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    Andrology in Hindi | आख़िर क्या है एंड्रोलॉजी?

    Conception Myths & Facts

    Andrology in Hindi | आख़िर क्या है एंड्रोलॉजी?

    4 August 2023 को अपडेट किया गया

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    एंड्रोलॉजी क्या है? यह शब्द ग्रीक भाषा से लिया गया है। ग्रीक में एंड्रोस का मतलब होता है 'पुरुष' और इसी से बना 'एंड्रोलॉजी'. चिकित्सा के इस क्षेत्र में पुरुष के प्रजनन भागों का उपचार किया जाता है.

    आप इसे पुरुषों के लिए गायनाक्लॉजी के समान समझ सकते हैं। गायनाक्लॉजी अध्ययन का एक बहुत पुराना क्षेत्र है, लेकिन एंड्रोलॉजी नई विशेषज्ञता है। लेकिन, अध्ययन के इस क्षेत्र पर लोगों का ज्यादा ध्यान जाने लगा क्योंकि हाल के कुछ वर्षों में पुरुषों में प्रोस्टेट और प्रजनन संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ी है.

    एंड्रोलॉजिस्ट वह चिकित्सकीय पेशेवर होते हैं जो पुरुषों के प्रजनन संबंधी समस्याओं का उपचार करते हैं. एंड्रोलॉजी यूरोलॉजी की सब स्पेशेलिटी है जिसमें महिला और पुरुष दोनों के मूत्र प्रणाली का उपचार किया जाता है.

    आपको एंड्रोलॉजिस्ट के पास कब जाना चाहिए?
    एंड्रोलॉजिस्ट पुरुषों के प्रजनन भाग के विशेषज्ञ होते हैं. असल में, आपको समय समय पर उनके पास जाते रहना चाहिए, किशोरावस्था के बाद कम से कम हर तीन महीने में. एंड्रोलॉजिस्ट पेड़ु के हिस्से की जांच करते हैं और जानने की कोशिश करते हैं कि कहीं आपको किसी तरह की कोई समस्या तो नहीं है. अगर आपको नीचे दिए लक्षण दिख रहे हैं तो एंड्रोलॉजिस्ट के पास जरूर जाएं :

    · अगर पिछले 15 दिनों से ज्यादा आपको पेड़ु के हिस्से में रैश नज़र आ रहे हैं.

    · लगातार खुजली जो ठीक नहीं हो रही.

    · पेड़ु के हिस्से में संक्रमण

    · अंडकोष में जलन.

    · ऊसन्धि में लालिमा.

    · पुरुष प्रजनन भागों से संबंधी कैंसर.

    · किसी भी तरह की यौन समस्या जैसे नपुंसकता।

    यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट में क्या फ़र्क होता है?

    पुरुषों के लिए यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट लगभग एक समान माने जाते हैं. लेकिन उनमें बहुत ज्यादा अंतर होता है.

    यूरोलॉजी चिकित्सा की वह शाखा है जिसमें मूत्राशय प्रणाली से संबंधित समस्याओं के उपचार किए जाते हैं.

    महिला और पुरुष दोनों की जेनिटोयूरिनरी सिस्टम संबंधी समस्याओं की जांच और उपचार यूरोलॉजिस्ट से करवाना चाहिए. यूरोलॉजिस्ट जेनिटोयूरिनरी ट्रैक संबंधी बीमारियों को सर्जरी या दवाओं के जरिए ठीक करते हैं. यूरोलॉजिस्ट अक्सर मरीज को देखते हैं, रिकॉर्ड देखते हैं, और मरीज की मेडिकल हिस्ट्री का आकलन करते हैं, जांच करवाते हैं, उपचार का प्लान तय करते हैं और अन्य कामों के साथ थेरेपी देते हैं. यूरोलॉजिस्ट दोनों जेंडर के साथ काम कर सकता है.

