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Diet & Nutrition
4 April 2023 को अपडेट किया गया
गर्भावस्था में खान पान पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत होती है क्योंकि माँ को न सिर्फ अपने लिए बल्कि होने वाले बच्चे के लिए भी ज़रूरी पोषक तत्वों की पूर्ति करनी आवश्यक है. इसके लिए संतुलित भोजन और ज़रूरी न्यूट्रीएंट्स जैसे कि आयरन, फोलिक एसिड, प्रोटीन, कैल्शियम और आयोडीन युक्त डाइट लेनी चाहिए जिसमें फलों की खास जगह है.
एप्रीकॉट यानी खुबानी एक ऐसा फल है जिसमें आयरन की सर्वाधिक मात्रा होने के अलावा अनेक ज़रूरी पोषक पदार्थ पाए जाते हैं लेकिन अक्सर प्रेग्नेंसी में इस फल को खाने से मना किया जाता है. हालांकि कुछ सावधानियों के साथ आप इस फल खा सकते हैं. इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे कि प्रेग्नेंसी में खुबानी को किस तरह से अपनी डाइट में शामिल करें. लेकिन उससे पहले ये जान लेते हैं कि क्या प्रेग्नेंसी में खुमानी खानी चाहिए?
जी हाँ प्रेग्नेंसी में खुबानी (khubani in pregnancy) का सेवन बिलकुल सुरक्षित है जिसे न केवल ताज़ा बल्कि सुखा के भी खाया जा सकता है. आयुर्वेद में सूखी खुमानी इन्फर्टिलिटी, ब्लीडिंग और क्रेंप्स के इलाज़ के लिए हमेशा से प्रयोग में आती रही हैं. प्रेग्नेंसी के दौरान खुबानी विशेष रूप से फायदेमंद होती है क्योंकि इसमें आयरन और फोलेट की भरपूर मात्रा होने के कारण एनीमिया से बचाव होता है. ये एंटीऑक्सीडेंट रिच फ्रूट है जो आपकी इमम्युनिटी को बढ़ाने में भी मदद करता है.
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हालांकि खुबानी कई औषधीय गुणों से भरा हुआ एक स्वादिष्ट फल है और लेकिन प्रेग्नेंसी में किसी भी फूड आइटम के बहुत अधिक सेवन से बचना चाहिए और इसलिए खुबानी का सेवन भी सीमित मात्रा में ही करना चाहिए. दिन भर में आप 1 से 2 ताज़ी खुबानी खा सकती हैं जबकि सूखी खुमानी को लगभग 50 ग्राम तक प्रतिदिन खाया जा सकता है.
प्रेग्नेंसी में खुबानी खाने से जुड़ा कोई विशेष परहेज नहीं है लेकिन नाश्ते के साथ या भोजन करते हुए बीच में इसका सेवन करने से ये आसानी से पच जाती है. सूखी खुबानी को खास तौर पर रात को खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि तब इसे डाइजैस्ट करने में दिक्कत आ सकती है. सोने से कम से कम 1-2 घंटे पहले इनका सेवन कर लेना चाहिए.
खुमानी को आप प्रेग्नेंसी के तीनों ट्राइमेस्टर्स के दौरान मौडरेट क्वान्टिटी में खा सकते हैं. इससे मिलने वाला आयरन और फोलेट बच्चे के न्यूरल डेवलपमेंट में मददगार है वहीं यह माँ को एनीमिक होने से भी बचाता है. साथ ही इस में पोटेशियम, मैग्नीशियम और फाइबर भी भरपूर होता है जिससे माँ के ब्लड प्रेशर कंट्रोल में मदद मिलती है और उसके शरीर में एलेक्ट्रोलाइट और फ्लुइड बैलेंस बना रहता है. इसलिए आप इसे तीनों ट्राइमेस्टर के दौरान कभी भी खा सकती हैं. आइये अब आपको आगे बताते हैं आयरन के अलावा खुबानी में मौजूद अन्य पोषक तत्वों के बारे में.
