Pregnancy Journey
13 August 2023 को अपडेट किया गया
लोगों ने प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली क्रेविंग के बारे में दर्जनों चुटकुले और हंसी-मज़ाक सुने होंगे, खासकर जब उनके यहां बच्चा होने वाला हो। ज्यादातर महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान अचार खाने की इच्छा होती है। अचार प्रेगनेंसी के वक्त महिलाओं का पसंदीदा होता है क्यूंकी कुछ महिलाओं को अचार का नमकीन स्वाद और कुरकुरापन बेहद पसंद आता है, तो प्रेगनेंसी के वक्त अचार खाना सही है या गलत? ये आर्टिकल इसी सवाल पर रोशनी डालने की कोशिश करेगा।
काफी महिलाएं ये सोचती हैं कि- “क्या हम प्रेगनेंसी के समय अचार खा सकतीं हैं?” पर उनमें से कम ही इस बारें में सोचती हैं कि आखिर उन्हें अचार खाने की इच्छा क्यों होती है। सभी प्रेग्नंट महिलाओ को अचार खाने की इच्छा होती है ये तो अब एक आम धारणा बन गयी है। कुछ लोग प्रेग्नंट महिलाओ की इन इच्छाओ को होने वाले बच्चे के लिंग से जोड़ देते हैं। हालाँकि, इस बात को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है। नीचे दिए गए कारणों की वजह से भी महिलाओं की अचार खाने की इच्छा हो सकती हे-
हार्मोन के असर- एस्ट्रोजन या किसी और खास होर्मोन में बदलाव की वजह से सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता में बदलाव होतें हैं। इसी के कारण प्रेगनेंसी में महिलाओं को पहले की तुलना में खाने का स्वाद अलग लगता है। प्रेग्नंट महिलाओ की अचार खाने की इच्छा बढ़ जाती हे क्योंकि उस से उनके स्वाद और सुगंध में आये हुए बदलाव में मदद मिलती है।
भावनात्मक तनाव: प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी महिला को तनाव महसूस होना आम बात है ऐसे में काफी महिलाएं अचार जैसे खाने वाली चीजों से हल्का महसूस करती हैं।
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Nutritional values of pickles
अचार की पौष्टिकता
यदि प्रेग्नंट महिलाएं अपने आप से पूछतीं है - “क्या मैं प्रेगनेंसी के दौरान अचार खा सकती हूं?” तो सभी का एक ही शानदार जवाब होगा हां। अचार में पौष्टिकता कम ही होती है। यही नहीं अचार में प्रोटीन और फैट की मात्रा भी बेहद कम होती है और उनमे थोड़ा सा कॉलेस्ट्रॉल होता है। आयरन और नमक केवल ये दो पौष्टिक पदार्थ हैं जो अचार से मिलतें है। इनके आलावा अचार में कैल्शियम, पाचक फाइबर और विटामिन C मिल सकता है। अलग अलग प्रकार के अचार में सोडियम, कॉलेस्ट्रॉल और कैलोरी की अलग-अलग मात्रा हो सकती है। इसलिए अचार के डिब्बे के लेबल पर दी गयी न्यूट्रीशन की जानकारी को पढना बेहद ज़रूरी है। हालाँकि अचार में कोई भी मिनरल और विटामिन नहीं होते, पर खाने के साथ अचार लेने से खाने का प्रोबायोटिक स्तर बढ़ जाता है।
रिसर्च इन कारणों के तरफ इशारा करती हे जिनकी वजह से प्रेगनेंसी के दौरान अचार पसंद आता है-
होर्मोन: हालाँकि इस पर ज्यादा रिसर्च नहीं की गयी है, पर प्रेगनेंसी के दौरान होर्मोन में तेजी से बदलाव होने वाले के कारण अचार की खाने की इच्छा बढ़ जाती हैं।
हालाँकि, ये सब जानते हैं की प्रेगनेंसी के पहले के तीन महीनो में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन काफी हद तक बढ़ जातें हैं जिससे बार-बार जी मिचलाना और उलटी होना एक लाज़मी बात है। जब एक महिला प्रेग्नेंट होती हे, तो उसकी संवेदिकता में बदलाव आता है, खासकर स्वाद और सूंघने की क्षमता में।
