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In this Article

  • प्रेगनेंसी में बी।पी।डी। क्या है? (What Is Bpd in Pregnancy)
  • प्रेगनेंसी में बीपीडी का मतलब (Bpd Meaning in Pregnancy)
  • बीपीडी कैसे मापा जाता है( How Is BPD Measured)
  • बीपीडी को मापने की विधि (Method of Measuring BPD)
  • जब बीपीडी नॉर्मल रेंज से बाहर हो( When BPD Is Outside of the Normal Range)
  • निष्कर्ष (Conclusion)
  • References
BPD in Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में बीपीडी का मतलब क्या होता है?

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BPD in Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में बीपीडी का मतलब क्या होता है?

28 October 2023 को अपडेट किया गया

प्रेगनेंसी में बी।पी।डी। क्या है? (What Is Bpd in Pregnancy)

भ्रूण के साइज़ को मापने के एक बेसिक बायोमेट्रिक मापदंड को बिपरिएटल डाइमीटर, बीपीडी कहते है।

बीपीडी से सर की गोलाई, पेट की गोलाई और फिमर की लम्बाई, इन सभी का भ्रूण के वजन का अनुमान लगाने में इस्तेमाल किया जाता है। प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में इसका इस्तेमाल प्रेगनेंसी के हफ़्तों की संख्या और प्रसव की अनुमानित तारीख का पता लगाने के लिए किया जाता है।

प्रेगनेंसी में बीपीडी 14 से 20 हफ्तों के बीच सटीक होता है। इसके बाद और बदलाव भी हो सकते हैं। बीपीडी में बदलाव होने के कई और कारण भी हो सकते है जैसे की असामान्य आकार का सर, गलत तरीके से पैदा होने की वजह से, या फिर एक समय पर एक से ज्यादा बच्चे होने के कारण।

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प्रेगनेंसी में बीपीडी का मतलब (Bpd Meaning in Pregnancy)

बिपेरिएटल डाइमीटर प्रेगनेंसी में अल्ट्रासाउंड के दौरान इस्तेमाल होने वाले माप दण्डो में से एक है। जैसे जैसे बच्चे का विकास होता है। अल्ट्रा साउंड में बीपीडी एक परिएटल हड्डी से दूसरी हड्डी तक बच्चे के सर की चौड़ाई नापता है। इसके अलावा, बाईपेरिएटल डाईमीटर भ्रूण के वजन और उम्र जानने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

हर इन्सान में दो पेरिएटल हड्डियाँ होती हे, एक खोपड़ी के दायें तरफ और एक बायें तरफ। हर एक पेरिएटल हड्डी एक घुमावदार प्लेट की तरह दिखती हैं जिसके दो साइड सपाट और चार साइड चारों तरफ से होती है।

कल्पना करें कि एक तार का एक हिस्सा दायें कान पर और दूसरा हिस्सा बायें कान पर हो और बचा हुआ बीच का हिस्सा सर के ऊपर हो। बाईपेरिएटल डाइमीटर का अनुमान उस तार की लम्बाई से लगाया जा सकता है। इस माप को अल्ट्रासाउंड टेकनीशियन द्वारा लिया जाता है जो विकसित होते शिशु को कंप्यूटर की स्क्रीन पर देख रहा होता है और वह डिजिटल उपकरणों से यह माप लेता है।

बीपीडी कैसे मापा जाता है( How Is BPD Measured)

ज्यादातर समय, प्रेगनेंसी में नार्मल अल्ट्रा साउंड के दौरान बीपीडी मापा जाता है। ज्यादातर लोग प्रेगनेंसी शुरू होने से 20वे हफ्ते तक एक से तीन अल्ट्रासाउंड करवातें है, जिसे सोनोग्राम भी कहतें है। जिन लोगो को ज्यादा खतरे की आशंका रहती है उन्हें ज्यादा अल्ट्रासाउंड की जरुरत पड़ती सकती है।

प्रेगनेंसी के दौरान बीपीडी सभी माप के अलावा इन तीन प्रकार के माप में मददगार होतें है जैसे:

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  1. पेट की गोलाई
  2. सर की गोलाई
  3. फिमर की लम्बाई ( फिमर इंसानी शरीर की सबसे बड़ी हड्डी )

इसके साथ ही ये तीन माप भ्रूण के वजन, और उसकी उम्र का अनुमान लगाने में मदद करतें हैं (प्रेगनेंसी कितने समय की है)। जैसे जैसे बच्चे का विकास होता है डॉक्टर और प्रेगनेंट महिला को बीपीडी की मदद से बच्चे के दिमाग के विकास को समझने में मदद मिलती है। डॉक्टर ये देखते हैं कि बीपीडी के माप और बाकी माप एक नार्मल रेंज के अन्दर हैं।

