Pregnancy Me Pet Tight Hona | प्रेग्नेंसी में पेट टाइट क्यों होता है?
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In this Article

  • प्रेग्नेंसी में पेट टाइट होने के कारण (Cause of stomach tightness in pregnancy in Hindi)
  • प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में पेट टाइट होने के कारण (Stomach tightness during first trimester in Hindi)
  • 1. हार्मोनल बदलाव (Hormonal changes)
  • 2. गर्भाशय का स्ट्रेच होना (Uterus stretching)
  • 3. मॉर्निंग सिकनेस (Morning sickness)
  • 4. मिसकैरेज (Miscarriage)
  • प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में पेट टाइट होने के कारण (Stomach tightness during second trimester in Hindi)
  • प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में पेट टाइट होने के कारण (Stomach tightness during third trimester in Hindi)
  • प्रेग्नेंसी में पेट टाइट महसूस होने पर क्या करें? (How to deal with stomach tightening during pregnancy in Hindi)
  • 1. न्यूट्रिशन पर ध्यान दें (Nutrition)
  • 2. हाइड्रेशन (Hydration)
  • 3. पर्याप्त आराम (Adequate rest)
  • 4. एक्सरसाइज (Exercise)
  • 5. स्ट्रेस मैनेजमेंट (Stress management)
  • 6. रेगुलर चेकअप (Regular check-ups)
  • 7. पोजीशन बदलते रहें (Changing positions)
  • प्रो टिप (Pro Tip)
  • रेफरेंस
Pregnancy Me Pet Tight Hona | प्रेग्नेंसी में पेट टाइट क्यों होता है?

Pregnancy Bump

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Pregnancy Me Pet Tight Hona | प्रेग्नेंसी में पेट टाइट क्यों होता है?

28 September 2023 को अपडेट किया गया

प्रेग्नेंसी एक ऐसा सफ़र होता है, जब एक महिला को कई तरह के शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पेट का टाइट होना (Pregnancy me pet bhari lagna) इन्हीं समस्याओं में से एक है. क्या प्रेग्नेंसी में पेट का टाइट होना चिंता का विषय होता है? चलिए इस आर्टिकल के ज़रिये आपको इन सभी सवालों के जवाब देते हैं!

प्रेग्नेंसी में पेट टाइट होने के कारण (Cause of stomach tightness in pregnancy in Hindi)

प्रेग्नेंसी के दौरान पेट में खिंचाव महसूस होने (Pregnancy me pet me khinchav hona) या टाइट होने के कई कारण होते हैं. ये कारण प्रेग्नेंसी की हर तिमाही के अनुसार अलग- अलग भी हो सकते हैं. चलिए आपको डिटेल में बताते हैं कि प्रेग्नेंसी की हर तिमाही के अनुसार पेट टाइट होने के क्या कारण (Pregnancy me pet tight kyu rehta hai) हो सकते हैं!

प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में पेट टाइट होने के कारण (Stomach tightness during first trimester in Hindi)

प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में पेट के टाइट होने के पीछे कुछ आम कारण इस प्रकार हो सकते हैं;

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1. हार्मोनल बदलाव (Hormonal changes)

प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही यानी कि प्रेग्नेंसी के सफ़र की शुरुआत होना. इस समय पेट में खिंचाव या टाइनेस महसूस होने का सबसे आम कारण होता है- हार्मोनल बदलाव. दरअसल, जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है, तो उसके शरीर में प्रोजेस्टेरॉन नाम का हार्मोन रिलीज होने लगता है. यह हार्मोन प्रेग्नेंसी को बरक़रार रखने में मदद करता है यानी कि यह गर्भ में बेबी को सुरक्षित रखने का काम करता है. लेकिन इससे कारण आपको पेट में अजीब-सा भारीपन भी महसूस हो सकता है.

2. गर्भाशय का स्ट्रेच होना (Uterus stretching)

प्रेग्नेंसी की शुरुआती तिमाही में गर्भाशय (यूटरस) में भी बदलाव होते हैं. बेबी के विकास के साथ ही यूटरस स्ट्रेच होने लगता है, जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को टाइटनेस महसूस होती है.

3. मॉर्निंग सिकनेस (Morning sickness)

प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस की समस्या भी बहुत आम होती है, जिसके कारण पेट में अधिक खिंचाव महसूस होने लगता है. इसके साथ ही प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीनों में गैस और दस्त होना भी बहुत आम है. इसके कारण भी एक गर्भवती महिला को पेट में ऐंठन, दर्द या खिंचाव महसूस हो सकता है.

4. मिसकैरेज (Miscarriage)

कुछ मामलों में पेट का टाइट होना मिसकैरेज का संकेत भी हो सकता है. प्रेग्नेंसी के 12 हफ़्तों से पहले मिसकैरेज होना बहुत ही आम है.मिसकैरेज होने की स्थिति में पेट टाइट होने के अलावा कुछ इस तरह के लक्षण भी महसूस होते हैं;

1. बैक में हल्का या गंभीर दर्द होना

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2. ब्राइट रेड या ब्राउन वेजाइनल ब्लीडिंग

3. क्रैम्पिंग

4. वेजाइना से क्लॉट या टिशू का डिस्चार्ज होना

ध्यान रखें मिसकैरेज के लक्षण हर महिला में अलग हो सकते हैं. कुछ महिलाओं को मिसकैरेज के लक्षण महसूस होते हैं, तो वहीं कुछ महिलाएँ ऐसी भी होती हैं, जिन्हें कोई लक्षण महसूस नहीं होता है. इसलिए प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में आपको डॉक्टर से रेगुलर चेकअप करवाते रहना चाहिए.

