Pregnancy
10 August 2023 को अपडेट किया गया
इसमें कोई शक नहीं है कि प्रेग्नेंसी के दौरान एक महिला को कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलावों से गुज़रना पड़ता है. ब्रेस्ट के आकार में बदलाव, वेरिकोज वेंस की समस्या, वज़न बढ़ना, त्वचा में रूखापन आना, गैस व कब्ज़ की समस्या होना, चिड़चिड़ापन होना, पेट में दर्द होना और मॉर्निंग सिकनेस आदि आम समस्याएँ हैं. स्ट्रेच मार्क्स भी इन्हीं में से एक बदलाव है, जिसका सामना हर गर्भवती महिला को करना पड़ता है. अगर आप भी स्ट्रेच मार्क्स का सामना कर रहे हैं, तो परेशान न हों. इस आर्टिकल के ज़रिये हम आपको स्ट्रेच मार्क्स से राहत पाने के बेहतरीन तरीक़े बताएँगे. लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं कि आख़िर प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रेच मार्क्स आने की वजह क्या होती है.
प्रेग्नेंसी के 13वें हफ़्ते से लेकर 21वें हफ़्ते के बीच स्ट्रेच मार्क्स उभरने शुरू हो जाते हैं. स्ट्रेच मार्क्स सिर्फ़ टमी के आसपास के हिस्से पर ही नहीं; बल्कि थाईज (जाँघ), हिप्स, पैरों का काफ वाले हिस्सा, आर्म्स और ब्रेस्ट पर भी हो सकते हैं. त्वचा की रंगत के अनुसार ये स्ट्रेच मार्क्स शुरुआत में गुलाबी, लाल-भूरे, बैंगनी या गहरे भूरे रंग के हो सकते हैं. हालाँकि, अगर समय रहते इनका ध्यान रखा जाए तो इन्हें आसानी से कम किया जा सकता है.
प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रेच मार्क्स होने के कुछ आम कारण इस प्रकार हैं;
गर्भ में जैसे-जैसे शिशु का विकास होता है, वैसे-वैसे एक गर्भवती महिला का वज़न बढ़ना शुरू होता है. इसके चलते शरीर में खिंचाव होने लगता है, जिसका असर त्वचा पर स्ट्रेच मार्क्स के रूप में देखने को मिलता है.
प्रेग्नेंसी के दौरान तेज़ी से हार्मोन्स में बदलाव होता है. इसके कारण भी त्वचा पर स्ट्रेच मार्क्स दिखाई देने लगते हैं. हार्मोन्स को संतुलित रखने में डाइट और लाइफस्टाइल का बहुत महत्व होता है. ऐसे में अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आप सही डाइट या लाइफस्टाइल फॉलो नहीं करते हैं, तो इसका रिज़ल्ट स्ट्रेच मार्क्स के रूप में देखने को मिल सकता है.
स्ट्रेच मार्क्स में वंशानुगत कारण भी जिम्मेदार हैं. अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आपकी माँ को स्ट्रेच मार्क्स हुए थे तो आपको भी स्ट्रेच मार्क्स होने की संभावा है. इसमें घबराने की कोई बात नहीं क्योंकि ऐसा होना नॉर्मल है.
प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रेच मार्क्स का होना बिल्कुल नॉर्मल है. लेकिन ऐसा नहीं है कि आप इनसे राहत नहीं पा सकते. अगर समय रहते आप इनकी केयर करते हैं, तो आप इन्हें काफ़ी हद तक कम कर सकते हैं. स्ट्रेच मार्क्स को कम करने के लिए आपको इन बातों पर ग़ौर करना चाहिए-
प्रेग्नेंसी के दौरान वज़न का बढ़ना बहुत ही नॉर्मल है, लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा वज़न बढ़ना ठीक नहीं है. इससे न केवल स्ट्रेच मार्क्स होंगे; बल्कि इससे प्रेग्नेंसी के दौरान कॉम्प्लिकेशन्स भी हो सकते हैं.
