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    लो-लाइंग प्लेसेंटा या प्लसेंटा प्रिविया क्या है ?

    Low Lying Placenta

    लो-लाइंग प्लेसेंटा या प्लसेंटा प्रिविया क्या है ?

    12 December 2022 को अपडेट किया गया

    लो-लाइंग प्लेसेंटा या प्लसेंटा प्रिविया क्या है ?

    गर्भ में अंडे का निषेचन होने के समय निषेचित अंडा यानी फर्टलाइज्ड एग फेलोपियन ट्यूब से होते हुए निषेचित अंडा गर्भाशय में जहां भी प्रत्यारोपित होता है, वहीं अपरा विकसित होती है. लेकिन, कई बार निषेचित अंडा गर्भाशय के निचले हिस्से से ही खुद को जोड़ लेता है. यानि कि इस स्थिति में गर्भनाल या प्लेसेंटा जो बच्चे के विकास में मुख्य भूमिका निभाती है, वह ठीक गर्भाशय के मुंह पर स्थित हो जाती है. जो कि जच्चा और बच्चा दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. बता दें, लॉ लाइंग प्लेसेंटा की समस्या गर्भावस्था के अंतिम दौर में होती है, ऐसी अवस्था में गर्भवती महिला को आराम करने की सलाह दी जाती है. वैसे, इन मामलों में गर्भाशय का मुंह प्लेसेंटा द्वारा ढ़का हुआ होता है, जो सामान्य डिलिवरी को नामुमकिन बनाता है. ऐसे में बच्चे के सुरक्षित जन्म के लिये सीजेरियन ऑपरेशन करने की जरुरत पड़ती है.

    स्थितियां

    प्लेसेंटा प्रिविया की तीन स्थितियां होती है :

    मार्जनल प्लेसेंटा प्रिविआ

    इसमें अपरा ग्रीवा के बिल्कुल किनारे पर होता है.

    पार्शियल प्लेसेंटा प्रिविआ

    इसमें आंतरिक ग्रीवा को खोलने वाला हिस्सा नाल द्वारा आंशिक रूप से ढ़का हुआ रहता है.

    कंप्लीट प्लेसेंटा प्रिविआ

    इसमें आंतरिक ग्रीवा को खोलने वाला हिस्सा या कहें गर्भाशय का मुंह पूरी तरह नाल द्वारा ढ़क लिया जाता है.

    अपरा के नीचे स्थित होने का पता कैसे चलता है?

    आमतौर पर गर्भावस्था के 20 सप्ताह पर होने वाले अल्ट्रासाउंड के वक्त इस समस्या का पता चल जाता है. लेकिन, कई बार प्लेसेंटा गर्भाशय की पिछली दीवार से जुड़ा होता है. ऐसे में इसके लिए डॉक्टर टीवीएस यानी ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड के माध्यम से स्थिति की जांच करते है कि प्लेसेंटा प्रिविआ किस स्थिति में हैं. वैसे, कई बार बच्चा जब गर्भ में घूमता है तो प्लेसेंटा के ऊपर की और खिसक जाने की संभावना होती है और ऐसे मामलों में नार्मल डिलवरी होने की उम्मीद बढ़ जाती है.

    लक्षण

    • अगर गर्भ में आपके शिशु के नितंब या पैर नीचे की तरफ या वो फिर गर्भ में काफी ऊपर की तरफ है, तो ये इस बात का संकेत हो सकता है कि अपरा शिशु के रास्ते में अड़ रही है. जिस वजह से शिशु का सिर नीचे वाली स्थिति या एंगेज्ड स्थिति में नहीं आ पा रहा है.

    • इसके अलावा, दूसरी या तीसरी तिमाही में बिना दर्द के योनि से रक्तस्त्राव होता है. ऐसे में अपने डाक्टर से जल्द से जल्द मिलें.

    • अगर लेबर पैन की तरह संकुचन लगातार यानी एक घंटे में 5 से 10 मिनट तक होते हैं, वहीं, इस दौरान, पेट व कमर में दर्द हो सकता है.

    प्लेसेंटा प्रिविया की जटिलताएं

    • रक्तस्त्राव

    प्लेसेंटा प्रिविया होने पर अधिक मात्रा में रक्तस्राव हो सकता है. लेकिन, अगर इसका तुंरत इलाज न किया जाएं तो ब्लिडिंग होना गर्भ में पल रहे शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. ऐसें में तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें.

    • प्लेसेंटा एक्रीटा

    इसमें गर्भाशय के साथ अपरा गहराई से जुड़ जाता है. आमतौर पर डिलीवरी के बाद अपरा और गर्भाशय अलग-अलग हो जाते हैं, लेकिन एक्रिटा की स्थिति में अपरा डिलीवरी के बाद भी गर्भाशय से जुड़ा रहता है. जिस वजह से भी अधिक रक्तस्त्राव हो सकता है. ऐसे में उपचार के लिए महिला को मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैन कराने की सलाह दी जा सकती है.

    प्लेसेंटा प्रिविया से कैसे निपटें ?

    • पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक भोजन खाएं. विशेषकर कि आयरन से भरपूर आहार जैसे कि लाल मांस, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें और दलहन आदि.

    • अक्‍सर प्लेसेंटा प्रिविया के दौरान दी जाने वाले दवाएं गर्भवती महिला की मॉर्निंग सिकनेस को बढा सकती हैं. ऐसे में अधिक से अधिक आराम करें.

    • इस दौरान कोई भी भारी सामान उठाने से बचें. इसके अलावा, जितना हो सकें उतनी कम सीढ़िया चढ़े या उतरें.

    • कुछ मामलों में डॉक्टर पूरी तरह से बेड रेस्ट करने की सलाह देते हैं.

    • वहीं, कुछ मामलों में प्लेसेंटा प्रिविया के कारण नॉर्मल डिलीवरी की संभावना लगभग खत्म हो जाती है या अधिक रक्तस्राव होने पर डॉक्टर गर्भवती महिला को हॉस्पिटलाइज भी कर सकते हैं.

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    Written by

    Mittali Khurana

    Mittali is a content writer by profession. She is a dynamic writer with 04+ years of experience in content writing for E-commerce, Parenting App & Websites, SEO.

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