्नैक के लिए मुट्ठी भर अखरोट लें या अपने सलाद में कुछ डालें. आप ऐसे ही फ़ायदे पाने के लिए बादाम, पिस्ता, नट और सीड बटर जैसे ताहिनी जैसे दूसरे नट भी ले सकते हैं.
· ग्रीक दही: ग्रीक दही में रेगुलर दही से दोगुना प्रोटीन होता है. इसके अलावा, यह प्रोबायोटिक्स, विटामिन बी, फ़ास्फ़ोरस और कैल्शियम का एक जबरदस्त सोर्स है. कैल्शियम आपकी हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करता है और आपके बच्चे को एक हेल्दी स्केलेटन विकसित करने में भी मदद करता है. दही नाश्ते में बहुत तरह से इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री है जिसे नमकीन डिश से भी जोड़ा जा सकता है. हर दिन कैल्शियम पाने का एक और सही तरीका दूध पीना है.
· ब्रोकोली और गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियां: ब्रोकोली और गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, केल, और स्विस चार्ड विटामिन और न्यूट्रिएंट से भरे प्रीनेटल सुपरफ़ूड हैं जिसमें विटामिन ए, सी, और के, के साथ कैल्शियम, आयरन और फ़ोलेट भी हैं. इनमें भरपूर एंटीऑक्सिडेंट और फ़ाइबर भी होते हैं, जो कब्ज को कम करने में मदद करते हैं. गहरे रंग की पत्तेदार सब्जी को अपनी डाइट में शामिल करना आसान है, बस उन्हें मोटे तौर पर काटकर और उन्हें स्मूदी, सूप, स्टिर-फ्राइज़ और आमलेट में डाल दें.
· लीन मीट और पोल्ट्री: मीट, हाई क्वालिटी प्रोटीन का एक सबसे बढ़िया सोर्स है और विटामिन बी, आयरन और जिंक का एक भरपूर सोर्स है. आयरन हीमोग्लोबिन बनाने के लिए ज़रूरी है, और आपको प्रेग्नेंसी के दौरान, खासकर आपकी तीसरी तिमाही में इसकी ज़्यादा ज़रूरत होती है. प्रेग्नेंसी के शुरुआत और बीच में आयरन का लेवल कम होने से आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है, जिससे जन्म के समय कम वजन और दूसरी चीज़ों का खतरा बढ़ जाता है. सिर्फ़ खाने से अपनी आयरन की जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो सकता है, खासकर जब आप फल सब्जियां खाने वाले या शाकाहारी हों. इसलिए संतरे और शिमला मिर्च जैसे विटामिन सी से भरे फ़ूड को आयरन से भरे फ़ूड के साथ मिलाने से अब्जॉर्प्शन के बढ़ने में मदद मिल सकती है. लगभग 95 से 98 प्रतिशत फ़ैट-फ़्री लें. जब तक डेली मीट और हॉट डॉग को भाप निकलने तक गर्म नहीं किया जाता तब तक उन्हें ना लें, क्योंकि लिस्टेरिया, टोक्सोप्लाज्मा या साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया और परजीवी से थोड़ा संक्रमण होने का खतरा रहता है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान आपके और आपके बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है.
· कलरफ़ुल फल और सब्जियां: हरे, लाल, नारंगी, पीले और बैंगनी फलों और सब्जियों का भरपूर सेवन करने से आपको और आपके बच्चे को कई न्यूट्रिएंट पाने में मदद मिलती है. हर एक कलर ग्रुप में कई विटामिन और मिनरल होते हैं. उदाहरण के लिए, शिमला मिर्च में विटामिन सी की मात्रा ज़्यादा होती है, जो आयरन को अब्जॉर्ब करने में मदद करती है, जबकि जामुन में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और प्रेग्नेंसी के दौरान खाने वाला सबसे अच्छा फल माना जाता है. सब्जियों को बच्चों के जन्म के समय कम वजन के खतरे को कम करने से भी जोड़ा गया है. सलाद, कलरफ़ुल फलों और सब्जियों को साथ मिलाने का एक असरदार तरीका है.
