Updated on 21 October 2024
हर औरत की ख़्वाहिश होती है कि वह एक नन्ही-सी जान को जन्म दे और उसे इस दुनिया में लाए, लेकिन कभी-कभी कुछ महिलाओं के लिए यह सफ़र इतना आसान नहीं होता है. कुछ शारीरिक और मेडिकल कंडीशन के कारण नॉर्मल तरीक़े से गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है. अगर आपको भी फैमिली प्लानिंग करने में किसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो ऐसे आप शतावरी की मदद ले सकती हैं. शतावरी एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल सदियों से फर्टिलिटी से संबंधित समस्या के लिए किया जा रहा है. आयुर्वेद के अनुसार शतावरी का सेवन करने से पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन क्षमता बढ़ती है. इसके साथ ही, इससे सेक्स के प्रति रुचि भी बढ़ती है.चलिए आपको डिटेल में बताते हैं कि आख़िर गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने में शतावरी का क्या रोल होता है.
कई महिलाओं को पॉलिसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) की समस्या होती है, जिसके कारण उनके शरीर के हार्मोन का स्तर असंतुलित हो जाता है. शतावरी इन लक्षणों को कम करने, हार्मोन को संतुलित करने और फर्टिलिटी की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए जानी जाती है.
शतावरी में स्टेरायडल सैपोनीन (steroidal saponins) नामक तत्व पाया जाता है, जो महिलाओं की ओव्यूलेशनप्रक्रिया में सुधार करता है. यह एस्ट्रोजन को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है जिससे पीरियड्स नियमित होते हैं और गर्भधारण करने की संभावना बढ़ती है.
सर्वाइकल म्यूकस का सिक्रेशन कम होने की वजह से गर्भधारण में कई तरह की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं. दरअसल, सर्वाइकल म्यूकस गर्भाशय ग्रीवा द्वारा स्रावित होता है. प्रेग्नेंसी का प्रयास करने के दौरान यही सर्वाइकल म्यूकस और स्पर्म, महिला के रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट में जाकर एग्स के साथ मिलते हैं. शतावरी में म्यूसिलेज होता है, जो मेम्ब्रेन (झिल्ली) को सुरक्षित रखने में टॉनिक की तरह काम करता है.
क्या आप जानती हैं कि तनाव का असर आपकी प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है? जी हाँ, तनाव के कारण ओव्यूलेशन में समस्या और टिश्यू में सूजन के कारण प्रजनन प्रणाली पर असर पड़ता है, जिससे फैलोपिन ट्यूब ब्लॉक होने के साथ गर्भाशय फाइब्रॉएड और ओवरियन सिस्ट जैसी बहुत सी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं. इन सभी समस्याओ के चलते गर्भधारण करने में समस्या आती है. लेकिन शतावरी का सेवन करने से शरीर में वाइट ब्लड सेल्स (व्हाइट ब्लड सेल) का प्रोडक्शन बढ़ता है, जिससे सूजन कम करने व शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद मिलती है.इस तरह महिलाओं के प्रेग्नेंट होने की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं.
अगर आप गर्भधारण करने में समस्या महसूस कर रहे हैं, तो आप शतावरी पाउडर को अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं. यहा हम आपको माइलो 100% नेचुरल शतावरी पाउडर के सेवन के बारे में बताने जा रहे हैं! इस पाउडर को आप एक कप पानी या अपने पसंदीदा चीज़; जैसे कि छाछ या स्मूदी में 1 चम्मच पाउडर मिलाकर पी सकते हैं. आप दिन में 2 बार या फिर अपने फिजिशियन के निर्देशानुसार इसका सेवन कर सकते हैं.
उम्मीद है कि अब आप समझ गए होंगे कि गर्भधारण में शतावरी का क्या रोल होता है और आपको इसका किस तरह से सेवन करना है!
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Written by
Parul Sachdeva
A globetrotter and a blogger by passion, Parul loves writing content. She has done M.Phil. in Journalism and Mass Communication and worked for more than 25 clients across Globe with a 100% job success rate. She has been associated with websites pertaining to parenting, travel, food, health & fitness and has also created SEO rich content for a variety of topics.
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