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General Father
12 December 2022 को अपडेट किया गया
मां-बाप बनना हर किसी की जिंदगी का यह अहम पड़ाव होता है। लेकिन बच्चे को संभालना एक जिम्मेदारी भरा काम होता है। नवजात शिशु या छोटे बच्चे अपनी परेशानी को बता नहीं पाते हैं, ऐसे में वह किसी भी समस्या पर रोना शुरू कर देते हैं। इतना ही नहीं यदि बच्चे को किसी चीज की जरूरत भी होती है, तो भी वह रोकर ही अपनी बात मा-बाप से कहने का प्रयास करते हैं। इस समय माता-पिता के लिए बच्चे की परेशानी के सही कारणों को जान पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। साथ ही अपने बच्चे को रोता हुआ देखकर घर के सभी लोग परेशान हो जाते हैं।
शिशुओं और बच्चों की इसी परेशानी को सरल बनाने के लिए आपको इस लेख में “रोते हुए बच्चे को कैसे शांत करें” के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही इस लेख में आपको बच्चों के रोने के कारण, बच्चों को चुप कराने का तरीका, बच्चों को चुप कराने उपाय और बच्चे के चुप कराने के नुस्खे, आदि के बारे में भी विस्तार से बताने का प्रयास किया गया है।
सामान्यतः शिशु और बच्चे अपनी बात को माता-पिता तक पहुंचाने के लिए रोना शुरू कर देते हैं। भूख, परेशानी या डर, आदि सभी चीजों को बच्चे रोकर ही बताने का प्रयास करते हैं। माता-पिता को अंदाजा लगाकर अपने बच्चे के रोने के सही कारणों का पता लगाना होता है, लेकिन धीरे-धीरे मां बच्चे के रोने पर उसकी जरूरत को समझने लग जाती हैं। आगे आपको बच्चों के रोने के कुछ कारणों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। जिसकी मदद से आप बच्चों के रोने के कारण को समझ सकती हैं।
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भूख लगना: यदि शिशु को स्तनपान किए हुए तीन से चार घंटे बीत चुके हों और बच्चा जागकर रोने लगे तो समझ जाएं कि बच्चा भूख के कारण रो रहा है। कई बार बच्चा मल त्याग करने के बाद भी भूख की वजह से रोने लगते हैं। भूख के कारण बच्चों का रोना एक आम बात है। ऐसे में बच्चे को स्तनपान कराना या खाना खिलाना उसकी भूख को शांत कर देता है।
बीमार होने पर: बच्चे अपनी बीमारी या परेशानी की बात को भी रोकर ही बताने का प्रयास करते हैं। अगर बच्चा लगातार रो रहा हो और सब उपाय करने के लिए बाद भी चुप नहीं हो पा रहा हो, तो बच्चे के शरीर के तापमान की जांच करें। इसके साथ ही आपको बच्चे के डायपर रैश और कान के इंफेक्शन की भी जांच करनी चाहिए। बीमारी में बच्चा सामान्य दिनों की अपेक्षा तेज आवाज में रोता है। इससे आप समझ जाएं कि आपके बच्चे को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है और ऐसे में बच्चे को अपने डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
बच्चे को चुप कराने के कुछ तरीकों को नीचे बताया गया है -
बच्चे को चुप कराने के उपाय
बच्चे को चुप या शांत कराने के कई उपाय मौजूद हैं, जिनमें से आपको निम्नतः कुछ उपायों को बताया जा रहा है।
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एक लय में चलने वाली आवाज (White noise): कुछ बच्चे एक लय में चलने वाली आवाज को सुनकर भी रोना बंद कर देते हैं। माना जाता है कि एक लय में लगातार चलने वाली आवाज बच्चों को गर्भ मे होने वाली आवाज की तरह ही लगती है। इसलिए मां जब बच्चे को चुप कराने के लिए “शशश...” की आवाज निकालती है तो बच्चा चुप हो जाता है। ठीक ऐसे हैं वैक्युम क्लीनर की आवाज सुनते ही बच्चा रोते समय शांत हो जाता है। लेकिन ऐसा करते समय इस बात का ध्यान दें कि बच्चे के रोने की आवाज इस ध्वनि (शश...) से थोड़ा कम होनी चाहिए, ताकि बच्चा इस आवाज को सही तरह से सुनकर उस पर प्रतिक्रिया कर सके।
बच्चे को चुप कराने के नुस्खे से भी आप अपने रोते हुए बच्चे को आसानी से शांत या चुप करा सकते हैं। बच्चे को चुप करने के कुछ नुस्खों के बारे में नीचे बताया जा रहा है।
बच्चे को बाहर घुमाने ले जाएं: कई बार शिशु या बच्चा को घर से बाहर ले जाकर, खुली हवा में घुमाना चाहिए। इससे शिशु के माहौल में बदलाव होता है, जिसकी वजह से शिशु का मूड पहले से ज्यादा अच्छा हो जाता है। अगर आप बच्चे के गोद में रखकर बाहर नहीं घुम पाती हैं तो ऐसे में आप अपने बच्चे के लिए स्ट्रॉलर (Strawler: बच्चे को घुमाने वाली गाड़ी) ले आएं और बाहर जाते समय बच्चे को भी घुमाने ले जाएं।
रोते हुए बच्चे को शांत करन के अन्य उपायों को नीचे विस्तार से बताया गया है।
कई बार जब अभिभावक अवसाद में होते हैं तो उसका असर भी बच्चे पर देखने मिलता है और बच्चे लगातार रोते हैं. जब अभिभावक अच्छे से सोने लगते हैं और उनकी भावनात्मक दशा मजबूत होती है तो बच्चे भी शांत होकर सोने लगते हैं.
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Written by
Jyoti Prajapati
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