2।संभावित पोषण की कमी: प्रेगनेंसी के दौरान एक ग़लतफहमी ये है की शरीर में खून बढ़ने के साथ नमक की जरूरत भी बढ़ जाती है। इसलिए, प्रेगनेंसी में अचार खाने की इच्छा आपके शरीर में सोडियम की कमी ओर इशारा करती है। जिसका नतीजा ये है कि कुछ लोगो ने ये मान लिया है की कुछ खाने की इच्छा होना उनके शरीर में ज़रूरी मिनरल की कमी की वजह से होता है।
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प्रेगनेंसी में सीमित मात्र में अचार के सेवन से होने वाले फायदे जैसे -
शरीर को इलेक्ट्रोलाइट की जरूरत होती है, जो मिनरल होते हैं जैसे सोडियम और पोटेशियम। प्रेगनेंसी के दौरान भ्रूण के विकास और उसकी जरूरत पूरी करने के लिए शरीर को ज्यादा इलेक्ट्रोलाइट की जरूरत होती है। अचार में नमक और सोडियम की काफी मात्रा होती है, इसलिए अचार एक सीमित मात्रा में खाने से शरीर की इस ज़रूरत को पूरा किया जा सकता है।
अचार कुछ हद तक पाचन में और प्रतिरोधक कार्य में मदद कर सकता है। अचार में कुछ फायदेमंद बैक्टेरिया होतें हैं। इसीलिए, अचार खाने से शरीर की पाचन प्रणाली को ज्यादा हेल्दी बैक्टीरिया बनाने में मदद मिलती है।
ये माना जाता है कि अचार में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।अचार में इस्तेमाल की जाने वाली सब्जियों या फलों को पकाया नहीं जाता जिसके कारण अचार में एंटीऑक्सीडेंट सुरक्षित रहते हैं। यही एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल से लड़ने में मदद करतें हैं।
अलग अलग तरह की सब्जियों और फलों ,जैसे की आंवला से बने ताज़ा अचार को खाने से शरीर को महत्वपूर्ण विटामिन मिलते हैं, यही नहीं अचार खाने से शरीर को कई ज़रूरी मिनरल जैसे कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम भी मिलते हैं।
दुनिया में लगभग हर जगह अचार में नमक की बहुत ज़्यादा मात्रा होती है, जो प्रेगनेंसी के दौरान गर्भकालीन हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है और इसकी वजह से दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही, ज़्यादातर भारतीय अचारों में तेल की अत्यधिक मात्रा होती है, जो प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में कोलेस्ट्रॉल और वसा के स्तर को बढ़ा सकता है। प्रिज़रवेटिव वाले अचार या बहुत गर्म अचार खाने से प्रेगनेंसी के दौरान आपको गैस या अपच महसूस हो सकते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान अचार काफी मजेदार हो सकता हैं पर उसी के साथ अगर कुछ सावधानियां बरती जाएं, तो उसके दुष्प्रभावों को कम भी किया जा सकता हे जैसे-
पानी पीते रहना और शरीर को हाइड्रेट रखना
जिन महिलाओ को गैस की समस्या हे उन्हें प्रेगनेंसी के दौरान अचार से परहेज़ करना चाहिये
पेट की जलन से बचने के अचार के सेवन से बचे
प्रिज़रवेटिव की ज़्यादा मात्रा वाले अचार का सेवन नहीं करना चाहिए
अधिक वजन बढ़ने से बचने के लिए मीठे अचार का सेवन ना करें
हालांकि, कभी-कभी अपनी इच्छाओं को पूरा करना ज़ायज है, लेकिन बेहतर है कि हद से ज़्यादा न बढ़ें। प्रेगनेंसी में अचार की संतुलित मात्रा खाने के कुछ फायदे भी हैं, लेकिन ज़्यादा मात्रा में खाने से सेहत पर बुरा असर भी पड़ सकता है।
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No
Written by
Parul Sachdeva
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