प्रेग्नेंसी के दौरान अपने शरीर में पानी की कमी बिल्कुल भी न होने दें. इस दौरान अपने शरीर को हाइड्रेट रखें. जितना हो सके पानी और लिक्विड का सेवन करें. इससे आपके चेहरे पर भी ग्लो रहेगा
प्रेग्नेंसी के दौरान जंक फूड खाने से बचें. जितना हो सके, उतना घर का बना खाना खाएँ. इस दौरान हेल्दी डाइट लेना माँ और बच्चे दोनों के लिए ज़रूरी है.
प्रेग्नेंसी के दौरान मसाज करना बहुत ज़रूरी है. ऐसे में आपको एक सही ऑइल को चुनना चाहिए. बाज़ार में आपको कई तरह के मसाज ऑइल मिल जाएँगे, लेकिन अगर आप इफेक्टिव रिज़ल्ट चाहते हैं, तो आपको माइलो स्ट्रेच मार्क्स ऑइल (Mylo Stretch Marks Oil) को चुनना चाहिए. इस ऑइल की मदद से आप स्ट्रेच मार्क्स को नेचुरल तरीक़े से कम कर सकते हैं. साथ ही, आप प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत पा सकते हैं. इतना ही नहीं, इस ऑइल को आप प्रेग्नेंसी के बाद भी इस्तेमाल कर सकते हैं. यह डिलीवरी के बाद त्वचा को टाइट करने में मदद करता है.
स्ट्रेच मार्क्स से बचने का एक तरीक़ा यह भी है कि आप प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही से ही स्ट्रेच मार्क्स क्रीम और ऑइल का इस्तेमाल करना शुरू कर दें, ताकि शुरुआती स्टेज से ही स्ट्रेच मार्क्स को रोका जा सकें. आप माइलो स्ट्रेच मार्क्स- डे और नाइट किट (Stretch Marks- Day & Night Kit) को चुन सकते हैं. यह किट अपनी साइंस बेस्ड ख़ूबियों के कारण बहुत ही इफेक्टिव है. इसमें 'स्ट्रिओवर' जैसे पावरफुल इंग्रेडिएंट का इस्तेमाल हुआ है, जो कि फाइब्रोब्लास्ट को उत्तेजित करने का काम करता है, कोलेजन सिंथेसिस को बढ़ाता है, और त्वचा पर एक प्रोटेक्शन लेयर की तरह काम करता है. इस तरह स्ट्रेच मार्क्स नेचुरल तरीक़े से कम होते हैं. इसके अलावा, इस किट में शीया बटर, केसर, मुरुमुरु बटर, कोकम, सी बकथॉर्न ऑइल और कोकोनट ऑइल आदि का इस्तेमाल भी हुआ है.
उम्मीद है कि अब आप समझ गए होंगे कि प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले स्ट्रेच मार्क्स से अब आपको कैसे डील करना है.
हैप्पी प्रेग्नेंसी!
Yes
No
Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
Read MoreGet baby's diet chart, and growth tips
Newborn Grunting in Hindi | क्या न्यूबोर्न बेबी का गुर्राना नॉर्मल है?
How to Put a Baby to Sleep in 40 Seconds in Hindi | 40 सेकंड में बेबी को कैसे सुलाएँ?
Indigestion Problem After Delivery in Hindi | डिलीवरी के बाद बदहजमी से परेशान? ऐसे पाएँ राहत!
Use of Belly Belt After Delivery in Hindi | क्या डिलीवरी के बाद आपको बेली बेल्ट का इस्तेमाल करना चाहिए?
Difference Between IUI and IVF in Hindi | आपके लिए क्या बेहतर है: IUI या IVF?
What to Wear to a Wedding While Pregnant in Hindi | प्रेग्नेंसी में कहीं शादी अटेंड करना हो तो पहनें इस तरह की ड्रेस
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream | newborn diapers | teether | baby kajal | baby diapers | cloth diapers |