Getting Pregnant
4 August 2023 को अपडेट किया गया
टैकीकार्डिया एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें दिल की धड़कन असामान्य तौर पर बढ़ हो जाती है। अगर किसी की दिल की धड़कन प्रति मिनट सौ बार से ज्यादा है, तो उसे टैकीकार्डिया हो सकता है। यह आम तौर पर नई उम्र के नौजवानों में होता है और इसकी कई अलग-अलग वजहें जैसे; तनाव, चिंता, और बिना डाक्टरी सलाह के ली गई दवाएं वगैरह होती हैं।
यह जानना जरूरी है कि टैकीकार्डिया क्या होता है, ताकि शुरुआत में ही इसके लक्षणों की पहचान करके, इसका इलाज किया जा सके। दिल की बढ़ी हुई धड़कन, पसीना, और सांसों का तेज चलाना इसके सबसे आम लक्षण हैं। अगर इसका इलाज न कराया जाए, तो टैकीकार्डिया से दिल का दौरा भी पड़ सकता है।
किसी का अपने हेल्थ के प्रति सक्रिय रहना अच्छा होता है, लेकिन यह तब और भी अच्छा हो जाता है जब मामला दिल से जुड़ा हो। अगर किसी को दिल में परेशानी या दर्द महसूस हो तो उन्हें डॉक्टर से सलाह लेकर दवाई लेनी चाहिए। आइए, टैकीकार्डिया की कुछ सामान्य वजहों के बारे में जानते हैं।
टैकीकार्डिया की वजहें
टैकीकार्डिया या दिल की बढ़ी हुई धड़कन एक बहुत सामान्य लक्षण है। दिल की धड़कन सामान्य से ज्यादा बढ़े होने की कई वजहें हो सकती हैं। इसकी वजहों में तनाव, एक्सरसाइज, डर, बीमारियां, दवाइयां वगैरह शामिल होती हैं। अगर आपको, पहले कभी दिल से जुड़ी दिक्कतें हुई हैं, तो एक हार्टरेट मॉनिटर लेना काफी सुविधाजनक हो सकता है। BPM देखने के लिए इन मॉनिटर का इस्तेमाल किया जा सकता है कि वो सामान्य है या नहीं। वजह कोई भी हो, अगर हार्टबीट मॉनिटर में 100 से ज्यादा BPM दिखती है तो तुरंत किसी डॉक्टर को दिखाना और मेडिकल मदद लेना जरूरी होता है।
यहां टैकीकार्डिया के कुछ सामान्य प्रकारों के बारे में बताया गया है
सुप्रावेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया : दिल की धड़कन में इस तरह की दिक्कत तब होती है जब दिल 150 प्रति मिनट से भी ज्यादा तेजी से धड़कने लगता है। सुप्रावेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया दो तरह के होते हैं। वेंट्रिकुलर अरिथमिया वाला सुप्रावेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया (SVT-V) और बगैर वेंट्रिकुलर अरिथमिया वाला सुप्रावेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया (SVT-U)। SVT-V में, वेंट्रिकल में इलेक्ट्रिक एक्टिविटी बढ़ने की वजह से दिल की धड़कन बढ़ जाती है। SVT-U में, आर्टिया में इलेक्ट्रिक एक्टिविटी बढ़ने की वजह से दिल की धड़कन बढ़ जाती है।
साइनस टैकीकार्डिया : यह एक सामान्य तरह की SVT होती है। इस SVT में, साइनस में इलेक्ट्रिक एक्टिविटी के बढ़ने से दिल की धड़कन बढ़ जाती है। यह दूसरे तरह के SVT से कम सामान्य होता है लेकिन यह जीवन को खतरे में डालने वाला हो सकता है। हालांकि, शारीरिक काम या एक्सरसाइज के बाद दिल की धड़कन तेज होना सामान्य होता है लेकिन, किसी के आराम करने के दौरान भी ऐसा होना चिंता की बात होती है।
आट्रीयल फिब्रीलेशन : इस तरह दिल के धड़कने से, धड़कन में अनियमितता पैदा हो जाती है। अगर इसका इलाज न किया जाए तो इससे हार्ट फेल या मौत भी हो सकती है। आट्रीयल फिब्रीलेशन से खून के थक्के बन सकते हैं जिससे दिल का दौरा पड़ना या दूसरी गंभीर दिककते हो सकती हैं। दिल का ऊपरी चैंबर, आट्रीया लगातार धड़कता रहता है, इसीलिए इसे आट्रीयल फिब्रीलेशन कहते हैं।
टैकीकार्डिया के लक्षण और संकेत
