Baby Care
10 August 2023 को अपडेट किया गया
माता-पिता अक्सर नहलाते समय अपने शिशुओं को लेकर परेशान हो जाते हैं, क्योंकि वे सही उत्पादों के इस्तेमाल के बारे में चिंतित होते हैं. कुछ माता-पिता शिशुओं की त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने के लिए आर्गेनिक ऑयल, माइल्ड सोप और शैंपू का उपयोग करते हैं, जबकि अन्य केवल उन्हीं उत्पादों का उपयोग करना पसंद करते हैं जो उनके बाल-चिकित्सक द्वारा बताए गए होते हैं. क्योंकि शिशुओं की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है इसलिए नहाने के समय को एक अच्छा अनुभव बनाने के लिए सही स्किनकेयर उत्पादों का इस्तेमाल करना आवश्यक है.
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नहाने के पानी में शिशु को मां के दूध से नहलाने को मिल्क बाथ कहा जाता है. यह कोई नई अवधारणा नहीं है, क्योंकि विभिन्न संस्कृतियों में दूध से स्नान करने का ज़िक्र किया गया है. पारंपरिक रूप से पशुओं के दूध का उपयोग दूध स्नान के लिए किया जाता रहा है, परंतु अब शिशुओं को मां के दूध से नहलाने की भी लोकप्रियता बढ़ रही है.
मां का दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है और अपने उपचारिक गुणों के लिए जाना जाता है। यहां तक कि बड़े भी अपनी त्वचा संबंधी समस्याओं से राहत पाने के लिए ब्रेस्ट मिल्क का इस्तेमाल कर सकते हैं. चूंकि शिशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, इसलिए आसानी से वे संक्रमण का शिकार हो सकते हैं. मां के दूध से स्नान से शिशुओं को त्वचा की सामान्य बीमारियों से जल्दी ठीक होने में मदद मिल सकती है.
1. एक्जिमा
2. डायपर पहनने से होने वाले दाने
3. बेबी मुँहासे
4. चोट
5. कीड़े-मकोड़ों का काटना
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मां के दूध में कई विटामिन और खनिज होते हैं जो शिशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित करने के लिए आवश्यक होते हैं. इन प्राकृतिक पोषक तत्वों से शिशुओं की त्वचा को कोमल और मुलायम बनने में भी मदद मिलती है. मां के दूध के कुछ महत्वपूर्ण घटक जो शिशुओं की त्वचा के लिए मददगार होते हैं, यहाँ सूचीबद्ध हैं :
यह ब्लड प्रोटीन संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है और त्वचा के संक्रमण के लिए एक बेहतरीन एंटीडोट के रूप में काम करता है.
यह फैटी एसिड बच्चे की त्वचा को कोमल और साफ रखने के लिए एक बेहतरीन क्लींजर और मॉइस्चराइजर के रूप में काम करता है.
कुछ शिशुओं विभिन्न कारणों से मुंहासों से पीड़ित हो जाते हैं. लॉरिक एसिड के जीवाणुरोधी गुण सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं.
यह फैटी एसिड शिशुओं की त्वचा पर एक प्राकृतिक सुरक्षात्मक कवर बनाने में मदद करता है और त्वचा को लंबे समय तक हाइड्रेटेड और मॉइस्चराइज रखता है.
यह मां के दूध में मौजूद एक प्राकृतिक ट्रांस फैट है जो नमी को बनाए रखने और त्वचा को स्वस्थ बनाने में मदद करता है.
यह आवश्यक फैटी एसिड नमी को लॉक करने में मदद करता है और सूजन को कम करता है.
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शिशुओं की त्वचा के लिए ब्रेस्ट मिल्क के फायदों को जानने के बाद, माता-पिता को इसे सक्रिय रूप से नहाने में शामिल करना चाहिए. यहां बताया गया है कि माता-पिता अपने शिशुओं को ब्रेस्ट मिल्क से स्नान कैसे कराएं :
1. बाथटब में शिशु के लिए पर्याप्त मात्रा में गुनगुना पानी भरें.
2. कमरे के तापमान पर दूधिया होने तक ब्रेस्ट मिल्क को पानी में मिलाएं.
3. बेहतरीन परिणाम के लिए शिशु को बाथटब में 15 मिनट तक रहने दें.
4. 15 मिनट के बाद बच्चे को थपथपा कर सुखाएं और उन सभी प्राकृतिक पोषक तत्वों को लॉक करने हेतु मॉइस्चराइजर लगाएं, जो उनकी त्वचा ने स्नान से अवशोषित किए हैं.
अपने शिशु को दूध से कैसे नहलाएं, यह समझने के लिए माता-पिता को स्नान की सही विधि जानने की जरूरत है. दूध स्नान के बारे में जानने के दौरान माता-पिता द्वारा पूछे जाने वाले कुछ सामान्य प्रश्न हैं:
दूध से स्नान के लिए माता-पिता शिशु के नहाने के पानी में 150 मिली से 300 मिली तक ब्रेस्ट मिल्क मिला सकते हैं। इसका कोई सटीक माप नहीं है क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि बाथटब में कितना पानी है। एक तरह से कहें, तो माता-पिता तब तक दूध मिला सकते हैं जब तक कि पानी धुंधला न दिखने लग जाए।
शिशु के नहाने के पानी में कमरे के तापमान पर ब्रेस्ट मिल्क मिलाना ठीक है. यह सुनिश्चित करेगा कि पानी का तापमान बहुत अधिक कम न हो। सर्दियों में ब्रेस्ट मिल्क को गर्म करना एक अच्छा उपाय है क्योंकि यह नहाने के पानी को गर्म रखने में मदद करेगा.
हां, अच्छे परिणाम के लिए बड़े भी अपनी त्वचा पर ब्रेस्ट मिल्क का इस्तेमाल कर सकते हैं. ब्रेस्ट मिल्क में पाए जाने वाले बहुत सारे घटक कॉस्मेटिक कंपनियों द्वारा सक्रिय सामग्री के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं.
हाँ, माता-पिता एक्सपायर्ड हो चुके ब्रेस्ट मिल्क को बाहरी उपयोग हेतु और बच्चे के स्नान में सुरक्षित रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं.लेकिन एक्सपायर्ड दूध का इस्तेमाल करने से पहले उसकी गंध की जांच करना एक अच्छा विचार है.अगर दूध से अजीब सी गंध आती है, तो उसे फेंक देना चाहिए। खराब हो चुका मां का दूध शिशु की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है और त्वचा की मौजूदा समस्याओं को बढ़ा सकता है. यदि दूध से अच्छी महक आती है, तो शिशु के लिए दूध का स्नान में इसका इस्तेमाल करना सुरक्षित है.
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Written by
Parul Sachdeva
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