    चिकित्सा का क्षेत्र जिसे एंड्रोलॉजी के नाम से जाना जाता है, दरअसल यूरोलॉजी के अंतर्गत आने वाली विशेषता है, जो पुरुषों से संबंधी बीमारियों का उपचार करती है. एंड्रोलॉजिस्ट केवल पुरुषों की जेनिटोयूरेनरी समस्याओं का उपचार करता है. यूरोलॉजिस्ट की तरह ही एंड्रोलॉजिस्ट भी बीमारी को ऑपरेशन या दवा से ठीक कर सकते हैं.

    एंड्रोलॉजी की जांच
    डायग्नोसिस और उपचार के लिए एंड्रोलॉजिस्ट कई तरह की जांच करवा सकते हैं. कुछ के बारे में यहां बताया गया है.

    सीमेन एनालिसिस

    शुक्राणु के आकार, साइज़ और बनावट को जानने के लिए सीमेन की जांच की जाती है. यह जांच इंफ़र्टिलिटी का कारण जानने के लिए की जाती है. यह जांच एंड्रोलॉजिस्ट के उपचार शुरू करने से पहले की जाती है.

    सीमेन कल्चर

    अगर आपके सीमेन सैंपल में सामान्य से ज्यादा व्याहइ ब्लड सेल पाए जाते हैं तो एंड्रोलॉजिस्ट आपका सीमेन कल्चर करवा सकते हैं. लैब एनालिस्ट आपके सीमेन की जांच करके उसमें पनपने वाले बैक्टिीरिया के बारे में पता लगाते हैं. आपके सीमेन में किस तरह के बैक्टीरिया पल रहे हैं और उन्हें कौन सी एंटीबॉडी से खत्म किया जा सकता है, इन बातों का पता लगाने के लिए आपके सीमेन सैंपल को दूसरी लैब में भी भेजा जा सकता है.

    एक्रोसोम स्टीम्युलेशन टेस्ट

    शुक्राणुओं का ऊपरी 40-60% हिस्सा एक खास आकार का होता है जिसे एक्रोसोम कैप कहते हैं और यह शुक्राणु के शीर्श के अंदर होता है. एक्रोसोम को काम करने के लिए शुक्राणु को सफलतापूर्वक अंडे के अंदर जाना होता है. एक्रोसोम की प्रतिक्रिया के हिसाब से शुक्राणु को बाइंडिंग साइट से खुद को अलग करके अंडे के साथ मिलना होता है. एक्रोसोम स्टीम्युलेशन टेस्ट में ऐसे शुक्राणु का पता लगाया जा सकता है जिनके एक्रोसोम कृतिम उत्तेजना पर पर्याप्त प्रतिक्रिया देते हैं, जिसमें डबल डिटेक्शन तकनीक लगती है.

    हॉर्मोन लेवेल

    पुरुषों के पास एक खास हॉर्मोन होता है जिसे टेस्टोस्टेरॉन कहते हैं. यह हॉर्मोन सीमेन और द्वितीयक यौन लक्षणों का उत्पादन करता है. टेस्टोस्टेरॉन का कम उत्पादन या प्रोजेस्टेरॉन का ज्यादा उत्पादन अनचाहे परिणाम ला सकता है. ऐसी स्थिति में एंड्रोलॉजिस्ट रक्त की जांच करवा सकते हैं जिससे हॉर्मोन के स्तर का पता लगाया जा सके.

    निष्कर्ष
    एंड्रोलॉजिस्ट वह चिकित्सक होता है जो पुरुषों की प्रजनन प्रणाली का विशेषज्ञ होता है. हर पुरुष को समय समय पर अपना चेकअप करवाने के लिए एंड्रोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए. एंड्रोलॉजिस्ट यूरोलॉजिस्ट से अलग होता है, यूरोलॉजिस्ट मूत्र तंत्र का विशेषज्ञ होता है. आपके लक्ष्णों के आधार पर एंड्रोलॉजिस्ट कई तरह की जांच करवा सकते हैं और उसी आधार पर उपचार करते हैं. एंड्रोलॉजिस्ट आपकी यौन सेहत का भी ध्यान रखते हैं.

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    Written by

    Priyanka Verma

    Priyanka is an experienced editor & content writer with great attention to detail. Mother to an 11-year-old, she's a skilled writer and has written about many niches, in both English & Hindi. She has been playing with words for 13 years.

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