Stress
12 December 2022 को अपडेट किया गया
प्रेग्नेंट होने की चाहत में आपकी आधी उम्र इसमें लग जाती है, खासकर तब जब आप लंबे समय से इंतजार कर रहे होते हैं. प्रजनन क्षमता से जुडी समस्याएं आपको उदास कर देती हैं उम्मीदों से बांधें रखती हैं. अब आप हमेशा ही इसके बारें में तो नहीं सोच सकते क्योंकि यह सभी परिस्थितियां हमारे हाथ में नहीं होती. लेकिन हम इन्हें कंट्रोल तो कर सकते हैं. तो चलिए इस लेख में हम आपको बताते हैं कि कैसे आप उमीदों को बांधे रखें लेकिन साथ ही अपनी लाइफ भी कैसे एन्जॉय करें. गर्भधारण करने के लिए अपनी सारे कीमती दिन उन्ही दिनों में न लगाएं - जो महिलायें गर्भधारण करना चाहती हैं उनके लिए दो हफ्ते का इंतजार एक तरह से तनावपूर्ण रहता है. प्रत्येक दिन ओवुलेशन और अगले पीरियड तक का दिन आपको साल जैसा लगने लगता है जिसकी वजह से आप चिंतित महसूस करने लगते हैं. अगर आप इन हफ्तों को नजरअंदाज करना चाहते हैं तो अन्य चीजों पर ध्यान देना शुरू करें जैसे -
अपने पार्टनर के साथ डेट पर जाएं दोस्तों के साथ मस्ती के लिए कही बाहर जाएं. घर में या बाहर मूवी देखने के लिए जाएं. अपनी पसंदीदा हॉबी को भी शुरू कर सकते हैं. इसके अलावा, हमेशा प्रेग्नेंसी टेस्ट न करें. जब आप गर्भधारण करने की कोशिश करते हैं तो प्रेग्नेंसी टेस्ट एक तरह का साइंस हो जाता है. सभी साइंस की बातों को पीछे छोड़ आप अपनी बातों को सही मानने लगते हैं जैसे टेस्ट कहीं अंधेरे में करें, एक किट नहीं तो दूसरी किट से करें या उजाले में करें आदि. वो भी सिर्फ और सिर्फ एक पिंक लाइन देखने के लिए. आप यह सब तरीके न आजमाएं और कुछ चीजों की वजह से शुरुआत में ही प्रेग्नेंसी टेस्ट न करें. पीरियड के आने के समय पर हमनेशा ध्यान न दें
कई महिलाएं पीरियड्स देर से आने या समय पर आने पर ध्यान नहीं देती लेकिन जो महिलायें गर्भधारण करने की कोशिश करती हैं वो इन बातों से दुखी हो सकती हैं. पीरियड आने से आपको गर्भधारण करने का एक और महीना बेकार जा सकता है. अगर अपने मिसकैरिज को अनुभव किया है, तो पीरियड आना न सिर्फ पहला कारण हो सकता है बल्कि पहले हुए ऐसे अनुभवों से भी आपको परेशानी हो सकती है. कुछ महिलायें ऐसी स्थितियों से समय पर निकली हैं, पीरियड्स आने का मतलब न सिर्फ ये होता है कि आप इस दौरान प्रेग्नेंट नहीं हो सकती बल्कि इसका मतलब ये भी है कि आप फिर से प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर सकती हैं. मूड अच्छा रखने वाली चीजों पर ध्यान दें, बांझपन के तनाव से आपका दिमाग उन्हीं चीजों में रहता है और ऐसे वक़्त में आप अपने लिए समय निकालना भूल जाती हैं. तो पेन और पेपर उठाएं और उन बातों की लिस्ट तैयार करें जिनसे आपको ख़ुशी मिलती हैं. अगर आपको लिस्ट बनाने में किसी भी तरह की दिक्कत आ रही है तो आप अपने पार्टनर या दोस्त की मदद ले सकते हैं.
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Written by
Parul Sachdeva
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