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Breastfeeding & Lactation
21 August 2023 को अपडेट किया गया
फ्लैट निपल्स, एक ऐसी स्थिति है जहाँ निप्पल बाहर की ओर होने के बजाय अंदर की ओर मुड़ जाते हैं जिससे वह सपाट या उल्टे दिखाई देते हैं. हालाँकि यह कोई हेल्थ कंसर्न नहीं है लेकिन फ्लैट निप्पल ब्रेस्टफ़ीडिंग को थोड़ा मुश्किल बना सकते हैं. आइये फ्लैट निप्पल से जुड़े हुए पहलुओं को विस्तार से समझते हैं.
फ्लैट निप्पल में एरोला यानी कि बीच का काले रंग का हिस्सा ठीक तरह से बाहर नहीं निकला होता है और यह स्थिति पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकती है. एक अनुमान के आधार पर लगभग 10 से 20 प्रतिशत महिलाओं में कुछ हद तक फ्लैट या उल्टे निप्पल होते हैं. ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान (Breastfeeding with flat nipples in Hindi) फ्लैट निप्पल से दिक्कत आती है क्योंकि निप्पल के सपाट होने से बच्चे के लिए फीड लेना मुश्किल हो जाता है.
आइये जानते फ्लैट निप्पल क्यों होते हैं.
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फ्लैट निप्पल के कई कारण हो सकते हैं; जैसे कि
अगर आपके माता-पिता में से किसी एक के निप्पल चपटे या उल्टे हैं, तो आपके साथ भी ऐसा हो सकता है.
प्युबर्टी के दौरान, हार्मोनल बदलाव के कारण ब्रेस्ट टिशूज़, निप्पल और एरोला का विकास होता है और ऐसे में निप्पल सपाट या उल्टे दिखाई दे सकते हैं. इसके अलावा प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान भी ब्रेस्ट का साइज़ बढ्ने के कारण निप्पल का आकार फ्लैट दिख सकता है.
कई बार उथली मिल्क डक्ट्स, ब्रेस्ट के टिशू स्ट्रक्चर (breast tissue structure) और ब्रेस्ट के अंदर मौजूद लिगामेंट्स के कारण भी निप्पल अंदर की ओर सिकुड़ जाते हैं.
ऐसी ब्रेस्ट सर्जरी जिसमें निप्पल या उसके आस-पास चीरा लगाया जाता है जैसे कि; ब्रेस्ट के साइज़ को बढ़ाना (breast augmentation) या कम करवाना (breast reduction), या ब्रेस्ट लिफ्ट करवाने जैसे प्रोसेस (breast lift) के कारण निप्पल सपाट या उल्टे हो सकते हैं.
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हालाँकि निप्पल प्राकृतिक रूप से भी कई तरह के शेप के होते हैं. आगे आपको बताएँगे इन शेप्स के बारे में.
अलग-अलग शेप के निप्पल एक दूसरे से थोड़ा अलग दिखाई देते हैं; जैसे कि
नॉर्मल निप्पल, एरोला से बाहर की ओर निकलता है. एरोला पर छोटे उभार होते हैं जिन्हें मोंटगोमरी ग्लेण्ड्स (Montgomery glands) कहते हैं. इनसे ऑइल निकलता है जिसे निप्पल और एरोला सॉफ्ट और सुरक्षित रहता है. किसी भी व्यक्ति के कांप्लेक्शन के अनुसार निप्पल का रंग गुलाबी से भूरा तक हो सकता है.
फ्लैट निप्पल वो होते हैं जो बाहर की ओर उभरे होने के बजाय अंदर की ओर दबे हुए से होते हैं और या तो वे एरोला के बराबर होते हैं या और भी अंदर की ओर धँसे हुए रहते हैं.
उल्टे निपल्स, जिन्हें निप्पल इंवर्जन (nipple inversion) भी कहा जाता है, ऐसे निप्पल हैं जो बाहर की ओर पॉइंट करने के बजाय अंदर की ओर मुड़े हुए होते हैं. इन पर टेम्परेचर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. इन्हें तीन अलग-अलग ग्रेड में बाँटा गया है:
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ग्रेड 1: जो आसानी से बाहर खींच लिए जाते हैं और स्टिमुलेट होने या ठंडे तापमान में आने पर थोड़ी देर के लिए बाहर निकल आते हैं.
ग्रेड 2: ऐसे निप्पल जिन्हें ग्रेड 1 की अपेक्षा अधिक कठिनाई के साथ बाहर निकाला जा सकता है लेकिन वे कुछ ही देर बाद वापस एरोला में चले जाते हैं.
ग्रेड 3: निप्पल जो लगातार उल्टे और अंदर की ओर धँसे हुए ही रहते हैं और इन्हें बाहर निकालना बेहद कठिन होता है.