जब दिल 100 प्रति मिनट की रफ्तार से तेज धड़के तो इसे टैकीकार्डिया माना जाता है। टैकीकार्डिया की कई वजहें होती हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में तनाव या उत्तेजना की वजह से दिल की बढ़ी हुई धड़कन ही इसका कारण होती है। टैकीकार्डिया की दूसरी वजहों में वायरल इंफेक्शन, ड्रग का सेवन, और दिल की बीमारी होती हैं।
टैकीकार्डिया दिल की बीमारी जैसे अरिथमिया या हार्ट फेल होने का संकेत हो सकता है। कुछ मामलों में, सिर्फ टैकीकार्डिया ही दिल की बीमारियों का संकेत हो सकता है। टैकीकार्डिया, सर्दी-जुकाम या फ्लू जैसे वायरल इंफेक्शन की वजह से भी हो सकता है। टैकीकार्डिया कुछ खास ड्रग जैसे, कोकेन और गांजे की वजह से भी हो सकता है।
टैकीकार्डिया का इलाज
टैकीकार्डिया एक्सरसाइज, तनाव, और दिल की बीमारियों जैसे अलग-अलग कारणों की वजह से हो सकता है। टैकीकार्डिया का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है।
अगर इसका कारण एक्सरसाइज होती है तो शरीर के ज्यादा मेहनत करने पर दिल की धड़कन कम होती जाती है। अगर टैकीकार्डिया तनाव की वजह से हो रहा है तो व्यक्ति को शांत करने के लिए दवाइयों की जरूरत पड़ सकती है। अगर इसकी वजह दिल से जुड़ी बीमारी है तो डॉक्टर इसका इलाज दवाइयों या सर्जरी की मदद से करेगा।
ज्यादातर मामलों में, टैकीकार्डिया का इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है। फिर भी, कुछ ऐसी चीजें हैं जिसे करने से व्यक्ति दिल की धड़कन अगर ज्यादा तेज हो तो उसे कम कर सकता है:
खुद को शांत करने और अररं देने के लिए नाक से लेते हुए और नाक से निकलते हुए धीरे-धीरे और गहरी सांसे लें।
अगर किसी को चक्कर जैसे आ रहे हैं या सर घूम रहा है को उन्हें बैठने या लेटने से काफी आराम मिल सकता है। तनाव या चिन्ताग्रत लोगों को कॉफी और शराब नहीं पीना चाहिए। अगर दिल की धड़कन बहुत तेज हो या अनियमित हो रही है तो डॉक्टर से दिखाएं।
निष्कर्ष
टैकीकार्डिया एक मेडिकल इमरजेंसी है। इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत होती है। अगर किसी को टैकीकार्डिया या दिल की धड़कन तेज होती है तो फौरन इमरजेंसी सेवाओं को बुलाना सी सही होता है। टैकीकार्डिया के बहुत सारे कारण होते हैं लेकिन सबसे आम वजहों में से कॉफी या निकोटिन जैसे उत्तेजक, संक्रमण, इलेक्ट्रोलाइट का गंभीर असंतुलन, और हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (HCM) जैसी दिल की बीमारियां होती हैं। अगर आपको लगता है कि टैकीकार्डिया की वजह से आपको कोई गंभीर बीमारी हो सकती है तो कृपया जल्द से जल्द जाकर डॉक्टर को दिखाएं। दिल की धड़कन बढ़ने की बहुत सारी वजहें होती हैं जिनके आधार पर डॉक्टर इलाज की सलाह देगा।
Yes
No
Written by
Priyanka Verma
Priyanka is an experienced editor & content writer with great attention to detail. Mother to an 11-year-old, she's a ski
Read MoreGet baby's diet chart, and growth tips
IVF Cost in India in Hindi | भारत में IVF ट्रीटमेंट में कितना खर्चा होता है?
Andrology in Hindi | आख़िर क्या है एंड्रोलॉजी?
Can Disposable Diapers Prevent Rashes in Hindi | क्या डिस्पोजेबल डायपर्स से रैशेज को रोका जा सकता है?
Can a disposable diaper keep baby dry overnight in Hindi | क्या डिस्पोजेबल डायपर बेबी को रातभर ड्राई रखते हैं?
Acidity During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में एसिडिटी? अपनाएँ ये घरेलू उपाय
Benefits of Banana During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में केले खाने के फ़ायदे
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream | newborn diapers | teether | baby kajal | baby diapers | cloth diapers |