· एवोकैडो: एवोकैडो मोनोसैचुरेटेड फ़ैटी एसिड से भरे होते हैं, जो आपके बच्चे की स्किन और दिमाग को विकसित करने में मदद करता है. उनमें विटामिन के, एंटीऑक्सिडेंट और फ़ोलेट भी भरपूर होते हैं, जो ख़ास पैदाइशी डिसेबिलिटी को रोकने में मदद करते हैं. एवोकैडो में पोटेशियम होने से पैर की ऐंठन को दूर करने में मदद मिलती है. इसके अलावा, फ़ाइबर कब्ज से बचने का एंटीडोट है. एवोकैडो में विटामिन बी 6 मतली को कम करने में मदद कर सकता है और आपके बच्चे के दिमाग के विकास के लिए भी सही है.
· सूखा मेवा: हल्के और न्यूट्रिएंट से भरे, सूखे मेवे ताजे फल के लिए कभी-कभी अच्छा ऑप्शन देते हैं, जो आपके प्रेग्नेंसी डाइट में ज़रूरी है. बिना चीनी वाले सूखे मेवे लेने की कोशिश करें. आपके द्वारा चुने गए सूखे मेवे की किस्म के मुताबिक, आप अपनी डाइट को अलग-अलग विटामिन और मिनरल जैसे आयरन, साथ ही एंटीऑक्सिडेंट और फ़ाइबर से बढ़ा सकते हैं. उदाहरण के लिए, आलूबुखारा कब्ज के लिए एक आजमाया हुआ और सही उपाय है जो कई प्रेग्नेंट औरतों को परेशान करता है.
· पानी: हम सभी को हाइड्रेटेड रहने के लिए पानी की ज़रूरत होती है, खासकर प्रेग्नेंट औरतों को. प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड की मात्रा लगभग 45 प्रतिशत बढ़ जाती है. इसलिए रोजाना कम से कम आठ से दस गिलास पानी पीना ज़रूरी है क्योंकि यह आपके बच्चे को न्यूट्रिशन पहुंचाने के लिए ज़रूरी है और नई सेल बनाने में मदद करता है. इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के दौरान पर्याप्त पानी पीना कब्ज से बचने का सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि पानी की कमी से प्रीटर्म लेबर का खतरा बढ़ सकता है.
जैसे प्रेग्नेंसी के दौरान खाने के लिए बहुत कुछ अच्छा है, याद रखें कि ना खाए जाने वाले भी कुछ फ़ूड हैं. कुछ फ़ूड में बैक्टीरिया या केमिकल होने की ज़्यादा उम्मीद होती है जो आपको बीमार कर सकते हैं. प्रेग्नेंट होने पर ना खाए जाने वाले फ़ूड इस तरह हैं.
· मर्करी वाले सीफ़ूड से बचें, जैसे शार्क, स्वोर्डफ़िश और मार्लिन बहुत कम लें.
· बिना पके या अधपके मीट से बचें और अच्छी तरह से पके हुए मीट को खाएं.
· बैक्टीरियल या वायरल संदूषण के रिस्क की वजह से बिना पके हुए शेलफ़िश से बचें, जिससे फूड पॉइजनिंग हो सकती है
· कच्चे अंडे और उनकी मौजूदगी वाले किसी भी फ़ूड से बचें.
· ब्री और कैमेम्बर्ट जैसे नरम, पके हुए पनीर से बचें, क्योंकि उनसे लिस्टेरिया संदूषण का खतरा रहता है. लिस्टेरिया एक बैक्टीरिया है जो प्रेग्नेंट औरतों और उनके बच्चों में संभावित घातक संक्रमण की वजह बन सकता है.
