एक स्वस्थ शिशु को जन्म देने के लिए माँ और पिता दोनों का ही स्वस्थ होना बेहद जरूरी है. गर्भधारण के समय माँ के पूरी तरह से स्वस्थ होने से प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलीवरी के समय होने वाली जटिलतायें और परेशानियां बेहद कम हो जाती हैं.
इसलिए डॉक्टर्स यह सलाह देते हैं कि गर्भधारण से पहले आपको वो सभी आवश्यक टेस्ट करवाने चाहिए जिनकी मदद से इस बात का पता लग जाता है कि माँ का शरीर गर्भधारण के लिए स्वस्थ है या नहीं. साथ ही डॉक्टर आपके पार्टनर को भी कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं.
इस लेख में आपको प्रेग्नेंसी से पहले किए जाने वाले कुछ ज़रूरी टेस्ट के बारे में जानकारी देंगे.
- स्मीयर टेस्ट- स्मीयर टेस्ट में महिला के जननांगों का टेस्ट किया जाता है. इसमें योनि, सर्विक्स और पेल्विस की जांच की जाती है जिससे इन अंगों में होने वाले संक्रमण का पता चल सके.
- थायराइड टेस्ट – प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले थायराइड टेस्ट करवाने की भी सलाह दी जाती है क्योंकि थायराइड कई मामलों में गर्भपात का कारण बन सकता है और इसका प्रभाव बच्चे के मानसिक विकास पर भी पड़ता है.
- सीमन टेस्ट - पुरूषों की जांच के लिए सीमन टेस्ट किया जाता है. इसमें पुरूष के वीर्य में स्पर्म की संख्या जाँचकर उसके पिता बन सकने की क्षमता का पता लगाया जाता है.
- यूरिन टेस्ट- पेशाब की जांच द्वारा हाई ब्लड शुगर, हाई प्रोटीन और बैक्टीरियल संक्रमण का पता लग जाता है.
- रूबेला - रूबेला एक संक्रामक रोग है जो भ्रूण के लिए हानिकारक हो सकता है. इसमें महिला को हल्का बुखार और शरीर पर दाने होते हैं जो चेहरे से शुरू होकर पूरे शरीर पर फैल जाते हैं. इसके लिए महिला को वैक्सीन दिया जाता है और इसके एक महीने तक प्रेग्नेंसी प्लान करने से मना किया जाता है. इससे बचाव के लिए बचपन में ही एम. एम. आर. का वैक्सीन भी दिया जाता है.
- ब्लड टेस्ट - हर छह महीने के अंतराल में ब्लड टेस्ट करवाने से ब्लड काउंट, प्लेटलेट्स और हीमोग्लोबिन की जानकारी रहती है साथ ही किसी भी प्रकार की आनुवांशिक बीमारी जैसे- ड्रीपेनोसाइटोसिस और साइस्टिक फाइब्रोसिस का भी पता लगाया जा सकता है.
- क्रोनिक डिजीज टेस्ट - इस टेस्ट के द्वारा महिला में डायबिटीज, अस्थमा या उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का पता लगाया जाता है.
- एसडीआईएस स्क्रीनिंग टेस्ट - एसडीआईएस स्क्रीनिंग टेस्ट के द्वारा यह पता लगाया जाता है कि संतान के इच्छुक दंपति सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन की शिकार तो नहीं हैं. इसमें हेपेटाइटिस बी, क्लैमाइडिया, सिफलिस और एचआईवी की जांच की जाती है.
गर्भधारण करना अपने आप में एक जिम्मेदारी भरा कदम है इसलिए प्रेग्नेंसी से पहले हर महिला को प्री प्रेग्नेंसी टेस्ट जरूर कराने चाहिए. इन टेस्ट के द्वारा किसी भी प्रकार की समस्या का पता चलने पर डॉक्टर आपको ज़रूरी इलाज़ का विकल्प बताते हैं और प्रेग्नेंसी प्लान करने के लिए सही समय के बारे में भी सलाह देते हैं.