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    Right Time To Massage Baby in Hindi | बच्चे की मालिश कब करनी चाहिए- नहलाने से पहले या नहलाने के बाद?

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    Right Time To Massage Baby in Hindi | बच्चे की मालिश कब करनी चाहिए- नहलाने से पहले या नहलाने के बाद?

    2 August 2023 को अपडेट किया गया

    अपने बच्चे की त्वचा की मालिश एक बढ़िया आइडिया है और कई रिसर्चर्स का ये मानना है कि मालिश से एंग्जाइटी कम करने में मदद मिलती है और बच्चों की नींद में सुधार आता है जो लगभग सभी पेरेंट्स के सामने सबसे बड़े चैलेंज हैं. मालिश के ये कुछ आसान तरीके आपको यह समझने में मदद कर सकते हैं कि आपका शिशु किस जगह पर मालिश करवाना पसंद करता है. "माता-पिता अक्सर ये अनुभव करते हैं कि उनका नवजात किसी एक पसंदीदा बौडी एरिया में मसाज करवाना ज्यादा पसंद करता है." तो ऐसे में जानिए नहाने से पहले और नहाने के बाद की जाने वाली मालिश से जुडी ये जानकारी।

    शिशु की मालिश से जुड़ी इन बातों का रखें ख्याल

    हमेशा अपने शिशु को नहलाते वक़्त हाथों पर तेल की चिकनाहट के कारण होने वाली फिसलन से बचने के लिए, मालिश करने के बाद अपने हाथों से किसी भी पहले एक तौलिये से अच्छे से पोंछना ना भूलें. एक या दो घंटे के बाद जब तेल पूरी तरह से सूख जाएगा तब ये प्रॉबलम आपको नहीं होगी.

    आप और आपके बच्चे के लिए दोपहर की मालिश का रूटीन ज्यादा स्युटेबल हो सकता है यदि शाम का टाइम आप दोनों को सूट ना करता हो तो. दिन की मसाज के बाद आप दोनों को रेलेक्स करने और अपनी बौंडिंग बढ़ाने का भी एक मौका मिलेगा.

    यदि आपका शिशु सॉलिड फूड खाने लगा है तो आपको रात के खाने के बाद उसकी मालिश करने के लिए थोड़ा वेट करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे का पेट भरा होने पर मालिश करने से उल्टी हो सकती है. यदि दिन भर के दौरान आपको और आपके बच्चे को एक साथ ज्यादा समय बिताने का मौका नहीं मिला है तो स्नान के बाद की मालिश आप दोनों के लिए बॉंडिंग क्रिएट करने का अच्छा मौका है. भले ही आपका बच्चा पानी में खेल के खुश होता हो, लेकिन हर बार इससे गीले होकर बाहर निकलना और फिर कपड़े पहनना उसे पसंद नहीं आएगा. लेकिन नहाने से लेकर सोने तक के समय के बीच में मालिश शिशुओं के लिए एक प्लीजिंग एक्सपीरिएन्स हो सकती है. स्नान के बाद बच्चों के शरीर का तापमान तेजी से गिरता है और इसलिए आप को इस बात का ख्याल रखना होगा कि नहलाने के बाद की मालिश के लिए एक अच्छा बेबी मसाज औइल यूज़ करें और मसाज करने से पहले कमरा पूरी तरह से गरम कर लें.

    कुछ नवजात शिशुओं के लिए मालिश बहुत एक्साइटिंग अनुभव हो सकती है और इसलिए हो सकता है कि नहाने के बाद मालिश करने को वो इतना एंजॉय ना करें. ज़्यादातर बच्चे विशेष रूप से जो अधिक सेंसटिव होते हैं वे सोने से पहले केवल एक फीड और साथ में माँ के साथ कडल करते हुए नींद में जाना चाहते हैं ना कि नहाने के बाद.

    आप अपने शिशु की मालिश नहलाने से पहले या बाद में कभी भी कर सकती हैं

    आप जिस तेल या क्रीम का उपयोग करने वाली हैं और साथ ही आपके बच्चे की स्किन कंडीशन यह तय करती है कि आपको नहाने से पहले या फिर बाद में उसकी मालिश करनी चाहिए.

