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Pregnancy Journey
12 August 2023 को अपडेट किया गया
आम को फलों का राजा माना जाता है. बच्चे हो या बड़े, हर उम्र के लोगों को यह भाता है. ऐसे में प्रेग्नेंसी में आम को देखकर मन ललचाना लाज़िमी है. अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रेग्नेंसी में आम खाना सुरक्षित है? कहीं आम खाने से गर्भ में पल रहे बेबी पर कोई नेगेटिव असर तो नहीं होता? क्या आम खाने से प्रेग्नेंसी में कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं?,आदि. अगर आपके भी मन में कोई ऐसा ही सवाल है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है, क्योंकि इस आर्टिकल के ज़रिये हम आपको डिटेल में इन सभी सवालों के जवाब देंगे.
आम विटामिन (Vitamin), मिनरल (Mineral) और एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) का अच्छा सोर्स होता है. इसमें विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है और जो प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले कॉम्प्लिकेशन से आपको बचा सकता है. इसके अलावा, आम में एंटी-डायबिटिक, कार्डियो-प्रोटेक्टिव, एंटी-एजिंग और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं.
आम कई सारे विटामिन और मिनरल के गुणों से भरपूर होता है. ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान आम खाने से गर्भवती महिलाओं को कई फ़ायदे हो सकते हैं.
आम में मौजूद विटामिन बी 6 मॉर्निंग सिकनेस को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसके साथ ही, इसमें मौजूद विटामिन सी इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करता है.
प्रेग्नेंसी के दौरान मैग्नीशियम का सेवन प्रीक्लेम्पसिया की रोकथाम करता है. आम में मौजूद विटामिन ई और मैग्नीशियम बच्चे की मसल्स को डेवेलप करने और प्रीक्लेम्पसिया को रोकने में मदद करते हैं. प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर को फ्लूड बैलेंस बनाए रखने के लिए ज़्यादा मिनरल्स की ज़रूरत होती है.फ्लूड बैलेंस बनाए रखने के लिए आम में मैग्नीशियम, कैल्शियम, सॉल्ट और पोटेशियम होते हैं.
इसके साथ ही, प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीनों में आम खाने से न्यूरोलॉजिकल असामान्यताएं कम होती हैं.
आम न सिर्फ़ माँ; बल्कि गर्भ में पल रहे बेबी के लिए भी फ़ायदेमंद होता है. यह बच्चे के दाँतों और हड्डियों को अच्छी तरह से डेवलप होने में मदद करता है. इसमें मौजूद फोलेट या फोलिक एसिड बच्चे में ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड से जुड़ी न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट जैसी गंभीर समस्याओं के खतरे को कम करता है. इसके साथ ही आम फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है जो बच्चे के डेवलपमेंट में बाधा डाल सकते हैं और एक जानलेवा ट्यूमर बना सकते हैं. इसके अलावा, आम में विटामिन बी 6 होता है, जो बच्चे के नर्वस सिस्टम के विकास के लिए ज़रूरी होता है.
प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक आम खाने से कुछ कॉम्प्लिकेशन भी देखे जा सकते हैं; जैसे कि-
आम की वजह से दस्त की समस्या हो सकती है. आम के कारण प्रेग्नेंसी में डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है, जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को कमज़ोरी और थकान महसूस हो सकती है.
आम की मिठास प्रेग्नेंसी में डायबिटीज का कारण बन सकती है. दरअसल, आम में शुगर की मात्रा अधिक होती है. ऐसे में आम का अधिक सेवन शुगर की मात्रा को बढ़ा सकता है.
आम में कार्ब्स की मात्रा ज़्यादा होती है. इसलिए प्रेग्नेंसीमें आम अधिक खाने से गर्भवती महिला का वज़न तेज़ी से बढ़ सकता है.
कुछ लोगों को आम के छिलके या रस से एलर्जी होती है. यदि आपको आम से कोई रिएक्शन होता है, तो आपको आम का सेवन करने से बचना चाहिए. इसके अलावा, आर्टिफ़िशियल रूप से पके हुए आम माँ और बच्चे को नुकसान पहुँचा सकते हैं.
अक्सर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएँ कमज़ोरी और थकान महसूस करती है. आम में काफ़ी कैलोरी होती है. इसलिए, प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीनों के दौरान जब आपको सबसे ज़्यादा कैलोरी की ज़रूरत होती है, तो यह एक अच्छा स्नैक हो सकता है. लेकिन हर फल की तरह, प्रेग्नेंसी के दौरान आम का सेवन भी संतुलित मात्रा में करना चाहिए. प्रेग्नेंसी के दौरान आपको दिन में एक से ज़्यादा आम नहीं खाना चाहिए.
प्रेग्नेंसी के दौरान पूरी तरह पका हुआ आम खाना प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए अच्छा होता है, क्योंकि इससे खाना पचाना आसान हो जाता है और आपको दिन में कम भूख लगती है. आम फाइबर का भी एक अच्छा सोर्स होता है.
अगर आप आम को स्मूदी, लस्सी, शेक या डेसर्ट के रूप में पसंद करते हैं, तो स्वीटनर और क्रीम से मिलने वाली एक्स्ट्रा शुगर और कैलोरी पर ध्यान दें. सूखे आम, चटनी, मुरब्बा और चाशनी वाले आम सभी में स्वीटनर होते हैं, इसलिए इन्हें कभी-कभार ही खाएँ.
जब आप बाज़ार से आम ख़रीदें, तो इस बात का ख़्याल रखें कि आप कौन-सा आम ख़रीद रहे हैं. केमिकल से पके हुए आम न खरीदें. जब आम का मौसम हो, तभी उन्हें खरीदें. इससे यह संभावना कम हो जाएगी कि उन्हें आर्टिफिशिअली पकाया गया है.
इसे भी पढ़ें : क्या प्रेग्नेंसी में अचार खा सकते हैं?
आमों को एक बाल्टी पानी में डाल दीजिए. अगर आम नेचुरली पके हैं तो वे डूब जाते हैं. अगर वे तैरते हैं, तो इसका मतलब है कि वे आर्टिफिशिअल रूप से पकाए गए हैं. इसके अलावा, आर्टिफिशियल रूप से पकाए गए आम से रस बहुत कम टपकेगा या रस बिल्कुल नहीं टपकेगा.
प्रेग्नेंसी के दौरान आप सीमित मात्रा में आम खा सकते हैं. ध्यान रखें, इसका अधिक सेवन आपको और आपके गर्भ में पल रहे बेबी को मुश्किल में डाल सकता है.
Papanikolaou Y, Fulgoni VL 3rd. (2021). Mango Consumption Is Associated with Improved Nutrient Intakes, Diet Quality, and Weight-Related Health Outcomes.
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