यूनीलैटरल निप्पल मतलब किसी व्यक्ति के दो निप्पल के बीच अंतर होना यानी कि एक निप्पल का साइज़, शेप और बनावट दूसरे से अलग होना. ऐसा होना सामान्य है और कई लोगों में यह अंतर पाया जाता है.
नॉर्मल निप्पल की तरह ही फ्लैट या इनवर्टेड निप्पल भी एक नेचुरल स्ट्रक्चर है और इन्हें किसी ट्रीटमेंट की ज़रूरत नहीं होती है. लेकिन फ्लैट निप्पल ब्रेस्टफ़ीडिंग (Breastfeeding with flat nipples in Hindi) को असुविधाजनक बना सकते हैं और लैचिंग से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं. ऐसे में ब्रेस्टफ़ीडिंग टेक्निक्स की मदद लेनी चाहिए जिनके बारे में हम आगे आपको बताएँगे.
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जी हाँ, फ्लैट या उल्टे निप्पल के साथ बच्चे को ब्रेस्ट फीड (how to breastfeed with flat nipples in Hindi) कराना संभव है, हालाँकि इसमें कुछ चुनौतियाँ आती हैं; जैसे कि फ्लैट निप्पल या उल्टे निप्पल होने पर बच्चे के लिए ब्रेस्ट को पकड़ना और ग्रिप बनाना मुश्किल भरा होता है.
फ्लैट निप्पल को नॉर्मल बनाने के लिए (how to get rid of flat nipples in Hindi) इन टेक्निक की मदद लेनी चाहिए.
यह फ्लैट और उल्टे निप्पल दोनों के लिए फ़ायदेमंद है जिससे उन्हें ब्रेस्टफ़ीडिंग के लिए सीधा किया जा सकता है. इसमें उंगलियों के द्वारा एरोला और निप्पल एरिया की सर्कुलर मोशन में हल्की मालिश करते है जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ्ने पर नसों को स्टिमुलेट करने में मदद मिलती है.
ब्रेस्टफ़ीडिंग से पहले स्तनों पर गर्म तौलिया या गर्म पानी की बोतल से कम्प्रेशन देने पर टिशूज़ रिलेक्स होते हैं और निप्पल को सीधा होने में मदद मिलती है.
इसके लिए अंगूठे और तर्जनी उंगली के बीच निप्पल को लेकर अंदर से बाहर ओर रोल करते हैं.
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ब्रेस्ट शेल्स सिलिकॉन या प्लास्टिक से बने होते हैं और इसके दो हिस्से होते हैं. बाहरी कवर और अंदर से पहना जाने वाला डोम के आकार का टुकड़ा जो निप्पल के ऊपर फिट होता है. इन्हें निप्पल पर हल्का दबाव डालने और उन्हें बाहर निकालने के लिए डिज़ाइन किया जाता है.
ब्रेस्ट सक्शन इंस्ट्रूमेंट जैसे कि; निप्पल सकर्स या निप्पल एवर्टर, निप्पल के चारों ओर हल्का सक्शन पैदा करते हैं, जिसे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है जिसे निप्पल को बाहर निकालने में मदद मिलती है.
ऑइल बाथ से स्किन पर मॉइस्चराइजिंग प्रभाव पड़ता है और त्वचा रिलेक्स होती है जिससे ब्रेस्टफ़ीड के लिए निप्पल को बाहर लाने में आसानी होती है.
तो ये थे वो तरीके़ जिनसे आप इनवर्टेड निप्पल्स (inverted nipple breastfeeding in Hindi) के साथ ब्रेस्टफ़ीडिंग को आसान बना सकते हैं.
अगर आप भी अपने फ्लैट निप्पल को लेकर परेशान हैं तो याद रखें कि ये कोई हेल्थ कंसर्न नहीं है. हालाँकि, ये बच्चे के लिए माँ का दूध पीना थोड़ा मुश्किल बना देते हैं लेकिन सही ब्रेस्ट्फ़ीडिंग टेक्निक आज़मा कर आप इस स्थिति को काफ़ी हद तक आसान बना सकते हैं.
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2. Nabulsi M, Ghanem R, Abou-Jaoude M, Khalil A. (2019). Breastfeeding success with the use of the inverted syringe technique for management of inverted nipples in lactating women: a study protocol for a randomized controlled trial.
3. Chakrabarti K, Basu S. (2011). Management of flat or inverted nipples with simple rubber bands. Breastfeed Med.
4. Nabulsi M, Ghanem R, Smaili H, Khalil A. (2022). The inverted syringe technique for management of inverted nipples in breastfeeding women: a pilot randomized controlled trial.
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Written by
Kavita Uprety
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