Illnesses & Infections
6 October 2023 को अपडेट किया गया
मलेरिया, मच्छर काटने से होने वाला पैरासिटिक इंफेक्शन दुनिया भर की मेजर हेल्थ कंसर्न है. यह प्रेग्नेंट महिलाओं और उनके यूट्रस में पल रहे बच्चों के लिए भी खतरनाक हो सकता है. प्रेगनेंसी में मलेरिया से सीवियर कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते हैं और यहां तक कि मौत भी हो सकती है.
सालाना एक सौ पच्चीस मिलियन से अधिक प्रेग्नेंट महिलाओं को मलेरिया होने का रिस्क रहता है. मलेरिया एनीमिया, प्रीटर्म डिलीवरी, जन्म के समय कम वजन और शिशु मृत्यु दर का का एक प्रमुख कारण है. यह दौरा पड़ने और किडनी फेल होने के साथ मां के लिए सीवियर हेल्थ प्रॉब्लम्स भी पैदा कर सकता है.
यहां हम प्रेगनेंसी में मलेरिया होने के कारण, इसके इफेक्ट्स और प्रेगनेंसी में मलेरिया के इलाज के बारे में जानेंगे.
मलेरिया प्रेगनेंसी के दौरान होने वाला एक तरह का इंफेक्शन है. मलेरिया का इंफेक्शन प्रेग्नेंट महिलाओं में गंभीर बीमारी से कहीं बड़ा रिस्क है. दूसरे लोगों की तुलना में प्रेग्नेंट महिलाओं के एफेक्ट होने की संभावना तीन गुना ज्यादा रहती है. WHO का अनुमान है कि प्रेगनेंसी के दौरान मलेरिया से हर साल लगभग 200,000 बच्चे मर जाते हैं.
यह इंफेक्शन फीमेल एनोफिलीज मच्छर के कारण होता है, जो प्लाज्मोडियम पैरासाइट को कैरी करती है. यह कंडीशन मां और उसके अजन्मे बच्चे के लिए खतरनाक हो सकती है, जिससे सीवियर हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.
मलेरिया दो तरह का होता है: सीवियर और अनकॉम्प्लिकेटेड. प्रेगनेंसी में मलेरिया का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट जरूरी है. इंफेक्शन कंफर्म होने पर तुरंत इलाज शुरू कर देना चाहिए.
अनकॉम्प्लिकेटेड मलेरिया को पेशेंट के ब्लड टेस्ट और फिज़िकल एग्जामिनेशन के जरिए डायग्नोज़ किया जाता है. ब्लड टेस्ट से हम पैरासाइट होने का पता लगा सकते हैं. मां की मेडिकल हिस्ट्री को समझ कर और फिज़िकल जांच करके इंफेक्शन का कारण तय किया जाता है.
इसी तरह, सीवियर मलेरिया का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट और फिज़िकल जांच जरूरी होती है. सीवियर मलेरिया का जनरल कारण P फाल्सीपेरम इंफेक्शन है, जिसके जानलेवा होने की ज्यादा संभावना होती है. सीवियर मलेरिया के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द और कमजोरी शामिल हैं. डॉक्टर लैब टेस्ट्स और फिज़िकल जांचों के जरिए सीवियर केसेस की पहचान करते हैं.
चूँकि ऐसे लक्षण अन्य बीमारियों के भी हो सकते हैं, इसलिए प्रेगनेंसी में मलेरिया को डायग्नोज़ करना मुश्किल हो जाता है, जैसे कि टाइफाइड, डेंगू और लेप्टोस्पायरोसिस. प्रेग्नेंट महिलाओं में इनका कोई भी लक्षण होने पर मेडिकल अटेंशन जरूरी है.
प्रेगनेंसी में मलेरिया का इफेक्ट्स मां और बच्चे दोनों के लिए गंभीर हो सकते हैं. प्रेग्नेंट महिलाओं में मलेरिया की कुछ कॉम्प्लीकेशन्स नीचे दिए गए हैं.
प्रेग्नेंट महिलाओं में मलेरिया के कारण किसी अन्य व्यक्ति की तरह ही होते हैं. उनमें शामिल हैं:
प्रेगनेंसी में मलेरिया का इलाज जल्द से जल्द शुरू कर देना चाहिए. WHO प्रेग्नेंट महिलाओं में मलेरिया को रोकने और इलाज के लिए एंटी मलेरियल दवाएं देने की सलाह देता है. नीचे मलेरिया प्रेगनेंसी इलाज के ऑप्शन दिए गए हैं:
साथ ही, मलेरिया प्रेगनेंसी इलाज में आगे के इंफेक्शंस को रोकने के उपायों को शामिल करना भी जरूरी है. प्रेग्नेंट मलेरिया का इलाज और पहचान करना गंभीर बीमारी और कॉम्प्लीकेशन्स को रोकने में मदद कर सकता है.
प्रेगनेंसी में मलेरिया को रोकने का सबसे अच्छा तरीका रोकथाम के उपाय हैं. उनमें यह शामिल है:
यह रोकथाम के उपाय प्रेगनेंसी में मलेरिया के रिस्क को कम करने और हेल्थी प्रेगनेंसी सुनिश्चित करने में मदद करेंगे. WHO (विश्व हेल्थ संगठन) की सलाह है कि मलेरिया के हाई रिस्क वाले एरिया में रहने वाली प्रेग्नेंट महिलाओं को उनकी पहली और दूसरी तिमाही के दौरान इंटरमिटेंट प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट (IPT) कराने की सलाह देनी चाहिए.
1.Rogerson, Stephen J..(2017) Management of malaria in pregnancy. Indian Journal of Medical Research
2.AskMayoExpert. Malaria. Rochester.(2018) Minn.: Mayo Foundation for Medical Education and Research
3.Barsoum W, Rashad GE. (2000). Kidney failure as in relation to malaria infection in pregnant mothers. Lancet Infect. Dis. 10:134.
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Written by
Parul Sachdeva
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