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Dental Health
14 August 2023 को अपडेट किया गया
चेहरे की खूबसूरती और एक सुंदर मुस्कान क्या अच्छे दाँतों के बिना संभव है? जी नहीं. भोजन के अलावा दाँत आपके व्यक्तित्व को निखारने में भी अहम भूमिका निभाते हैं और इसलिए इनका अच्छे से ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है. इस लेख में आपके साथ शेयर करेंगे दाँतों की सही देखभाल से जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें और कुछ काम के ब्रशिंग टिप्स (Brushing Tips in Hindi)
अक्सर कहा जाता है कि स्वस्थ दाँतों के लिए हर 12 घंटे में ब्रश करना चाहिए, तो आइये सबसे पहले जानते हैं कि क्या ऐसा करना वाकई ज़रूरी है?
दाँतों की पूरी सुरक्षा उनकी नियमित सफाई करने से होती है. दाँतों की नियमित ब्रशिंग और फ्लॉसिंग मजबूत दाँतों के साथ कैविटी से बचाव और ओरल हाइजीन मेंटेन करने के लिए भी ज़रूरी है. इसी वजह से डॉक्टर सुबह और शाम सॉफ्ट ब्रिसल्स वाले ब्रश से दाँत साफ करने की सलाह देते हैं. इसके लिए
हर बार कम से कम 2 मिनट तक ब्रश करें और ध्यान रखें कि आपका हर दाँत अच्छे से साफ हो जाए.
ब्रश करने के अलावा, दिन में एक बार अपने दाँतों की फ्लॉसिंग करना भी जरूरी है. जिससे दाँतों के बीच फंसे खाने के कणों को हटाने में मदद मिलती है.
ऐसा ना करने पर बैक्टीरिया पनप सकते हैं जिससे दाँतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचता है.
छोटे बच्चों के लिए भी ओरल हाइजीन ज़रूरी है इसलिए जैसे ही बच्चे के दाँत निकलने शुरू हों तो उसे सॉफ्ट फिंगर ब्रश से ब्रश कराएँ।
2 से 3 साल के बच्चों के लिए आप चावल के दाने जितना फ्लोराइड टूथपेस्ट का उपयोग करें और 3 से 6 साल के बच्चे के लिए मटर के दाने के बराबर टूथपेस्ट लेना चाहिए।
3-4 साल के बच्चों के लिए सुबह और शाम 2 मिनट के लिए ब्रश करने का रूटीन सेट करें.
मार्केट में अलग अलग डिजाइन में सॉफ्ट और हार्ड ब्रिसल्स और ग्रिप वाले सामान्य ब्रश और इलेक्ट्रिक टूथब्रश तक मिलते हैं. इन में से सही टूथब्रश का चुनाव करना वाकई एक मुश्किल काम है इसलिए अब आपको बताएँगे सही टूथब्रश के चुनाव से जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें.
नरम या सख्त ब्रिसल्स में कौन बेहतर?
नरम ब्रिसल्स वाले टूथब्रश सबसे सेफ होते हैं क्योंकि ये मसूड़ों को बिना नुकसान पहुंचाये उन्हें साफ करते हैं। नरम और सख्त ब्रश का चुनाव इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी जोर से ब्रश करते हैं, क्योंकि हरेक व्यक्ति की आदत अलग होती है.
कैसा हो टूथब्रश का हैंडल?
लचीले हैंडल वाले टूथब्रश को मुँह के हर कोने में ले जाना आसान होता है वहीं कठोर हैंडल पर ज्यादा अच्छी ग्रिप बनती है. ऐसा हैंडल चुनें जो आपको आरामदायक लगे.
मैनुअल और इलेक्ट्रिक टूथब्रश में कौन बेहतर
मैनुअल टूथब्रश से ब्रश करने पर आप का ब्रशिंग पर कंट्रोल अधिक रहता है और खास तौर पर सेंसेटिव दाँत और मसूड़ों के लिए ये बेहतर है.
