hamburgerIcon

Orders

login

Profile

SkinHairFertilityBabyDiapersMore
Tackle the chill with hot discounts🔥 Use code: FIRST10Tackle the chill with hot discounts🔥 Use code: FIRST10
ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART
  • Home arrow
  • Fibroids arrow
  • Uterine Fibroids in Hindi | यूटेरिन फाइब्रॉयड क्या है और क्या होते हैं इसके लक्षण! arrow

In this Article

    Uterine Fibroids in Hindi | यूटेरिन फाइब्रॉयड क्या है और क्या होते हैं इसके लक्षण!

    Fibroids

    Uterine Fibroids in Hindi | यूटेरिन फाइब्रॉयड क्या है और क्या होते हैं इसके लक्षण!

    12 August 2023 को अपडेट किया गया

    यूटेराइन फाइब्रॉयड या फाइब्रॉयड सामान्य गैर-कैंसर वाले ट्यूमर होते हैं जो एक महिला के यूटरस में बढ़ते हैं. ये फाइब्रॉयड आम तौर पर उन महिलाओं में होते हैं जो बच्चे पैदा करने की उम्र यानी 30-40 साल की हो चुकी होती हैं. लेकिन यह किसी भी उम्र की महिलाओं में विकसित हो सकता है. यूटेराइन फाइब्रॉयड के लक्षणों के बारे में बहुत कुछ नहीं कहा गया है, क्योंकि फाइब्रॉयड से पीड़ित कुछ महिलाओं में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं. वहीं, कुछ महिलाओं को ज़्यादा पीरियड, पीठ में गंभीर दर्द और दर्दनाक संभोग जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है.

    यूटेराइन फाइब्रॉयड क्या हैं? (What are Uterine Fibroids?)

    यूटेराइन फाइब्रॉयड या लेयोमायोमास या फाइब्रॉयड गर्भाशय क्षेत्र में पाई जाने वाली गैर-कैंसरयुक्त उत्पत्ति है. ये कनेक्टिव टिश्यू और मसल्स के बने होते हैं. यूटेराइन फाइब्रॉयड शायद ही कभी यूटेराइन कैंसर की वजह बनता है, इसलिए किसी को इसके बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. ये फाइब्रॉयड अलग-अलग आकारों में होते हैं, जो आम इंसान की आंखों द्वारा पहचाने जाने योग्य आकार से लेकर भारी द्रव्यमान के आकार तक के होते हैं जो यूटरस के आकार को बदल सकते हैं.

    यूटरस में सिंगल या मल्टीपल फाइब्रॉयड हो सकते हैं. ये फाइब्रॉयड आम तौर पर एक पैल्विक एग्जाम या प्रीनेटल अल्ट्रासाउंड के दौरान पाए जाते हैं. एक बार पता चलने के बाद, विभिन्न चिकित्सा प्रक्रियाओं का उपयोग करके इसका ट्रीटमेंट किया जा सकता है.

    यूटेराइन फाइब्रॉयड: संकेत और कारण (Uterine Fibroids: Signs & Causes)

    यूटेराइन फाइब्रॉयड के लक्षण हर महिला में अलग होते हैं. कुछ को हल्के लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जबकि अन्य को बहुत ही ज़्यादा असुविधा का सामना करना पड़ता है. यूटेराइन फाइब्रॉयड के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

    • हैवी पीरियड
    • पीरियड आम तौर पर एक हफ़्ते से अधिक समय तक रहते हैं
    • बार-बार पेशाब आना
    • लगातार कब्ज रहना
    • पीठ और पैर में दर्द
    • दर्दनाक संभोग
    • क्रोनिक वजाइना डिस्चार्ज
    • ब्लोटिंग

    इस सवाल— " यूटेराइन फाइब्रॉयड की उत्पत्ति की वजह क्या है? " का कोई जवाब नहीं है. हालांकि, रिसर्च और क्लीनिकल स्टडीज़ का मानना है कि ये यूटेराइन फाइब्रॉयड के कारण हैं:

    • जेनेटिक बदलाव
    • एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का इम्बैलन्स
    • शरीर में टिशू के समुचित विकास के लिए जिम्मेदार पदार्थ फाइब्रॉयड के विकास का कारण बन सकते हैं.
    • शरीर की कोशिकाओं को बाइंड करने के लिए जिम्मेदार एक्स्ट्रासेलुलर मैट्रिक्स फाइब्रॉयड में वृद्धि कारकों में से एक है, क्योंकि फाइब्रॉयड में शरीर की सामान्य कोशिकाओं की तुलना में अधिक ईसीएम होता है.

    यूटेराइन फाइब्रॉयड का दर्द कैसा लगता है?(What Does Uterine Fibroid Pain Feel Like?)

    यूटेराइन फाइब्रॉयड से पीड़ित महिलाओं को यूटेराइन फाइब्रॉयड के विभिन्न लक्षणों का सामना करना पड़ता है, जिनमें से अधिकांश दर्दनाक होते हैं. हालांकि, अगर किसी महिला को छोटे फाइब्रॉयड हैं जो खुली आंखों से नहीं देखे जा सकते हैं, तो उन्हें कोई असुविधा महसूस नहीं होगी. बड़े फाइब्रॉयड वाली महिलाओं को, पीठ और पेल्विक क्षेत्र में तेज दर्द होना आम बात है.

    किसी को सेक्स के दौरान दर्द और पेट के क्षेत्र में तेज दर्द भी महसूस हो सकता है. गंभीर मेंस्ट्रुअल क्रैम्प भी चीजों को बदतर बना देता है. फाइब्रॉयड वाली महिलाओं में पीरियड्स भी अनियमित और अक्सर लंबे होते हैं, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि ये क्रैम्प कितने समय तक रह सकते हैं.

