Pregnancy Journey
26 September 2023 को अपडेट किया गया
प्रेगनेंसी के दौरान मास्टरबेशन एक ऐसा टॉपिक है जिस पर अक्सर चर्चा नहीं होती है, लेकिन यह पूरी तरह से नॉर्मल और प्रेगनेंसी का हेल्थी पार्ट है. मास्टरबेशन, या जेनिटल्स को सेल्फ-स्टिमुलेट करना, प्रेग्नेंट महिलाओं को कई तरह से फिजिकल और इमोशनल बेनिफिट्स पहुंचा सकता है. फिर भी, इसके संभावित रिस्क और साइड इफेक्ट्स को समझना जरूरी है, साथ ही यह भी जानना चाहिए कि प्रेगनेंसी कैसे मास्टरबेशन को इफेक्ट कर सकती है.
आमतौर पर प्रेगनेंसी के दौरान मास्टरबेशन को तभी तक सुरक्षित माना जाता है जब तक कि कुछ मेडिकल कंडीशंस या कॉम्प्लीकेशन्स इसे असुरक्षित न बना दें. प्रेगनेंसी के दौरान मास्टरबेशन से सुरक्षा को लेकर कोई चिंता होने पर हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर से सलाह लेना हमेशा अच्छी बात है.
मास्टरबेशन पूरी तरह से नेचुरल और कॉमन प्रॉसेस है जो सभी उम्र और जेंडर के लोगों द्वारा की जाती है. यह ह्यूमन सेक्सुअलिटी का एक कॉमन और हेल्थी पार्ट है और इसका फिजिकल या मेंटल हेल्थ पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है.
प्रेगनेंसी के दौरान मास्टरबेशन का एक मुख्य बेनिफिट यह है कि यह स्ट्रेस को कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है. प्रेगनेंसी का समय स्ट्रेस से भरा और इमोशनल हो सकता है, और ऐसे में मास्टरबेशन रिलेक्स और फ्री होने का अहसास करा सकता है. यह चिंता को कम करने और अच्छी नींद लेने में भी मददगार हो सकता है, जो प्रेगनेंसी के दौरान विशेष रूप से जरूरी हो जाता है क्योंकि फिजिकल परेशानी या चिंता से नींद अक्सर डिस्टर्व हो जाती है.
इमोशनल बेनिफिट्स के अलावा, प्रेगनेंसी के दौरान मास्टरबेशन से फिजिकल बेनिफिट्स भी हो सकते हैं. यह मसल्स स्ट्रेस को कम करने और सर्कुलेशन सुधारने में मदद कर सकता है, जो प्रेगनेंसी से संबंधित परेशानी को मैनेज करने में मदद कर सकता है. यह लुब्रिकेशन बढ़ाने में भी मदद कर सकता है, जो वेजाइनल ड्राइनेस को रोकने और उसका इलाज करने में मदद कर सकता है.
आमतौर पर ऐसी कोई परिस्थिति नहीं होती है जिसमें प्रेगनेंसी के दौरान मास्टरबेशन से बचने की जरुरत हो, जब तक कि कुछ मेडिकल कंडीशंस या कॉम्प्लीकेशन्स न हों जो इसे असुरक्षित बना दें. प्रेगनेंसी के दौरान फिंगरिंग की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता होने पर हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर से सलाह लेना हमेशा अच्छी बात है.
एक चिंता यह है कि मास्टरबेशन से कॉन्ट्रैक्शंस बढ़ सकते है जिससे प्रीटर्म लबोर का रिस्क बढ़ सकता है. हालांकि, ऐसा बहुत कम होता है और आमतौर पर, इस बारे में चिंता करने की जरुरत नहीं हैं जब तक कि कोई मेडिकल कंडीशंस या कॉम्प्लीकेशन्स न हों.
एक और रिस्क इंफेक्शन का हो सकता है, अगर उचित साफ-सफाई नहीं रखी जाती है. इंफेक्शन के रिस्क को कम करने के लिए हाथों और टॉयज को अच्छी तरह धोना जरूरी है. जलन या खरोंच के रिस्क को कम करने के लिए लुब्रिकेशन का इस्तेमाल करना भी जरूरी है, जिससे इंफेक्शन का रिस्क बढ़ सकता है.
प्रेगनेंसी मास्टरबेशन को महसूस करने के तरीके और सुखद स्टिमुलेशन(उत्तेजना) को भी इफेक्ट कर सकती है. कुछ प्रेग्नेंट महिलाओँ को लग सकता है कि कुछ तरह का स्टिमुलेशन आमतौर से ज्यादा या कम सुखद होता है, या कुछ तरह के स्टिमुलेशन के लिए उनकी इच्छा बदल सकती है. अपने शरीर को समझना जरूरी है और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके लिए क्या सुखद और आनंददायक है.
यह याद रखना भी जरूरी है कि मास्टरबेशन एक पर्सनल और प्राइवेट एक्टिविटी है और अपने पार्टनर की पसंद या सीमाओं का सम्मान करना जरूरी है. अगर प्रेगनेंसी के दौरान पार्टनर मास्टरबेशन से अच्छा फील नहीं करता है, तो इस इश्यूज के बारे में खुलकर और ईमानदारी से बातचीत करना बेहतर है.
संक्षिप्त में, प्रेगनेंसी के दौरान मास्टरबेशन, प्रेगनेंसी के अनुभव का नॉर्मल और हेल्थी पार्ट है. यह कई प्रकार के फिजिकल और इमोशनल बेनिफिट्स दे सकता है, लेकिन इसके रिस्क और साइड इफेक्ट्स के बारे में अवेयर होना और कोई चिंता होने पर हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर से सलाह लेना जरूरी है. प्रेगनेंसी मास्टरबेशन को महसूस करने के तरीके और सुखद स्टिमुलेशन को भी इफेक्ट कर सकती है, इसलिए अपने शरीर को समझना जरूरी है और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि क्या सुखद और आनंददायक है.
अपने शरीर को समझें और अपने पार्टनर की सीमाओं और प्राथमिकताओं का सम्मान करना महत्वपूर्ण है.
यह याद रखें कि हर व्यक्ति अलग होता है, और जो चीज़ एक व्यक्ति के लिए काम करती है, वह दूसरे के लिए भी करे यह जरुरी नहीं है. यह पता लगाना जरूरी है कि क्या सुखद और आनंददायक लगता है और अगर कोई चिंता है तो हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर या पार्टनर के साथ चर्चा करें. प्रेगनेंसी के दौरान मास्टरबेशन, प्रेगनेंसी के अनुभव का एक हेल्थी और सुखद पार्ट हो सकता है, और इसे ह्यूमन सेक्सुअलिटी के नेचुरल और नॉर्मल पार्ट मानकर अपनाना जरूरी है.
References
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