Diet & Nutrition
11 August 2023 को अपडेट किया गया
गर्भवती मां होने के नाते आप ये सोच सकती हैं कि अपनी प्रेग्नेंसी को बेहतर करने के लिए कौन से पोषक तत्व और खाने को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। महिला की जिंदगी में प्रेग्नेंसी वो समय होता है जब खाने के मामले में कोई खतरा मोल नहीं लिया जा सकता है। और इसलिए कुछ खास फूड आइटम खाने से जुड़े मिथक और सच्चाई जान लेना जरूरी हो जाता है।
मेथी ऐसा ही एक आइटम है जिसको महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान खाने में असहज होती हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सदियों से ये कहा जाता है कि मेथी को प्रेग्नेंसी के दौरान नहीं खाना चाहिए। माना जाता है कि मेथी के प्रेग्नेंसी पर साइडइफेक्ट हो सकते हैं, जिनकी वजह से परेशानियां हो सकती है। नेचुरोपैथ और डॉक्टर कहते हैं कि मेथी एक अच्छी जड़ीबूटी है जो महिला के शरीर में कांट्रेक्शन शुरू कर सकती है जिसकी वजह से समय से पहले डिलीवरी के साथ गर्भपात भी हो सकता है। आमतौर पर, प्रेग्नेंसी के दौरान मेथी सख्ती से मना की जाती है। यहां तक कि मेथी की पत्तियां या मेथी के पराठे खाने से भी मना किया जाता है जो कि फायदेमंद ही होता है।
प्रेग्नेंसी में मेथी खाने से जुड़ी पूरी जानकारी यहां दी गई है। जानना चाहती हैं कि आप प्रेग्नेंसी के दौरान मेथी पराठा या मेथी की पत्तियां खा सकती हैं या नहीं? चलिए जानते हैं।
क्या आपने अपने घर में बड़ों से कभी भी सुना है कि आपको पीरियड शुरू करने के लिए मेथी के बीज या मेथी पराठा का सेवन करना चाहिए? मेथी से बनी चाय या जूस पीने से भी पीरियड शुरू हो सकते हैं। हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान मेथी का सेवन बिलकुल अलग बात होती है। आमतौर पर, प्रेग्नेंसी में मेथी का सेवन करने से बचा जाता है क्योंकि मेथी के सेवन से कांट्रेक्शन हो सकते हैं जिसकी वजह से अक्सर गर्भपात हो जाता है। बहुत सी महिलाओं ने ये दावा भी किया है कि ज्यादा मात्रा में मेथी का सेवन करने से समय से पहले जन्म या गर्भपात भी हो सकता है।
मेथी का बहुत ज्यादा सेवन भ्रूण में जन्म दोष, नवजात दोष और यहां तक कि जन्मजात विकृतियों की वजह बन सकता है। मेथी के सेवन की वजह से रिप्रोडक्टिव टॉक्सिसिटी और भ्रूण के विकास में दिक्कतें भी हो सकती हैं। इस कारण से प्रेग्नेंसी में ज्यादा मात्रा में मेथी का इस्तेमाल करने से बचा जाता है।
आमतौर पर प्रेग्नेंसी में मेथी का सेवन तब ही सुरक्षित होता है जब ऐसा कभी-कभी हो। इसके अलावा प्रेग्नेंसी में मेथी के सेवन से गर्भवती महिलाओं पर गलत असर हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान आमतौर पर महसूस किए जाने वाले कुछ साइड इफेक्ट ये हैं-
प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत ज्यादा मेथी की पत्ती खाने की वजह से बच्चे में जन्मजात विकृतियां भी हो सकती हैं। मां बनने वाली महिलाओं के शरीर में मेथी के इस्तेमाल की वजह से कांट्रेक्शन भी हो सकते हैं। बहुत से लोग ये भी दावा करते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान मेथी का बहुत ज्यादा सेवन नवजात बच्चे के शरीर में अजीब महक की वजह बन सकता है।
जैसे जरूरत से ज्यादा मेथी खाने से कांट्रेक्शन हो सकते हैं ठीक वैसे ही ये उन महिलाओं के लिए फायदेमंद भी है, जिन्हें लेबर होने की जरूरत है। सदियों से प्रेग्नेंसी के दौरान मेथी का इस्तेमाल ना सिर्फ कांट्रेक्शन के माध्यम से लेबर शुरू कराने में, बल्कि लेबर और लेबर के दर्द को कम करके महिलाओं की मदद करने में होता आया है। प्रेग्नेंसी में मेथी का सेवन महिलाओं के लिए लेबर की प्रक्रिया आसान बना सकता है।
नेचुरोपैथ और डॉक्टर सुझाव देंगे कि अगर आप गर्भवती हैं तो अच्छा यही होगा कि मेथी खाने से बचा जाए। प्रेग्नेंसी में मेथी के बीजों का इस्तेमाल लेबर बढ़ाने के लिए होता है और कांट्रेक्शन की वजह बन सकता है। हालांकि, मेथी का सेवन गर्भपात और समय से पहले लेबर की वजह भी बन सकता है। इसलिए, दिक्कतों को शुरू होने से रोकने के लिए आमतौर पर महिलाओं को प्रेग्नेंसी में मेथी का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। बहरहाल डॉक्टर की सलाह ली गई हो तो मेथी का सेवन कम मात्रा में कभी-कभी किया जा सकता है।
आमतौर पर, प्रेग्नेंसी में मेथी का सेवन 37वें हफ्ते के बाद ही किया जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि मेथी बीज की वजह से लेबर और कांट्रेक्शन शुरू हो सकते हैं। और इसलिए प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में महिलाओं को इसका सेवन करने से मना किया जाता है।
मेथी का बीज बेहतरीन एजेंट भी माना जाता है जो स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध की मात्रा को बढ़ा देता है। इसलिए, बच्चे के जन्म के बाद आमतौर पर महिलाएं दूध सप्लाई बढ़ाने के लिए मेथी बीज, मेथी पत्ती या मेथी पराठे का सेवन करती हैं।
आमतौर पर ये सलाह दी जाती है कि प्रेग्नेंसी में मेथी की पत्तियों, बीज या यहां तक कि मेथी चाय का सेवन भी न किया जाए क्योंकि ऐसा करने से महिलाओं में लेबर उठ सकते हैं। मेथी में कई आयुर्वेदिक खासियतें होती हैं जिनकी वजह से महिलाओं का गर्भपात, कांट्रेक्शन या समय से पहले लेबर भी हो सकते हैं। ये अच्छा होगा कि प्रेग्नेंसी में सिर्फ मेथी चाय ही नहीं, बल्कि मेथी पराठा खाने से भी बचा जाए।
S. H. Korman et al. (2001); Pseudo-maple syrup urine disease due to maternal prenatal ingestion of fenugreek.
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Written by
Khushboo Goel
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