    यूटेराइन फाइब्रॉयड को कैसे डायग्नोज़ किया जाता है? (How are Uterine Fibroids Diagnosed?)

    कई मौकों पर डॉक्टर और प्रोफेशनल हेल्थकेयर नियमित पेल्विक एग्जाम के दौरान यूटेराइन फाइब्रॉयड का पता लगा सकते हैं. प्रारंभिक डायग्नोसिस में यूटेराइन फाइब्रॉयड के लक्षण आम तौर पर स्वास्थ्य कर्मियों को सतर्क करते हैं जो फाइब्रॉयड की मौजूदगी की पुष्टि करने के लिए कुछ टेस्ट का सुझाव देते हैं. इनमें से कुछ टेस्ट में निम्न शामिल हैं:

    • अल्ट्रासाउंड: इस स्क्रीनिंग टेस्ट में, डॉक्टर यूटरस में फाइब्रॉयड के स्थान और आकार का पता लगाने के लिए टेस्ट से प्राप्त इमेज का उपयोग करते हैं.
    • एमआरआई टेस्ट: जब अल्ट्रासाउंड के रिजल्ट अनिश्चित होते हैं, तो डॉक्टर प्रभावित क्षेत्र की अधिक विस्तृत इमेज प्राप्त करने के लिए एमआरआई टेस्ट करते हैं.
    • हिस्टेरोस्कोपी: इस इनवेसिव टेस्ट में, फाइब्रॉयड को बारीकी से देखने के लिए वजाइना में एक स्कोप डाला जाता है.
    • सोनोहिस्टेरोग्राफी: यदि ऊपर दिए गए टेस्ट ठीक-ठीक रिजल्ट देने में विफल रहते हैं, तो एक छोटे कैथेटर के साथ यूटरिन कैविटी में सलाइन इंजेक्ट किया जाता है. यह इमेजिंग टेक्नीक एक स्टैन्डर्ड अल्ट्रासाउंड की तुलना में अधिक सटीक इमेज देती है.
    • लैप्रोस्कोपी: इस टेस्ट में महिला के पेट के निचले हिस्से में एक चीरा लगाकर यूटरस में एक फ्लेक्सिबल ट्यूब डाली जाती है.

    यूटेराइन फाइब्रॉयड का मैनेजमेंट और ट्रीटमेंट (Uterine Fibroids Management and Treatment)

    एक महिला के शरीर में बढ़ने वाले यूटेराइन फाइब्रॉयड को मैनेज करने के कई तरीके हैं. फाइब्रॉयड के आकार, संख्या और स्थान जैसे कारकों पर यूटेराइन फाइब्रॉयड का मैनेजमेंट निर्भर करता है. यूटेराइन फाइब्रॉयड के मैनेजमेंट के बारे में विस्तृत निर्देश प्राप्त करने के लिए हेल्थकेयर प्रोफ़ेशनल से परामर्श करना सबसे अच्छा तरीका है.

    यूटेराइन फाइब्रॉयड का इलाज दो तरह से किया जाता है:

    • ओरल मेडिसिन
    • सर्जिकल मेथड

    ओरल मेडिसिन (Oral Medications)

    फाइब्रॉयड का इलाज करने वाली कुछ सबसे आम दवाएं हैं:

    • ओटीसी मिलने वाली दर्द की दवाएं
    • आयरन सप्लीमेंट्स
    • बर्थ कंट्रोल पिल्स
    • GnRH एगोनिस्ट मेडिसिन

    सर्जिकल मेथड (Surgical Methods)

    फाइब्रॉयड को निकालने के लिए सबसे प्रभावी सर्जिकल तरीके इस प्रकार हैं:

    • मायोमेक्टोमी
    • हिस्टेरोस्कोपी
    • लैपरोटॉमी
    • लेप्रोस्कोपी
    • लैपरोटॉमी
    • हिस्टेरेक्टॉमी
    • रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन
    • यूटेराइन फाइब्रॉयड एम्बोलिज़ेशन

    यूटेराइन फाइब्रॉयड की रोकथाम (Preventing Uterine Fibroids)

    महिला के शरीर में फाइब्रॉयड की वृद्धि को रोकने का कोई सही तरीका नहीं है. हालांकि, शरीर के स्वस्थ वजन को बनाए रखने और संतुलित आहार खाने जैसे लाइफस्टाइल में बदलाव से फाइब्रॉयड का खतरा कम हो सकता है. शरीर में यूटेराइन फाइब्रॉयड की वृद्धि को कम करने के लिए बहुत सारे फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए.

    यदि कोई यूटेराइन फाइब्रॉयड के लक्षणों का सामना कर रहा है, तो उसे पेल्विक टेस्ट के लिए अपने नजदीकी हेल्थकेयर प्रोफेशनल के पास जाना चाहिए.

    रेफरेंस

    US Department of Health and Human Services, Office on Women’s Health. Uterine fibroids(2020)

    Is this helpful?

    thumbs_upYes

    thumb_downNo

    Written by

    Parul Sachdeva

    A globetrotter and a blogger by passion, Parul loves writing content. She has done M.Phil. in Journalism and Mass Communication and worked for more than 25 clients across Globe with a 100% job success rate. She has been associated with websites pertaining to parenting, travel, food, health & fitness and has also created SEO rich content for a variety of topics.

    Read More

    Get baby's diet chart, and growth tips

    Download Mylo today!
    Download Mylo App

    RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

    our most recent articles

    foot top wavefoot down wave

    AWARDS AND RECOGNITION

    Awards

    Mylo wins Forbes D2C Disruptor award

    Awards

    Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022

    AS SEEN IN

    Mylo Logo

    Start Exploring

    wavewave
    About Us
    Mylo_logo

    At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

    • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
    • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
    • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.