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Back Pain
18 August 2023 को अपडेट किया गया
Medically Reviewed by
Kusum Sabharwal
Obstetrician & Gynecologist - MBBS| DGO
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प्रेग्नेंसी के दौरान कमर दर्द होना बहुत ही आम है. कई महिलाएँ प्रेग्नेंसी के बाद भी कमर दर्द की शिकायत करती हैं. कमर दर्द की वजह से रोज़मर्रा के कामों को करने और यहाँ तक की सोने में भी बहुत परेशानी आती है. हालाँकि, यह कुछ उपायों की मदद से आप इस दर्द से राहत पा सकती हैं. तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि आख़िर प्रेग्नेंसी के दौरान कमर और पीठ में दर्द क्यों होता है
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प्रेग्नेंसी के दौरान कमर और पीठ दर्द के कई कारण हो सकते हैं. इस आर्टिकल में हम आपको उन कारणों के बारे में बताएँगे, जो आमतौर पर कमर या पीठ दर्द की वजह बनते हैं.
प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद महिलाओं के हार्मोन्स में तेज़ी से बदलाव आता है, जिसके चलते महिलाओं को पीठ व कमर दर्द का सामना करना पड़ता है.
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भाशय बढ़ने के कारण मांसपेशियां अलग होने लगती हैं, जो पीठ दर्द का कारण बनती हैं.
बढ़ते वज़न के कारण भी पीठ व कमर में दर्द होता है. दरअसल, रीढ़ की हड्डी ही बढ़े हुए वज़न को सपोर्ट करती है.
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आमतौर पर महिलाएँ प्रेग्नेंसी के दौरान किसी न किसी बात को लेकर परेशान होने लग जाती हैं; जैसे- कभी गर्भ में पल रहे बच्चे की चिंता, तो कभी डिलीवरी का डर. आगे चलकर यही तनाव पीठ व कमर दर्द का कारण बनता है. वहीं, प्रेग्नेंसी के बाद महिलाएँ अपने बच्चे की सेहत और केयर के बारे में सोचती हैं. इस वजह से भी वह परेशान रहने लगती हैं.
प्रेग्नेंसी के दौरान आप कैसे उठती- बैठती हैं और कैसे लेटती हैं, इसका सीधा असर आपकी पीठ पर होता है. प्रेग्नेंसी के बाद भी अगर आप ग़लत पोजीशन में उठती- बैठती या लेटती हैं, तो इससे पीठ व कमर दर्द हो सकता है.
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आयुर्वेद गर्भावस्था के दौरान और बाद में धन्वंतरम तेल से मालिश करने की सलाह देता है. प्रेग्नेंसी के दौरान, धन्वंतरम तेल की मालिश से मांसपेशियों में हो रहे दर्द से तुरंत आराम मिलता है और प्रेग्नेंसी के बाद, यह गर्भाशय के स्वास्थ्य को बनाये रखने में मदद करता है. मसाज के लिए आप माइलो आयुर्वेदिक प्रेग्नेंसी मसाज ऑइल -धन्वंतरम तैलम (Ayurvedic Pregnancy Massage Oil - Dhanwantram Thailam) को चुन सकते हैं. तिल, आँवला, चंदन और अश्वगंधा जैसी नेचुरल चीज़ों से बना यह ऑइल प्रेग्नेंसी के दौरान सूजन और बदन दर्द से राहत देता है. साथ ही, यह त्वचा संबंधित समस्याओं को रोकता है और गर्भवती महिला को तनाव मु्क्त रखता है. इस ऑइल का इस्तेमाल करना भी बहुत आसान है. आपको बस अपनी हथेली पर तेल लेना और हल्के हाथों से प्रभावित क्षेत्र (पेट व पीठ) पर लगाकर मसाज करनी है. ऑइल को 10 से 15 मिनट के लिए लगा रहने दो और फिर सौम्य साबुन का इस्तेमाल करते हुए प्रभावित क्षेत्र को धो लें.
व्यायाम करने से आपको बहुत फ़ायदा हो सकता है. प्रेग्नेंसी के दौरान और बाद में रोज़ाना नियमित रूप से हल्का व्यायाम करने से मांसपेशियां मज़बूत और लचीली होती हैं. इससे प्रेग्नेंसी के दौरान वज़न और ब्लड की मात्रा बढ़ने व घटने पर थकावट महसूस नहीं होती है. प्रीनेटल योगा और कीगल जैसे व्यायाम मांसपेशियों में हो रहे तनाव और हो रही असुविधा को कम करने के साथ शरीर में तरल पदार्थ को बनाये रखने में मदद करते हैं. इसके अलावा, आप डॉक्टर की सलाह से स्ट्रेचिंग जैसे व्यायाम कर सकती हैं.
बैठने, खड़े होने या लंबे समय तक चलने के दौरान मैटरनिटी बेल्ट पहनने से पेल्विक गर्डल पेन (श्रोणि करधनी के आसपास की मांसपेशियां) से राहत मिलती है. मैटरनिटी बेल्ट बढ़े हुए पेट का भार संभाल लेते है, जिससे आपको पीठ दर्द से राहत मिल सकती है. लेकिन इस दौरान एक बात का ख़्याल रखें कि मेटरनिटी बेल्ट निर्धारित अवधि से अधिक ना पहनें वरना आपको कई और समस्याएँ हो सकती हैं.
खड़े होने, बैठने और सोते समय सही पोजीशन अपनाने की कोशिश करें. ऐसे में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें; जैसे- बैठते, सोते, खड़े होते वक़्त पिलो के सहारे पीठ को सहारा दें और सोते समय अपने पैरों को ऊँचा करने के लिए पिलो का इस्तेमाल करें.
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प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद टाइट कपड़े पहनने से बचें. अक्सर टाइट कपड़े कमर और पीठ दर्द की वजह बनते हैं. इसके अलावा, आरामदायक चप्पल या फिर जूते पहनने चाहिए
इस आर्टिकल में हमने जाना कि प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद कमर व पीठ दर्द क्यों होता है और आप कैसे इस दर्द से राहत पा सकती हैं. ध्यान रखें, आप कमर व पीठ दर्द से राहत पाने के लिए जिस भी विकल्प का चयन करें, उससे पहले एक बार अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श कर लें.
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Priyanka Verma
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