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Pregnancy Diet Chart
12 December 2022 को अपडेट किया गया
Medically Reviewed by
Kusum Sabharwal
Obstetrician & Gynecologist - MBBS| DGO
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गर्भावस्था के दौरान यूं तो सदैव ही आपको अपनी और अपने गर्भ में पल रहे शिशु की ख़ास देखभाल करनी चाहिए लेकिन ऐसा करने की सबसे ज़्यादा ज़रुरत शरुआत के तीन महीनों में होती है. इस दौरान अन्य चीज़ों के अलावा आपको अपनी डायट पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय न केवल आपका शरीर प्रेगनेंसी के लिए खुद को तैयार कर रहा होता है अपितु आपके शिशु के शुरुआती अंगों का विकास भी होना शुरू होता है.
कहते हैं न की मज़बूत नींव पर ही एक मज़बूत इमारत का निर्माण किया जा सकता है ठीक उसी तरह एक स्वस्थ शिशु को जन्म देने के लिए आवश्यक है कि आप अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें. तो आइये जानते हैं कि प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में गर्भवती महिला को अपनी डाइट में किन-किन पोषक खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए:
फोलिक एसिड विटामिन बी का एक प्रकार है। प्रेग्नेंसी की शुरुआत में फोलिक एसिड न्यूरल ट्यूब के विकास में मदद करता है. फोलिक एसिड को सही मात्रा में लेने से शिशु को दिमाग और रीढ़ की हड्डी से जुड़े कई बर्थ डिफेक्ट्स से बचाया जा सकता है. फोलिक एसिड को गर्भ धारण करने से पहले ही लेना शरू कर देना चाहिये. एक गर्भवती महिला को 400 मिलीग्राम फोलिक एसिड की आवश्यकता होती है. प्राकृतिक रूप में फोलिक एसिड बीन्स और मटर जैसी हरी सब्जियों, दालों, हरी पत्तेदार सब्ज़ियों, खट्टे फलों, अंडों, ब्रोक्कोली, वीट जर्म, पपीता, केले, अवाकाडो, सूखे मेवों, और फलियों में मिलता है.
क्योंकि प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में शिशु के शुरूआती अंग और हड्डियाँ विकसित हो रहे होते हैं इसलिए शिशु को इस दौरान अधिक कैल्शियम की आवश्यकता होती है. शिशु का शरीर स्वयं कैल्शियम नहीं बना सकता और इसकी आपूर्ति के लिए वह पूर्णतया आपके ऊपर निर्भर होता है. कैल्शियम की इसी ज़रुरत को पूरा करने के लिए गर्भवती महिला को बहुत अधिक मात्रा में कैल्शियम लेने की आवश्यकता होती है. आपके लिए ज़रूरी है की कैल्शियम पाने के लिए सोया बीन्स, सुखे मेवे, फिश, अंडे, दूध, दही, टोफू, हरी पत्तेदार सब्जियां, पत्तागोभी वगैरह खाने में शामिल करें.
प्रेगनेंसी के दूसरे महीने के दौरान प्रोटीन का सही मात्रा में सेवन करना बहुत अहम् होता है. ये आपके शिशु के शरीर में नए टिश्यूस के विकास, इम्यून सिस्टम में एंटीबाडीज को विकसित करने, होर्मोनेस और एन्ज़इम्स बनाने, ऑक्सीजन को रक्त के द्वारा ट्रांसपोर्ट करने और मांस पेशियों के सही रूप से कार्य करने के लिए ज़रूरी होता है. सही मात्रा में प्रोटीन लेने से आप अपने शिशु के सम्पूर्ण विकास में मदद कर सकती हैं. अपने और बच्चे के पूर्ण विकास के लिए एक गर्भवती महिला को प्रतिदिन 45 gm प्रोटीन लेना चाहिये. होल ग्रेन ब्रेड, कॉटेज चीज़, योगहर्ट, दालों, फलियों, पास्ता, चावल, मछलियों, सोयाबीन, बारले, टोफू, अण्डों, सूखे मेवे जैसे खाद्य पदार्थों से प्रोटीन की प्राप्ति होती है.
गर्भावस्था में आपके शरीर में खून बड़ी तेजी से बढ़ता है. इसे मैनेज करने के लिए आपके शरीर को पर्याप्त हीमोग्लोबिन की आवश्यकता होती है. आयरन आपके गर्भ में पल रहे शिशु के दिमागी विकास के लिए भी ज़रूरी होता है. आयरन की कमी की वजह से एनीमिया होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए आवश्यक है कि आप गर्भावस्था के दूसरे माह के दौरान आयरन-युक्त खाद्य पदार्थ अपने भोजन में शामिल करें.
पालक, चुकंदर, टोफू, टमाटर, राजमा, काजू, अनार, सूखे मेवे और मछली में लौह तत्त्व अच्छी मात्रा में मिलता है.
गर्भावस्था की पहली तिमाही में आपका शरीर रिलैक्सिंग होर्मोनस रिलीज़ करता है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं में कब्ज़ की समस्या हो जाना आम है. इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप फाइबर या रेशों से भरपूर ताज़े फल, सलाद और हरी सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करें.
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Kusum Sabharwal
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Written by
Charu Pratap
Charu has been a seasoned corporate professional with over a decade of experience in Human Resource Management. She has managed the HR function for start-ups as well as established companies. But aside from her corporate career she was always fond of doing things with a creative streak. She enjoys gardening and writing and is an experienced content expert and linguist. Her own experiences with motherhood and raising a baby made her realize the importance of reliable and fact-based parenting information. She was engaged in creating content for publishing houses, research scholars, corporates as well as for her own blog.
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