.प्रेग्नेंसी में खुबानी खाने के फायदे बहुत सारे हैं. इस दौरान हर रोज़ आधा कप खुबानी का सेवन बच्चे और माँ दोनों के लिए बहुत स्वास्थ्यवर्धक हो सकता है. यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के अनुसार खुबानी खाने पर आप के शरीर को कैलोरीज़ के साथ साथ 9 तरह के पोषक तत्व, विटामिन्स और न्यूट्रीएंट्स भी मिल जाते हैं. जैसे कि
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प्रेग्नेंसी में खुबानी खाने के फायदे अनगिनत हैं. इससे मिलने वाला ढेर सारा फाइबर पेट को साफ रखता है जिससे डाइज़ेशन में सुधार आता है और कौन्स्टीपेशन नहीं होता.
खुबानी में बीटा-कैरोटीन भी अच्छी ख़ासी मात्रा में होता है जो आँखों के लिए फायदेमंद है और इससे आंखों की सेहत भी अच्छी रहती है.
खुबानी ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन करने में भी मदद करती है और खास तौर पर गर्भावस्था के दौरान इसके सेवन से जेस्टेशनल डायबिटीज से बचाव और इसे कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
खुबानी के सेवन से लैक्टेशन बढ़ता है और यह डिलीवरी के बाद ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी फायदेमंद है.
सूखी खुबानी में नेचुरल शुगर, ग्लूकोज और फ्रुक्टोज़ खूब होता है और प्रेग्नेंसी में इसे खाने से आप मीठा खाने की क्रेविंग को कम कर सकती हैं.
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सूखी खुबानी कैल्शियम का रिच सोर्स है और प्रेग्नेंसी में इसका सेवन अंदर पल रहे बच्चे की हड्डियों के विकास में मदद करता है.
गर्भस्थ शिशु के लिए विटामिन ए बेहद आवश्यक तत्व है जो उसके फेफड़े, हार्ट, आंखें, किडनी, सेंट्रल नर्वस सिस्टम और हड्डियों के अच्छे विकास के लिए ज़रूरी है और इसकी पूर्ति भी खुमानी के सेवन से की जा सकती है.
प्रेग्नेंसी में होने वाली हार्टबर्न की प्रौब्लम से निपटने में सूखी खुबानी काफी काम आती है.
सूखी खुबानी पोटैशियम का रिच सोर्स है जो प्रेग्नेंसी में होने वाली सूजन का बेहद असरदार इलाज़ है.
हमेशा अच्छे से पकी हुई खुबानी ही खाएं. कच्ची या अधपकी खुमानी खाने से प्रेग्नेंसी में पेट की तकलीफ और गैस की समस्या हो सकती है.
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खुबानी में सल्फर डाइऑक्साइड नामक तत्व होता है और इससे उन लोगों को रिएक्शन हो सकता है जिन्हें सल्फाइट्स से एलर्जी है. अगर आप भी सल्फर सेंसिटिव हैं तो सूखी खुबानी का ज्यादा सेवन न करें.
खुबानी के सिरे में एमिग्डालिन नामक केमिकल भी होता है जो आपके सिस्टम को डिस्टर्ब कर सकता है इसलिए खाने से पहले खुबानी का सिरे को काट कर हटा दें.
अगर आपको अस्थमा की प्रौबलम है तो सूखी खुमानी खाने से परहेज करें क्योंकि ये अस्थमेटिक अटैक ट्रिगर कर सकती है.
खुबानी को सुबह नाश्ते में, या लंच से पहले, या फिर शाम के स्नैक के रूप में खाने से आपको इसका पूरा फायदा मिलता है.
एक नौर्मल प्रेग्नेंसी में अच्छी सेहत के लिए खुबानी के बहुत सारे फायदे हैं लेकिन सावधानी बरतते हुए इस फल को ज़रूरत से ज्यादा खाने से बचें. एलेर्जिक रिएक्शन से बचने के लिए इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेना उचित रहेगा.
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Written by
Kavita Uprety
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