प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में पेट टाइट होने के कारण (Stomach tightness during second trimester in Hindi)

14 से 28 हफ़्तों के बीच के समय को प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही माना जाता है. गर्भाशय में खिंचाव, ऐंठन और चुभने वाला दर्द इस तिमाही में भी जारी रहता है, इसे राउंड लिगामेंट दर्द के रूप में जाना जाता है. जैसे-जैसे गर्भाशय का विकास होता है, लिंगामेंट स्ट्रेच होने लगता है. जिसके कारण पेट में अधिक दर्द होने लगता है. अक्सर यह दर्द पोजीशन बदलने यानी कि उठने या बैठने के दौरान होता है. इसके अलावा, प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही के अंत तक महिलाओं को पेट में कॉन्ट्रैक्शन भी महसूस होने लगते हैं, इसे ब्रैक्‍सटन हिक्‍स कॉन्‍ट्रैक्‍शन कहा जाता है. ये कॉन्ट्रैक्शन महज 30 से 60 सेकंड से होकर 2 मिनट तक के लिए होते हैं.

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प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में पेट टाइट होने के कारण (Stomach tightness during third trimester in Hindi)

प्रेग्नेंसी के तीसरे ट्राइमेस्टर तक आते-आते बेबी का विकास तेज़ी से होने लगता है. साथ ही, इस दौरान बेबी की किक्स भी बढ़ जाती है. साथ ही, इस दौरान यूटरस ख़ुद को डिलीवरी के लिए तैयार करना शुरू कर देता है. इन सभी कारणों की वजह से इस दौरान पेट में दर्द या भारीपन महसूस होने लगता है.

इसे भी पढ़ें : क्या ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन (फॉल्स लेबर) प्रेगनेंसी में है खतरे का निशान?

प्रेग्नेंसी में पेट टाइट महसूस होने पर क्या करें? (How to deal with stomach tightening during pregnancy in Hindi)

प्रेग्नेंसी की हर तिमाही में पेट टाइट होने के अलग-अलग कारण होते हैं. हालाँकि, कुछ ऐसे उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं:

1. न्यूट्रिशन पर ध्यान दें (Nutrition)

प्रेग्नेंसी के दौरान आपको अपनी डाइट पर विशेष ध्यान देना चाहिए. इस दौरान न्यूट्रिशन से भरी चीज़ों को अपनी डाइट में शामिल करें. आप अपने डॉक्टर से सलाह लेकर भी अपने लिए एक डाइट प्लान बना सकते हैं. इसके अलावा, अगर आपको अचानक पेट टाइट महसूस होता है, एक ग‍िलास गुनगुना पानी या गर्म दूध पी लें. ऐसा करने से न सिर्फ़ मांसपेशियों को आराम मिलेगा; बल्कि पेट हल्का भी महसूस होगा.

इसे भी पढ़ें : प्रेग्नेंट औरतों के लिए सबसे अच्छी चीज़ क्या है?

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2. हाइड्रेशन (Hydration)

पेट की टाइटनेस से बचने के लिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए. डिहाइड्रेशन की वजह से पेट में खिंचाव, ऐंठन, दर्द और डिसकंफर्ट महसूस हो सकता है.

3. पर्याप्त आराम (Adequate rest)

प्रेग्नेंसी की हर तिमाही में आपको पर्याप्त आराम और नींद की ज़रूरत होती है. इससे आपका तन और मन दोनों रिलेक्स रहेगा.

4. एक्सरसाइज (Exercise)

प्रेग्नेंसी के दौरान हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करते रहने से मांसपेशियाँ मज़बूत रहती हैं और पेट की टाइटनेस कम होती है. हालाँकि, अपने रूटीन में किसी भी तरह की एक्सरसाइज को शामिल करने से पहले एक बार आपको अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी में बटरफ्लाई एक्सरसाइज करने के 11 फ़ायदे

5. स्ट्रेस मैनेजमेंट (Stress management)

प्रेग्नेंसी के दौरान आपको स्ट्रेस से दूरी बनाकर रखना चाहिए. स्ट्रेस को दूर करने के लिए आप इस दौरान योग और मेडिटेशन का सहारा ले सकते हैं.

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6. रेगुलर चेकअप (Regular check-ups)

रेगुलर प्रीनेटल चेकअप आपकी और आपके बेबी की हेल्थ को मॉनिटर करने में मदद करते हैं. इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान अपना रेगुलर चेकअप करवाते रहें.

7. पोजीशन बदलते रहें (Changing positions)

कभी-कभी बॉडी के एक जैसी पोजीशन में रहने के कारण भी यूटरस पर दबाव पड़ने लगता है, जिससे ब्रैक्‍सटन हिक्‍स कॉन्‍ट्रैक्‍शन ट्रिगर होने लगता है. इसलिए एक जैसी पोजीशन में ज़्यादा देर तक न रहें. अपनी पोजीशन बदलते रहें.

इसे भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी में कॉन्ट्रैक्शन का मतलब क्या होता है?

प्रो टिप (Pro Tip)

प्रेग्नेंसी के दौरान पेट की टाइटनेस से बचने के लिए अधिक मिर्च मसाले वाली चीज़ों को न खाएँ. पानी पीते रहें. साथ ही खाना खाने के बाद थोड़ी देर की वॉक ज़रूर करें.

रेफरेंस

1. Gomes CF, Sousa M, Lourenço I, Martins D, Torres J. (2018). Gastrointestinal diseases during pregnancy: what does the gastroenterologist need to know? Ann Gastroenterol.

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2. Zachariah SK, Fenn M, Jacob K, Arthungal SA, Zachariah SA. (2019). Management of acute abdomen in pregnancy: current perspectives. Int J Womens Health.

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Written by

Jyoti Prajapati

Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more

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