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    Jaundice in Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में पीलिया से कैसे बचा जा सकता है?

    Pregnancy Journey

    Jaundice in Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में पीलिया से कैसे बचा जा सकता है?

    4 October 2023 को अपडेट किया गया

    हर औरत की प्रेग्नेंसी अलग होती है और कुछ परेशानियां हो सकती हैं। पीलिया जैसी स्थिति इनमें से एक है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लडस्ट्रीम में ज़्यादा बिलीरुबिन स्राव की वजह से स्किन और आंखें पीली हो जाती हैं।

    कई बार प्रेग्नेंट औरतों को हल्का पीलिया हो सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में, यह ज़्यादा गंभीर हो सकता है और इलाज की ज़रूरत पड़ सकती है।

    प्रेग्नेंसी में कई वजहों से पीलिया होता है। इलाज शुरू करने से पहले ख़ास वजह की पहचान करना ज़रूरी है। तो, चलिए प्रेग्नेंसी में पीलिया की वजह और लक्षणों पर एक नजर डालते हैं और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है।

    प्रेग्नेंसी के दौरान पीलिया क्या है? (What is jaundice during pregnancy?)

    प्रेग्नेंसी के दौरान पीलिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लडस्ट्रीम में ज़्यादा बिलीरुबिन स्राव की वजह से स्किन और आंखें पीली हो जाती हैं।

    ज़्यादातर लोगों में बिलीरुबिन का लेवल 0.1 और 1.2 मिलीग्राम/डेसीलीटर के बीच होता है। हालांकि, अगर प्रेग्नेंसी के दौरान लेवल 2 मिलीग्राम/डेसीलीटर से ज़्यादा हो जाता है, तो पीलिया पीली आंखों, स्किन या यूरिन के रूप में दिखाई दे सकता है।

    प्रेग्नेंट औरतों में बिलीरुबिन प्रॉडक्शन बहुत ज़्यादा होता है। इससे उनमें नॉन-प्रेग्नेंट औरतों के मुक़ाबले जल्दी पीलिया होने की संभावना बढ़ जाती है।

    प्रेग्नेंसी में पीलिया की क्या वजह है? (What causes jaundice in pregnancy?)

    प्रेग्नेंसी के दौरान इंफ़ेक्शन या वायरल हेपेटाइटिस, पीलिया की सबसे आम वजह है। हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी, या ई इन सभी वायरस से वायरल हेपेटाइटिस जैसा गंभीर इंफ़ेक्शन हो सकता है।

    इनकी वजह से लीवर में सूजन और नुकसान होता है जिससे ब्लड में बिलीरुबिन का जमाव होता है।

    प्रेग्नेंसी में पीलिया की कुछ दूसरी वजहों में शामिल हैं:

    • हाइपरमेसिस ग्रेविडरम (Hyperemesis gravidarum): यह पहली तिमाही के दौरान होता है और इसमें लगातार, बहुत ज़्यादा उल्टी होती है। हल्का पीलिया और लीवर का सही तरीके से काम ना करना इस स्थिति का संकेत हो सकता है।
    • प्रेग्नेंसी के कोलेस्टेसिस (Cholestasis of pregnancy): यह मेडिकल स्थिति लीवर में बाइल के जमाव की वजह से होती है। इसकी वजह से ब्लडस्ट्रीम में ज़्यादा बाइल साल्ट चला जाता है। तीसरी तिमाही के दौरान मां अपनी हथेलियों और तलवों में खुजली की शिकायत कर सकती हैं।
    • प्रेग्नेंसी के दौरान एक्यूट फैटी लीवर (Acute fatty liver during pregnancy): यह लीवर में फैट जमा होने की दुर्लभ स्थिति है। इससे पीलिया, मतली, उल्टी और पेट दर्द हो सकता है।
    • प्री-एक्लेमप्सिया और एचईएलपी सिंड्रोम (Pre-eclampsia and HELLP syndrome) : हाइपरटेंशन और प्रोटीन्यूरिया इस मेडिकल स्थिति के दो लक्षण हैं। कुछ मामलों में, इससे लीवर खराब हो सकता है, लीवर में एंजाइम का हाई लेवल और पीलिया हो सकता है।

    प्रेग्नेंसी में पीलिया के लक्षण (Symptoms of jaundice in pregnancy)

    प्रेग्नेंसी में पीलिया के लक्षण तुरंत नहीं दिख सकते हैं। यह आंखों के पीलेपन से शुरू हो सकता है, जो शुरुआती संकेतकों में से एक है। प्रेग्नेंसी में पीलिया के दूसरे लक्षणों में शामिल हैं:

    • गहरा यूरिन
    • स्किन में खुजली
    • हल्के रंग का मल
    • मतली या उल्टी
    • पेट दर्द
    • थकान या कमजोरी
    • बुखार

    प्रेग्नेंसी में पीलिया के लक्षण हर औरत में अलग-अलग हो सकते हैं। इसलिए, इनमें से कोई भी लक्षण होने पर डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।

    प्रेग्नेंसी में पीलिया का इलाज कैसे किया जाता है? (How is jaundice diagnosed in pregnancy?)