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प्रेग्नेंट औरतों को लगभग सभी पानी और फ़ैट में घुलने वाले न्यूट्रिएंट की ज़्यादा ज़रूरत होती है. इसलिए, डॉक्टर हेल्थ और रिकवरी में मदद करने के लिए प्रेग्नेंसी से पहले, दौरान और बाद में प्रीनेटल सप्लीमेंट की सलाह देते हैं. एक पूर्ण विकसित प्रीनेटल सप्लीमेंट में सभी ज़रूरी न्यूट्रिएंट होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
· फ़ोलेट: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, प्रेग्नेंट औरतों को प्रेग्नेंसी के 12वें हफ़्ते तक रोज 400 एमसीजी फ़ोलिक एसिड लेना चाहिए.
· आयरन: प्रेग्नेंट औरत को रोज 27 मिलीग्राम आयरन लेना चाहिए. ज़्यादातर औरतों को ये हेल्दी डाइट से मिल सकता है.
· विटामिन डी: कुछ स्टडी का अनुमान है कि दुनिया भर में 18-24% प्रेग्नेंट औरतें विटामिन डी की कमी से पीड़ित हैं. एक प्रेग्नेंट औरत को रोजाना 15 एमसीजी विटामिन डी की ज़रूरत होती है.
· जिंक: प्रेग्नेंसी के दौरान जिंक सप्लीमेंट लेने से प्रीटर्म बर्थ का रिस्क थोड़ा कम हो सकता है. एक प्रेग्नेंट औरत को 11-12 एमसीजी जिंक की ज़रूरत होती है.
· कोलीन: प्रेग्नेंट औरत और उनके बच्चे की हेल्थ के लिए कोलीन ज़रूरी है. स्टडी से पता चलता है कि ज़्यादातर प्रेग्नेंट औरतों को रोजाना अनुशंसित 450 मिलीग्राम कोलीन नहीं मिलता है क्योंकि कई प्रीनेटल विटामिन में यह नहीं होता है. इसलिए अंडे और शीताके मशरूम का सेवन करना ज़रूरी है जिसमें कोलीन की ज़्यादा मात्रा होती है.
· विटामिन ए: प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन ए या रेटिनॉल, हेल्थ के लिए ज़रूरी हैं. प्रेग्नेंट औरतों को 750-770 एमसीजी विटामिन ए या रेटिनॉल एक्टिविटी इक्विवेलेंट (आरएई) का सेवन करना चाहिए. विटामिन ए कई फ़ॉर्म में आता है. आरएई इन अलग-अलग फ़ॉर्म में विटामिन की संबंधित मात्रा को मापता है. एक आरएई खाने से 1 एमसीजी रेटिनॉल या 12 एमसीजी बीटा कैरोटीन, सप्लीमेंट से बीटा कैरोटीन के दो एमसीजी, या विटामिन ए के 3.33 आईयू के बराबर है.
· ओमेगा-3: प्रेग्नेंसी के दौरान जन्म संबंधी विकास और औरत के पूरी हेल्थ के लिए ओमेगा-3 ज़रूरी हैं. प्रेग्नेंसी के दौरान ओमेगा -3 पॉलीअनसेचुरेटेड फ़ैटी एसिड का सेवन बढ़ाने से प्रीटर्म जन्म का खतरा कम हो सकता है.
· प्रेग्नेंट औरतों को बहुत सारे प्रोटीन, हेल्दी फ़ैट और ज़्यादा ख़ास विटामिन और मिनरल जैसे फ़ोलिक एसिड, आयरन और कैल्शियम की ज़रूरत होती है.
· प्रेग्नेंसी के दौरान पर्याप्त मात्रा में खाना खाने का मतलब बहुत ज़्यादा खाना नहीं है. अगर आप हेल्दी वजन से शुरुआत करती हैं तो आपको पहली तिमाही के दौरान और कैलोरी की ज़रूरत नहीं होती है. आपको दूसरी तिमाही के दौरान एक दिन में लगभग 350 ज़्यादा कैलोरी और तीसरे तिमाही के दौरान लगभग 450 ज़्यादा कैलोरी की ज़रूरत होगी.
· प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ फ़ूड खतरनाक हो सकते हैं, इसलिए इनसे बचने की कोशिश करें. इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के दौरान अपने कैफ़ीन का सेवन कम करें और शराब से बचें.