प्रेगनेंसी में बाईपेरिएटल जांच देर से करने पर प्रेगनेंसी कितनी लम्बी है इसका अनुमान लगाना मुश्किल होता है। प्रेगनेंसी के 12 से 26 हफ़्तों के बीच, प्रेगनेंसी का पता लगाने के लिए बीपीडी आम तौर पर 10 से 11 दिन के अन्दर सटीक होता है। पर 26वे हफ्ते के बाद यह तीन हफ़्तों तक गलत भी हो सकता है। स्टडीज से सामने आया है कि, 20वें हफ्ते के बाद बीपीडी भी काम नहीं करता।

बीपीडी को मापने की विधि (Method of Measuring BPD)

बीपीडी को एक एक्सियल प्लेन के साथ सबसे सही मापा जाता है जो थालामी और केवम सेप्टम पेलूसिडएम के पार जाता हो। जब ट्रांसडूसर को खोपड़ी के बीच से परपेंडिक्यूलर (लंबवत) रखा जाए तो बीपीडी का एक अक्षीय तल के साथ सबसे अच्छा मूल्यांकन किया जाता है जो थैलमी और कैवम सेप्टम पेलुसीडम के पार जाता है। जब ट्रांसड्यूसर को खोपड़ी की केंद्रीय धुरी के लंबवत रखा जाता है, तो कैल्वेरियम और सेरेब्रल हेमिसफियर एक जैसे लगने चाहिए।

कैलीपर्स को नजदीकी कैल्वेरियल दीवार के बाहरी किनारे पर और सुदूर कैल्वेरियल दीवार के अंदरूनी किनारे पर मौजूद होना चाहिए। इसके अलावा, सेरीब्रल हेमिसफीयर को इमेज के तल में नहीं होना चाहिए।

जब बीपीडी नॉर्मल रेंज से बाहर हो( When BPD Is Outside of the Normal Range)

अगर बच्चे के रिजल्ट सामान्य रेंज से बाहर हैं, तो डॉक्टर ज्यादा टेस्ट करने का सुझाव दे सकते है। जैसे, अगर बच्चे का बीपीडी सामान्य से कम है, इसका मतलब है गर्भ के अन्दर उसका विकास धीमा हो गया है या उसका सर सामान्य से ज्यादा सपाट है। यदि बच्चे का बीपीडी सामान्य से ज़्यादा है, तो इसका मतलब यह हो सकता है की उसकी सेहत के साथ कुछ गड़बड़ हो जैसे, गर्भकालीन डायबिटीज।

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कम बीपीडी इस बात का संकेत हो सकता है की भ्रूण के सिर के विकास पर नज़र रखने की जरुरत है। वह महिलाएं जो ज़िका वायरस से संक्रमित हो चुकी है उन्हें बच्चे के सिर के छोटे होने का डर होता है। यदि बीपीडी माध्य (मीन) से दो स्टंडर्ड डेविएशन नीचे है, तो इसका मतलब यह है की बच्चे का सिर ज्यादा सपाट है और उसे माइक्रोसेफली होने की सम्भावना है। माइक्रोसेफली के और भी लक्षण हैं, जैसे कि सिर कैसा दिखता है और यह कितना बड़ा है।

निष्कर्ष (Conclusion)

बाईपेरीएटल डाईमीटर बच्चे के विकास को मापने के लिए काफी मददगार होता है, यही नहीं इससे यह जानने में भी मदद मिलती है की बच्चे को माइक्रोसेफली या हाइड्रोसिफ़लस जैसी कोई कंडीशन तो नहीं है। पर इस से पहले कोई इस बात से घबरा जाए और चिंतित हो जाए की उनके बच्चे को इनमे से एक कंडीशन है, ये जानना भी जरुरी है की जब तक बीपीडी सामान्य सीमा के अन्दर है, बच्चा बिल्कुल ठीक है।

References

1. Göttlicher S, Madjaric J, Krone HA. (1976). Biparietal diameter of the fetal head during pregnancy. A comparative study. NCBI

2. Lee W, Balasubramaniam M, Deter RL, Hassan SS, Gotsch F, Kusanovic JP, Gonçalves LF, Romero R. (2009). Fetal growth parameters and birth weight: their relationship to neonatal body composition. Ultrasound Obstet Gynecol.

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BPD in Pregnancy in English, BPD in Pregnancy in Telugu, BPD in Pregnancy in Tamil, ⁠BPD in Pregnancy in Bengali

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Written by

Parul Sachdeva

A globetrotter and a blogger by passion, Parul loves writing content. She has done M.Phil. in Journalism and Mass Communication and worked for more than 25 clients across Globe with a 100% job success rate. She has been associated with websites pertaining to parenting, travel, food, health & fitness and has also created SEO rich content for a variety of topics.

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