Caring for your Newborn
Written on 21 December 2018
अगर आपके घर में पालतू जानवर है तो ये शिशु की सुरक्षा के लिहाज से बेहद फायदेमंद हो सकता है. परंतु, शिशु और पालतू जानवर दोनों को एक ही जगह पर पालने के जहां कुछ फ़ायदे है तो वहीं कुछ नुकसान भी होते है. क्योंकि, पालतू जानवरों से फैलने वाली कई ऐसी बिमारियां है जिनका सीधा असर मनुष्य की सेहत पर पड़ता है.जैसे गाय से फैलने वाला रोग मेडकाउ तथा चूहे, कुत्ते, सुअर, गाय, भैंस आदि से फैलने वाला लेप्टोस्पाइरोसिस ऐसे ही जानलेवा रोग हैं, जिनसे बचाव के लिए लोगों में जागरूकता का होना बेहद जरूरी होता है. दरअसल, कुछ लोग पालतू जानवरों के साथ न केवल खेलते है बल्कि अपने साथ सुलाते और खिलाते भी है और यहीं पशु-पक्षियों के प्रति मानव के स्वाभाविक प्रेम को दर्शाता भी है. ऐसे में अगर आप पालतू जानवर पालने का शौक रखते है तो आपको पता होना चाहिए कि उनसे कौन-कौन सी बिमारियां होने का ख़तरा होता है और इस दौरान क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.
ये बिमारी आपको और आपके बच्चों को जानवरों से हो सकती है. इस बिमारी का वायरस कई महीनों तक रहता है और इससे फंगल इंफेक्शन की समस्या भी हो सकती है. बता दें, इस बिमारी का वायरस छूने से फैलता है. रिंग वॉर्म होने पर आपकी स्किन पर छोटे बड़े गोल चकत्ते हो जाते है, जिनसे कई बार पानी निकलता है और उसमें अत्याधिक खुजली भी हो सकती है.
ये संक्रमन आमतौर पर कुत्ते, बिल्ली और बंदरों के काटने से होता है. इस बिमारी से रोगी का नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है और वो पागल हो सकता है. वैसे, तो यह बिमारी पालतू जानवरों से नही होती है. लेकिन, अगर आपको पहले से चोट लगी है और उस पर जानवर की लार लग जाएं तो इस बिमारी के फैलने का ख़तरा अधिक रहता है.
ये बिमारी बिल्लियों से होती है, ऐसे में यदि बिल्ली काट लें या अपने पंजों से खरोंच दें. तो, ये बिमारी बड़े और बच्चों दोनों को हो सकती है. इसके इंफेक्शन से दिल के वाल्व को नुकसान पहुंचता है, जिससे दिल की बिमारियां बढ़ जाती है.
अगर आपका पालतू जानवर बाहरी जानवरों के संपर्क में रहता है तो ये बिमारी होने की संभावना बढ़ जाती है. बता दें, इस बिमारी के वैसे तो कोई लक्षण दिखाई नहीं देते. बता दें, ये बिमारी जानवरों के शरीर पर पाए जाने वाले एक विशेष कीड़े से होती है, जिसे टिक्स कहते हैं और टिक्स में ही वो बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो लाइम डिजीज होने के लिए जिम्मेदार होते है.
पालतू जानवरों से होने वाली एलर्जी से कैसे करें वचाव
अपने पालतू जानवरों को साफ़ रखने के लिए रोज़ाना अच्छे शैम्पू का इस्तेमाल करके नहलाएं. इसके अलावा, बाहरी जानवरों के संपर्क से बचाएं.
पालतू जानवरों का समय-समय पर रेगुलर चेकअप अवश्य करवाएं और उन्हें वैक्सीन लगवाएं. इससे न केवल आपका जानवर सुरक्षित रहेगा बल्कि आपके और अपकी शिशु के लिए भी ये बेहद फ़ायदेमंद होगा.
ध्यान रखें
इसके अलावा, यदि आपके घर में पालतू जानवर है तो उसे शौच आदि के लिए प्रशिक्षित करें ताकि वह इधर-उधर गंदगी न करें. वहीं, अगर आपके पालतू जानवर की तबियत ठीक न हो या उसे डायरिया हो तो उसे शिशु के कमरे से दूर रखें और उसे शिशु की कॉट या पलंग पर न चढ़ने दें व शिशु की चीजें उसकी पहुंच से दूर रखें.
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