· हेल्दी प्रेग्नेंसी स्नैक्स को आपकी न्यूट्रिएंट ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करनी चाहिए और तैयार किए गए फ़ूड, पैकेज्ड फ़ूड और चीनी से बने डेजर्ट से बचने की कोशिश करें.
· अगर मतली, फ़ूड वर्जन, छाती में जलन, या बदहजमी की वजह से पूरा खाना खा पाना मुश्किल है, तो दिन भर में थोड़ा, और बार-बार खाने की कोशिश करें. जैसे-जैसे आपकी प्रेग्नेंसी और आपका बच्चा बढ़ता है, यह आपके पेट और पाचन अंगों को गड़बड़ा सकता है, जिससे आपके शरीर में ज़्यादा खाने के लिए कम जगह हो सकती है.
· इसके अलावा, आप एक प्रेग्नेंसी मील प्लान बना सकती हैं जो आपको अपनी प्रेग्नेंसी डाइट से वह सब कुछ पाने में मदद करेगी जिसकी आपको ज़रूरत है.
प्रेग्नेंसी के दौरान शराब की कोई सुरक्षित मात्रा नहीं है, इसलिए इससे पूरी तरह बचना बेहतर है. ब्लड में अल्कोहल अंबिलिकल कॉर्ड के जरिए पेट के बच्चे तक जाता है, और बहुत ज़्यादा शराब लेने से से फ़ीटल का विकास कम हो सकता है. इसके अलावा, एक रिस्क है कि बच्चे को फ़ीटल अल्कोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर हो सकता है, जिसकी वजह से दूसरी परेशानियों के साथ आंखों या सुनने की समस्याएं, ध्यान देने की समस्याएं और जन्म के समय कम वजन हो सकता है.
प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत ज़्यादा कैफ़ीन पीने से मिसकैरेज, फ़ीटल के विकास से जुड़ा डिसऑर्डर और जन्म के समय कम वजन का खतरा बढ़ जाता है. रोजाना 100-200 मिलीग्राम जितना कम कैफ़ीन लेने पर भी फ़ीटल के विकास पर गलत असर पड़ सकता है. हालांकि, इसकी वजह से होने वाली समस्या अभी भी साफ नहीं हैं. इसके अलावा, कॉफ़ी के अलावा कई फ़ूड और ड्रिंक में कैफ़ीन होता है, जिसमें सोडा, एनर्जी ड्रिंक, चॉकलेट और चाय हैं. सर्दी और फ़्लु की कुछ दवाइयों में कैफ़ीन भी होता है. एक डॉक्टर ज़्यादा जानकारी दे सकता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान कौन सी दवाइयां सुरक्षित हैं.
प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी रहने के लिए शरीर की जरूरतें बढ़ती हैं. आपके बढ़ते हुए बच्चे को उन सभी न्यूट्रिएंट से भरपूर फ़ूड की ज़रूरत पड़ सकती हैं, जिनमें साबुत अनाज, फल और सब्जियां, लीन प्रोटीन और हेल्दी फ़ैट हों. प्रेग्नेंसी डाइट में मछली, चिकन, अंडे और दाल जैसे प्लांट और एनिमल के जरिए मिले बेहतरीन प्रोटीन को भी लिया जाना चाहिए. इसमें जई, शकरकंद और फलों से मिले भरपूर फ़ाइबर कार्बोहाइड्रेट और एवोकाडो, नट, बीज और दही जैसे सोर्स से मिला हेल्दी फ़ैट भी होना चाहिए. चुनने के लिए दुनियाभर के स्वाद मौजूद हैं, जो आपके बच्चे को उसकी ज़रूरत की हर चीज़ मुहैया करा सकती है. इसके अलावा, अपने डॉक्टर को अपने खाने की पसंद के बारे में बताते रहें और उनसे अपने ज़रूरी डाइट सप्लीमेंट की सलाह लें.
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Written by
Parul Sachdeva
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