    एक डॉक्टर ब्लड में बिलीरुबिन के लेवल को मापकर पीलिया की जांच करेगा। 2 मिलीग्राम/डेसीलीटर से ज़्यादा होने पर डॉक्टर इसे पीलिया मानेंगे।

    डॉक्टर दूसरे लक्षणों की जांच के लिए एक शारीरिक जांच भी कर सकते हैं। वह बीमारी की वजह को सीमित करने के लिए और टेस्ट के लिए भी कह सकते हैं।

    अगर वायरल हेपेटाइटिस महसूस होता है, तो डॉक्टर ब्लड में एंजाइम के बढ़े हुए लेवल की जांच के लिए लीवर फंक्शन टेस्ट के लिए भी कह सकते हैं।

    कई तरह के टेस्ट किए जा सकते हैं:

    • एनीमिया या इंफ़ेक्शन के लक्षणों की जांच के लिए कंपलीट ब्लड काउंट (सीबीसी)।
    • लीवर एंजाइम टेस्ट
    • वायरल हेपेटाइटिस टेस्ट
    • लीवर की किसी भी असामान्यता की जांच के लिए पेट का अल्ट्रासाउंड स्कैन।

    दूसरे टेस्ट में यूरिन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट और ब्लड ग्लूकोज लेवल हो सकता है।

    प्रेग्नेंसी में पीलिया का इलाज (Treatment of jaundice in pregnancy)

    ज़्यादातर लोग यह नहीं जानते कि प्रेग्नेंसी के दौरान पीलिया से कैसे बचें और प्रेग्नेंसी में पीलिया का क्या इलाज है।

    पहला स्टेप पीलिया की वजह पहचानना और फिर उसके मुताबिक इलाज करना है।

    इलाज का मकसद स्थिति को नियंत्रित करना, मेडिकल परेशानियों को टालना और असली वजह पर ध्यान देना है। डॉक्टर दवाएं और सपोर्टिव थेरेपी लिख ​​सकते हैं।

    प्रेग्नेंसी में पीलिया के इलाज के विकल्प नीचे दिए गए हैं:

    • हाइड्रेशन और पोषण के लेवल को फिर से पूरा करने के लिए शरीर को इंट्रावेनस फ्लूइड से पूरक बनाना
    • बुखार की दवा
    • उल्टी रोकने वाली दवा
    • प्रेग्नेंसी के कोलेस्टेसिस से निपटने के लिए दवाएं
    • गंभीर लीवर की बीमारी के लिए कंप्रिहेंसिव, इंटरडिसिप्लिनरी इलाज करना।
    • पेट के बच्चे का स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए, मेडिकल प्रोफ़ेशनल सभी हालातों में नियमित रूप से चेक-अप, अल्ट्रासाउंड और दिल की धड़कन की देख रेख करते हैं।

    प्रेग्नेंसी के दौरान पीलिया में हमें क्या खाना चाहिए? (What should we eat in jaundice during pregnancy?)

    प्रेग्नेंसी के दौरान पीलिया में बैलेंस डाइट लेना जरूरी है। ज़रूरी पोषक तत्व और विटामिन से भरे खाने की सलाह दी जाती है। इनमें साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, पत्तेदार साग, फलियां, लो-फैट डेयरी और फल शामिल हैं।

    बहुत सारे तरल पदार्थ पीना और हर समय हाइड्रेटेड रहना भी ज़रूरी है। इसके लिए पानी, नारियल पानी और फ़्रूट जूस की सलाह दी जाती है।

    मुझे हेल्थ प्रोफ़ेशनल पेशेवर से कब मिलना चाहिए? (When should I contact a health professional?)

    ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण होने पर हेल्थ प्रोफ़ेशनल से सलाह लेना ज़रूरी है। सुरक्षित प्रेग्नेंसी के लिए डॉक्टर पीलिया की ठीक से पहचान और इलाज कर सकते हैं। वह यह भी जानकारी देंगे कि प्रेग्नेंसी में पीलिया के लिए कौन-सा एंटीबायोटिक सबसे अच्छा है। डॉक्टर भविष्य में पीलिया से बचने के तरीके भी बताएंगे।

    References

    1. Lunzer MR. (1989). Jaundice in pregnancy. Baillieres Clin Gastroenterol.

    2. Changede P, Chavan N, Raj N, Gupta P. (2019). An Observational Study to Evaluate the Maternal and Foetal Outcomes in Pregnancies Complicated with Jaundice. J Obstet Gynaecol India.

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    Written by

    Parul Sachdeva

    A globetrotter and a blogger by passion, Parul loves writing content. She has done M.Phil. in Journalism and Mass Communication and worked for more than 25 clients across Globe with a 100% job success rate. She has been associated with websites pertaining to parenting, travel, food, health & fitness and has also created SEO rich content for a variety of topics.

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