Pregnancy Journey
25 July 2023 को अपडेट किया गया
पपीता विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, बीटा कैरोटीन और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों और ज़रूरी मिनरल्स से भरपूर होता है. लेकिन फिर भी अक्सर प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिलाओं को पपीता खाने से रोका जाता है. ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि प्रेग्नेंसी के दौरान पपीता खाना सुरक्षित है या नहीं! चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं इस सवाल का जवाब!
प्रेग्नेंसी में पपीते के सेवन को लेकर कई तरह की बातें फैली हुई हैं; जैसे कि पपीता खाने से मिसकैरेज होता है, पपीता खाने से बेबी पर नेगेटिव असर होता है, आदि. हालाँकि, यह पूरी तरह सच नहीं है. लेकिन फिर भी गर्भवती महिलाएँ पपीता खाने से बचती हैं. दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान एक गर्भवती महिला जो भी खाती-पीती है, उसका सीधा असर उसके गर्भ में पल रहे बेबी पर होता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को अपने खान-पान को लेकर सतर्क रहना चाहिए.
प्रेग्नेंसी में पपीता खाना गर्भवती महिलाओं के लिए तब तक पूरी तरह से सुरक्षित है, जब तक कि वह पूरी तरह से पका हुआ हो. हालाँकि, गर्भावस्था में कच्चा पपीता खाने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें लेटेक्स होता है जो प्रेग्नेंसी में कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकता है.
इसके अलावा, माना जाता है कि पपीता शरीर को अतिरिक्त गर्मी देता है, जिसके कारण प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में इसका सेवन मिसकैरेज का कारण बन सकता है, और तीसरी तिमाही के दौरान कच्चा पपीता खाने से लेबर जल्दी प्रेरित हो सकता है. कच्चा पपीता हरे रंग का होता है और आसानी से पहचाना जा सकता है.
हालाँकि, जिन महिलाओं को पाचन संबंधित परेशानी का अनुभव होता है या योनि क्षेत्र से अचानक ब्लीडिंग होती है, उन्हें पपीता खाना बंद कर देना चाहिए. इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के दौरान पपीता खाते समय सावधानी बरतनी चाहिए और इसको बहुत अधिक खाना नहीं चाहिए. इसके अधिक सेवन से दस्त की समस्या हो सकती है.
गर्भवती महिलाओं को कच्चे पपीते में मौजूद लेटेक्स से बचना चाहिए. प्रेग्नेंसी के दौरान पपीता लेटेक्स खाने से बचने के कुछ कारण इस प्रकार हैं-
पपीता में लेटेक्स होता है, जो यूटरिन कॉन्ट्रैक्शन (गर्भाशय संकुचन) को ट्रिगर कर सकता है जिससे समय से पहले प्रसव हो सकता है. कच्चे पपीते में पैपीन भी होता है, जो लेबर पेन को प्रेरित कर सकता है.
कच्चे पपीते में मौजूद पेप्सिन युक्त पपेन भी गर्भ में पल रहे बेबी के विकास को रोक सकता है. ये रसायन गर्भाशय में भ्रूण को सहारा देने वाली महत्वपूर्ण झिल्लियों को भी कमज़ोर कर देते हैं, जिससे गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है.
कच्चा पपीता समय से पहले जन्म का कारण बन सकता है और बच्चे में डिलीवरी के बाद कुछ जटिलताएं भी पैदा कर सकता है. इसके अलावा, कच्चे पपीते में लेटेक्स एक बहुत ही आम एलर्जेन है और यह शरीर में खतरनाक प्रतिक्रियाओं के लिए जाना जाता है.
इसे भी पढ़ें- प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट खाना और नहीं खाना चाहिए
प्रेग्नेंसी के दौरान अगर आप पका हुआ पपीता खाते हैं, तो इससे आपको और आपके गर्भ में पल रहे बेबी को कई फ़ायदे भी हो सकते हैं; जैसे-
पपीता विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, बीटा कैरोटीन और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर है. ये विटामिन होता है, जो माँ और बच्चे की इम्यूनिटी में सुधार करते हैं. इससे प्रेग्नेंसी के दौरान इंफेक्शन होने की संभावना कम हो जाती है.
प्रेग्नेंसी के दौरान पका हुआ पपीता खाने से मॉर्निंग सिकनेस और मतली की समस्या को दूर किया जा सकता है.
पपीते में मौजूद विटामिन माँ को अल्सर और त्वचा संबंधित समस्याओं से बचाते हैं.
पके पपीते में मौजूद फाइबर गर्भवती महिलाओं में पाचन संबंधी समस्याओं को रोकने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं. इसलिए अगर किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान मामूली कब्ज़ का सामना करना पड़ रहा है, तो वह कुछ पके पपीते खाकर इससे निपट सकती हैं. हालाँकि, यदि कब्ज गंभीर है, तो सलाह दी जाती है कि किसी डॉक्टर से संपर्क करें.
पपीते में मौजूद फोलिक एसिड बढ़ते हुए बच्चे के तंत्रिका संबंधी विकास के लिए आवश्यक है.
पपीते का उपयोग गर्भावस्था के कारण सीने में जलन या एसिड रिफ्लक्स के खिलाफ एक घरेलू उपचार के रूप में भी किया जा सकता है.
पपीता खाना गर्भवती महिलाओं के लिए तब तक फायदेमंद होता है जब तक वह पका हुआ हो. इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान पीले छिलके वाले पपीते का ही सेवन करें. पका हुआ पपीता छूने में नरम होता है. इसके अलावा, किसी भी रूप में पपीते के पत्ते या बीज खाने से भी बचना चाहिए.
1. Adebiyi A, Adaikan PG, Prasad RN. (2022). Papaya (Carica papaya) consumption is unsafe in pregnancy: fact or fable?
2. Anuar NS, Zahari SS, Taib IA, Rahman MT. (2008). Effect of green and ripe Carica papaya epicarp extracts on wound healing and during pregnancy.
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Written by
Priyanka Verma
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