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12 December 2022 को अपडेट किया गया
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किसी भी महिला के लिए गर्भ धारण करना एक सुखद पल होता है। इस दौरान उसे कई सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। यात्रा को लेकर गर्भवती महिलाएं अक्सर दुविधा में रहती हैं। लेकिन जरा सी सावधानी बरतकर आप प्रेग्नेंसी के साथ भी यात्रा कर सकती हैं। बता रही हैं डॉं. अनुभा सिन्हा
गर्भावस्था के दौरान ऑफिस जाना, घूमना-फिरना और अपनी सभी जिम्मेदारियां उठाना आज के जमाने में आम बात है। ऐसी बहुत सी कामकाजी महिलाएं हैं, जो गर्भावस्था के दौरान भी ऑफिस जाती हैं और उनकी डिलीवरी भी सामान्य होती है। लेकिन यदि प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ परेशानियों आ रही हैं तो आपको सफर के दौरान अपना खास ख्याल रखना होगा। अधिकतर मामलों में प्रग्नेंसी के दौरान कार, बस या फिर ट्रेन से यात्रा करना सुरक्षित होता है।
इन्हें हो सकती है परेशानी
गर्भावस्था के दौरान सफर उन महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है, जिनकी प्रेग्नेंसी हाई रिस्क वाली है या जिन्हें डॉंक्टर ने पूरी तरह से आराम करने की सलाह दी है। ऐसी महिलाओं को सफर के दौरान काफी समस्या हो सकती है, जैसे- सफर का लंबा वक्त, सड़क खराब होना, सफर के दौरान मेडिकल सुविधा ना होना आदि कुछ ऐसे पहलू हैं, जिनसे प्रेग्नेंसी पर असर पड़ सकता है।
सफर के दौरान गर्भवती महिला की डाइट तथा व्यायाम की रुटीन प्रभावित होती है। एक गर्भवती महिला को सफर के दौरान स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक भोजन, सही प्रकार से आराम व खूब सारे तरल पदार्थ और हल्के व्यायाम की जरूरत होती है। गर्भवती महिलाओं में सफर के दौरान जी मिचलाना और उल्टी आना आम शिकायत है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन बढ़ जाते हैं जो जी मिचलाने के लक्षणों से लड़ने की शरीर की क्षमता को कम कर देते हैं। गर्भावस्था के शुरुआती और अंत के तीन महीने सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान सफर करने से बचना चाहिए। शुरुआती महीनों में गर्भपात का खतरा बहुत ज्यादा होता है। पहले तीन महीनों के बाद उल्टी की समस्या भी कम हो जाती है। सफर के दौरान शरीर में पानी की कमी न होने दें। अगर आप विमान से सफर कर रही हैं तो नमी का स्तर कम होने के कारण डीहाइड्रेशन की आशंका होती है। विमान में सफर के दौरान पैर फैलाने के लिए पर्याप्त जगह वाली सीट लें।
कार से सफर के दौरान सीट बेल्ट पेट के नीचे बांधें। कार की अगली सीट पर बैठें और स्वच्छ हवा के लिए खिड़की खुली रखें। ब्लड प्रेशर सामान्य रखने, ऐंठन और सूजन से बचने के लिए पैरों को फैलाते और हिलाते-डुलाते रहें।
ऐसे करें सुरक्षित सफर
गर्भावस्था का दूसरा चरण यानी 3 से 6 माह के बीच का समय सफर की दृष्टि से सुरक्षित होता है। इन महीनों के दौरान आप आसानी से ट्रैवल कर सकती हैं, क्योंकि इन महीनों में मॉर्निंग सिकनेस, अधिक थकान, सुस्ती जैसी शिकायतें कम ही होती हैं।
सेफ ट्रैवल के साथ ही जरूरी है कि आप इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको ऐसी जगहों पर जाने से बचना है, जहां किसी संक्रमित बीमारी का प्रकोप फैला हो।
वैसे तो गर्भावस्था के दौरान हवाई यात्रा सुरक्षित नहीं होती, लेकिन किन्हीं कारणों से यदि आपको हवाई यात्रा करनी पड़े तो आपको गर्भावस्था के 14 से 28 सप्ताहों के बीच में ही यात्रा करनी चाहिए व उससे पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेना कभी न भूलें।
लंबे सफर से बचें। यदि आप ट्रैवल कर भी रहे हैं तो अपने साथ पानी की पूर्ण सुविधा रखें जिससे शरीर में पानी की कमी न होने पाएं।
कहीं भी जाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें, डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।
सफर पर जाते समय डॉक्टर के निर्देशों का पालन करते हुए सभी दवाइयां साथ रखें और अपने डॉक्टर के पेपर्स और डॉक्टर का नंबर हमेशा अपने साथ रखें। जिससे आपातकालीन में आप उसका उपयोग कर पाएं। कार में बहुत ज्यादा सिकुड़ कर न बैठें, बल्कि पैर फैलाते हुए ऐसे बैठें, जिससे आप आसानी से पैर हिला सकें।
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Written by
Charu Pratap
Charu has been a seasoned corporate professional with over a decade of experience in Human Resource Management. She has managed the HR function for start-ups as well as established companies. But aside from her corporate career she was always fond of doing things with a creative streak. She enjoys gardening and writing and is an experienced content expert and linguist. Her own experiences with motherhood and raising a baby made her realize the importance of reliable and fact-based parenting information. She was engaged in creating content for publishing houses, research scholars, corporates as well as for her own blog.
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