इलेक्ट्रिक टूथब्रश खास तौर पर गठिया या स्पॉन्डिलाइटिस के रोगियों के लिए लाभदायक है. इसकी पावर रोटेशन टैक्नीक आसानी से दाँतों को साफ करती है. कुछ मॉडल्स स्पीड कण्ट्रोल फैसिलिटी और टाइमर के साथ भी आते हैं जो सेंसटिव दाँत और मसूड़ों की सफाई में ज्यादा मददगार हैं.
अब सवाल आता है कि बाजार में उपलब्ध कई सारे टूथपेस्ट में से कौन सा हमारे लिए सबसे अच्छा है? इस मामले में थंब रूल ये है कि हमेशा फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट लें। अब आपको बताते हैं टूथपेस्ट की कुछ खास वैराइटीज़ के बारे में
नॉर्मल टूथपेस्ट - जेल, पेस्ट या पाउडर के रूप में मिलता है जिसमें दाँतों के दाग धब्बे मिटाने, झाग बनाकर पूरे मुँह में फैलाने और सांसों को खुशबूदार बनाने जैसे गुण होते हैं।
दाँतों को चमकाने और सफ़ेदी बढ़ाने वाला टूथपेस्ट - दाँतों में सफेदी लाने के लिए व्हाइटनिंग टूथपेस्ट आता है लेकिन लम्बे समय तक इसके इस्तेमाल करने से सेंस्टीविटी की समस्या पैदा हो सकती है.
टूथपेस्ट फॉर सेंसिटिविटी - गर्म या ठंडी चीजों के प्रति संवेदनशील दांतों के लिए बनाए गए इस पेस्ट में पोटेशियम नाइट्रेट मिला होता है जो इसे साधारण टूथपेस्ट से अलग बनाता है.
टार्टर कंट्रोल टूथपेस्ट - अक्सर दाँतों पर प्लाक की एक पतली परत चढ़ जाती है जिसकी सफाई न हो पाने पर यह जम कर टार्टर बन जाती है. प्राकृतिक मिनरल्स और फ्लोराइड के साथ आने वाले इस पेस्ट से टार्टर कंट्रोल होता है।
इनेमल रिपेयर टूथपेस्ट - जिन लोगों के दातों का इनेमल खराब या कमजोर हो उन्हें कैल्शियम युक्त इस टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना चाहिये जिससे इनेमल को मजबूती मिलती है.
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अल्कोहल युक्त माउथवॉश जिसके कई फायदे हैं उसका उपयोग करने से कई लोगों को असुविधा या एलर्जी भी हो जाती है. इसीलिए इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. माउथवॉश से आपको कई सारे फायदे मिलते हैं जैसे कि,
इसका प्रयोग करने से दाँतों के बीच फंसे अन्न के कणों कि सफाई में मदद मिलती है.
मुंह में मौजूद ऐसे बैक्टीरिया का खात्मा होता है जो गंभीर पेरियोडोंटल बीमारी पैदा करते हैं।
माउथवॉश दाँतों की सड़न के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को भी खत्म करता है.
माउथवॉश से कुल्ला करने से मुंह कि दुर्गंध दूर होकर आपकी सांसों को ताजा रखने में मदद मिलती है.
कुछ माउथवॉश में इनेमल को मजबूती देने वाले तत्व भी होते हैं जो दाँतों की सड़न रोककर इनेमल को मजबूत बनाने में मदद करते हैं.
तो ये थी दाँतों की देखभाल और ब्रशिंग से जुड़ी कुछ ज़रूरी जानकारी और टिप्स. इन्हें अपनायें और अपने दाँतों की देखभाल के प्रति सतर्क रहें क्योंकि एक स्वस्थ जीवन के लिए आपको हमेशा इनकी ज़रूरत है.
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Written by
Kavita Upreti
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