Back Pain
Written on 1 December 2018
प्रेग्नेंसी पीरियड के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं जो कई बार उसकी समझ से बाहर भी हो जाते हैं, खासकर उन महिलाओं के लिए जो पहली बार मां बन रही होती हैं। इस दौरान बहुत सारी महिलाओं को कमर में दर्द की शिकायत भी रहने लगती है। 50 से 70 प्रतिशत महिलाएं इस परेशानी से जूझती हैं। ऐसी दिक्कत ज्यादातर पांचवे महीने के बाद ही आती है। कई बार यह दर्द गर्भवती को रात को सोने में भी दिक्कत देता है। इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए दवाओं की बजाए ,कुछ घरेलू टिप्स को फॉलो किया जा सकता है जो काफी मददगार भी साबित होते हैं।
कमर दर्द होने के कारण इस दौरान रीढ़ की हड्डी से मिलती सेक्रोइलियक जॉइंट (Sacroiliac joint) पर दर्द होता है, इसके कई कारण है। वजन बढ़ना जब गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन बढ़ना शुरु हो जाता है तब रीढ़ की हड्डी ही उस वजन को सपोर्ट करती है, जिससे कमर दर्द होता है। स्थिति में बदलाव प्रेग्नेंसी में महिला की मुद्रा धीरे-धीरे बदल जाती है। इससे गुरुत्वाकर्षण के केन्द्र में बहुत बदलाव आता है। जब आप चलने के लिए आगे बढ़ती हैं तो पीठ पर तनाव बढ़ता है, जिससे कमर में दर्द होता है।
हार्मोन में बदलाव इस दौरान शरीर रिलैक्सिन (Relaxin) नामक हार्मोन बनाता है, दो हड्डियों को आपस में जोड़ने वाले ऊतको को आराम पहुंचाता है। बच्चे के जन्म के लिए यह हड्डियों को थोड़ा ढीला करता है और दर्द का कारण बनता है। तनाव जब महिला भावनात्मक तनाव से गुजरती है तो पीठ की मांसपेशियों में तनाव पैदा होता है। इससे ऐंठन और दर्द होने लगती है। किन महिलाओं को होती है ज्यादा दिक्कत? कमर दर्द की समस्या उन महिलाओं को ज्यादा होती जो शारीरिक रूप से कमजोर होती हैं और जो खान-पान व उठने बैठने में गलत लाइफस्टाइल को अपनाती हैं हालांकि भरपूर पोषण व सही पोजिशन में उठ बैठकर ऐसी प्रॉब्लम्स को सही किया जा सकता है।
पीठ दर्द का इलाज दर्द से राहत पाने के लिए कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है लेकिन इस दौरान दर्द निवारक दवाइयां लेने से परहेज करें। मालिश सबसे बेस्ट तरीका है, दर्द से छुटकारा पाने के लिए बैठ कर कमर की हल्की मसाज करवाएंष इससे मांसपेशियों को बहुत आराम मिलता है। ध्यान रखें कि इस समय हल्की मसाज करनी चाहिए। मेटरनिटी बेल्ट मेटरनिटी बेल्ट भी दर्द से राहत दिलाने में कारगर है। यह बढ़े हुए पेट का भार संभाल लेती है और दर्द से बहुत आराम मिलता है। उठने -बैठने की सही पॉजीशन आपका उठना-बैठना और लेटना भी दर्द का कारण बनका है।
जब भी बैठे पीठ के पीछे तकीया लगा लें। लेटते समय बाईं तरफ करवट लेकर लेटें। पैरों के बीच तकिया भी लगा सकती हैं। तेज-तेज चलने की बजाए धीरे-धीरे चलें। ना उठाएं भारी सामान इस समय कोई भी भारी सामान उठाने का गलती न करेंष इससे दर्द बढ़ सकता है। अगर नीचे झुकना भी पड़े को पहले पहले घुटने के बल झुकें और फिर सामान उठाएं ताकि पीठ पर दबाव ना पड़ने दें। तंग कपड़े ना पहनें प्रेग्नेंसी में ढीले-ढाले कपड़े ही पहनें। तंग कपड़े पहने से आपकी पीठ में दर्द बढ़ सकता है। योग करें पीठ दर्द से आराम पाने के लिए योग का सहारा लें। इससे बहुत आराम मिलेगा।
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