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     समय से पहले प्रसव शुरु होने पर क्या करें?

    Premature Delivery

    समय से पहले प्रसव शुरु होने पर क्या करें?

    12 December 2022 को अपडेट किया गया

    हर माँ की इच्छा होती है कि वो एक स्वस्थ और हृष्ट पुष्ट बच्चे को जन्म दे. लेकिन कई स्वास्थ्य कारणों के चलते अनेकों गर्भवती महिलाएं समय से पहले प्रसव में प्रवेश कर जाती हैं. प्रेगनेंसी के 37 हफ्ते पूरे होने से पहले जन्म लेने वाले शिशु प्रीमैच्योर बेबीज कहलाते हैं. समय से पहले जन्म लेने के कारण ये शिशु पूरी तरह विकसित नहीं हो पाते. यही कारण है कि जन्म के बाद प्रीमैच्योर बेबी को गहन देखभाल कि आवश्यकता होती है. समय से बहुत अधिक पहले जन्म लेने से शिशु अक्सर कई गंभीर बर्थ डिफेक्ट्स जैसे मस्तिष्क पक्षाघात का शिकार हो सकते हैं.

    WHO के मुताबिक़ विश्व भर में हर साल लगभग 15 मिलियन प्रीमैच्योर बेबी जन्म लेते हैं जिनमें से क़रीब 1 मिलियन शिशुओं की इस कारण मृत्यु हो जाती है। आंकड़े कहते हैं कि भारत में 13 फीसदी बच्चे समय से पूर्व पैदा होते हैं. आइये इस लेख के माध्यम से समय से पूर्व प्रसव के कारणों के बारे में जानने का प्रयास करते हैं.

    समय से पहले प्रसव के क्या कारण हैं?

    सब कुछ सामान्य होने पर भी कुछ शिशु समय से पहले पैदा क्यों होते हैं, इसका कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है. आधुनिक से आधुनिक चिकित्सा तकनीक होने के बावजूद भी डॉक्टर बच्चे के जन्म लेने के सही समय को नहीं बता सकते. अक्सर देखा जाता है कि पूर्ण रूप से स्वस्थ गर्भवती महिलाएं भी प्रीमैच्योर बेबी को जन्म देती हैं. हालांकि इन स्वस्थ महिलाओं में ऐसा होने की संभावना कम रहती है.

    समय से पूर्व प्रसव अधिकतर चिकित्सीय एवं सामाजिक कारणों से होता है. समय से पूर्व प्रसव के चिकित्सीय कारण हैं :

    • योनी में बैक्टीरियल इन्फेक्शन
    • प्रेगनेंसी के दौरान बहुत अधिक रक्तस्राव या ब्लीडिंग का होना
    • गर्भ में एक से अधिक शिशु का पलना
    • गर्भाशय की विकृति या असामान्यता
    • Crevix में कमजोरी का होना
    • पिछली गर्भावस्थाओं का गर्भपात करवाना या उनका गर्भपात हो जाना, ख़ास तौर से 16 से 24 सप्ताह के बीच
    • पहले भी प्रीमैच्योर बेबी को जन्म देना
    • पानी की थैली का जल्दी फट जाना

    उपरोक्त चकित्सिय कारणों के अलावा कुछ सामाजिक एवं जीवनशैली से जुड़े कारणों के चलते भी समय से पहले प्रसव होने की संभावना बढ़ जाती है। ये कारण हैं :

    • बेहद गरीबी में रहने के कारण सही पोषण न मिल पाना
    • घरेलू हिंसा के चलते मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का शिकार होना
    • धूम्रपान करना और मादक पदार्थों का सेवन करना
    • कठोर शरीरिक श्रम करना
    • एक घंटे से अधिक झुक कर काम करना
    • गर्भावस्था के दौरान बेहद कम वज़न होना
    • गर्भावस्था के दौरान ज़रुरत से ज़्यादा वज़न का बढ़ जाना

    इन सभी कारणों के चलते समय से पहले प्रसव होने कि सम्भावना काफी बढ़ जाती है इसलिए जहां तक हो सके अपनी सेहत, खान पान और अपने मानसिक स्वास्थ्य की उचित देखभाल करें.

    स्वास्थ्य सम्बन्धी कारण जिनके चलते डॉक्टर स्वयं समय से पहले प्रसव का सुझाव देते हैं :

    ऊपर दिए गए कारणों के अलावा भी कुछ ऐसे स्वास्थ्य सम्बन्धी कारण होते हैं जिनके चलते डॉक्टर समय से पहले जन्म को जरुरी मानते हैं. है। ऐसे में डॉक्टर आपका कृत्रिम रूप से प्रसव शुरु करने या फिर सीजेरियन ऑपरेशन करने के बारे में सलाह देंगी. ये कारण निम्नलिखित हैं :

    • शिशु का गर्भाशय में ठीक प्रकार से विकसित न हो पाना
    • शिशु में किसी प्रकार कि शारीरिक या मानसिक अपंगता या असामान्यता का होना
    • माँ का लम्बे समय से हाइपरटेंशन, वृक्कशोथ (नेफ्रैटिस), मधुमेह और गंभीर एनीमिया का शिकार होना
    • किसी चोट या आघात कि वजह से जैसे तेज झटका लगना
    • माँ का प्री-एक्लेमप्सिया का शिकार होना

    समय से पूर्व प्रसव शुरु होने पर क्या करें?

    अगर निर्धारित समय से पहले आपको कॉन्ट्रैक्शंस महसूस होने लगें या आपकी पानी की थैली फट जाए तो आपको बिना देर किये हुए तुरंत अपनी डॉक्टर या अस्पताल से संपर्क करना चाहिये। डॉक्टर के अस्पताल आने के सुझाव देने पर स्वयं गाड़ी चलाकर न जाएँ. परिवार के किसी सदस्य या मित्र कि सहायता लें या फिर एम्बुलेंस बुलाएं.


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    Written by

    Sanju Rathi

    A Postgraduate in English Literature and a professional diploma holder in Interior Design and Display, Sanju started her career as English TGT. Always interested in writing, shetook to freelance writing to pursue her passion side by side. As a content specialist, She is actively producing and providing content in every possible niche.

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