    वैसे इन कंडीशंज में नहलाने से पहले मालिश करनी चाहिए.

    जब आप जैतून का तेल, सरसों का तेल, या घी का उपयोग कर रहे हौं।

    जैतून का तेल, घी और सरसों का तेल सबसे अच्छा बेबी मसाज औइल है जो लंबे समय से हमारे बुजुर्गों द्वारा बच्चों की मालिश करने के लिए सेफली यूज़ किया जाता रहा है. लेकिन एक नयी रिसर्च से पता चलता है कि ये तेल, जिनमें बड़ी मात्रा में ओलिक एसिड होता है त्वचा की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसा होने की संभावना तब ज्यादा है अगर आपके शिशु की स्किन सूखी, संवेदनशील या उसे एक्जिमा की शिकायत हो. अगर आप बच्चे की रात की मालिश के लिए सरसों या जैतून के तेल को मसाज औइल की तरह यूज़ करेंगे तो इससे आपके बच्चे की त्वचा में जलन और रूखापन आ सकता है. साथ ही इन औइल्स को त्वचा से साफ करने के लिए हर बार साबुन और पानी का यूज़ करना ज़रूरी हो जाता है.

    अगर टेम्प्रेचर तेज़ और गर्मी भरा है

    कुछ हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स का मानना है कि बच्चे की त्वचा पर, विशेष रूप से क्रीज या उस स्थान पर जहां स्किन के फ़ोल्ड आते हैं वहाँ तेल के रह जाने से पसीना होने और रोम छिद्र बंद होने की समस्या होने का रिस्क होता है. नमी वाले या बेहद गर्म मौसम में इसके कारण प्रिकली हीट रैश होने की संभावना बढ़ जाती है.

    साथ ही शिशु को नहलाने के बाद उसकी मालिश करना केवल तभी एक अच्छा आइडिया है जब

    आपके बच्चे की त्वचा बेहद रूखी हो

    अगर आपके बच्चे की त्वचा बेहद सूखी या एक्जिमा वाली है तो आपका डॉक्टर हड्डियों को स्ट्रॉंग बनाने वाला लोशन या एक ऐसे बेबी मसाज औइल की मालिश रेकेमेंड कर सकता है जिसमें किसी भी तरह की आर्टिफ़िशियल स्मेल ना हो. सभी मॉइस्चराइजिंग क्रीम और लोशन त्वचा की ऊपरी लेयर्स पर काम करते हैं और उन्हें कोमल बनाते हैं. लेकिन अगर आप शॉवर के दौरान उन्हें धो देंगे तो त्वचा को इन मॉइस्चराइजर्स के प्रयोग का फायदा नहीं मिल पायेगा.ऐसे में बच्चे को नहलाने के बाद चिपचिपाहट रहित औइल लगाने से त्वचा का सूखापन कम करने में मदद मिलती है।

    जब आप बेबी के लिए एक सेफ मसाज औइल का उपयोग करें

    नहाने के बाद भी त्वचा कुछ समय तक गीली रहती है और ऐसे में शिशु की तेल मालिश करने से उसकी स्किन में मौइश्चर को लौक करने और अब्सॉर्ब करने में मदद मिलती है. आप कोकोनट औइल, सनफ्लावर औइल, या बेबी मिनरल्स औइल में से जो भी आपके बच्चे की स्किन को सूट करे उसका उपयोग कर सकते हैं.

    अगर किसी कारण से आप कभी अपने बच्चे को नहलाना नहीं चाहती तब भी आप उसे बेबी मसाज ऑयल से मालिश करा सकती हैं. यदि आपका बेबी बीमार है या फिर बाहर बहुत ठंड है, तो आप उसे कपड़े पहनाते समय ही उसकी मालिश कर सकती हैं. साथ ही बच्चे को सुलाने से पहले भी इस तरह की क्विक मसाज का एक रूटीन सेट किया जा सकता है क्योंकि यह आपके बच्चे को आराम देने और बिस्तर पर खेलते हुए धीरे से नींद में चले जाने में उसकी मदद करेगा.

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    Written by

    Kavita Upreti

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