गर्भावस्था के दौरान स्त्री के शरीर में काफी सारे परिवर्तन देखने को मिलते हैं जिसमें से अधिकांश गर्भावस्था का ही एक हिस्सा होते हैं. लेकिन कुछ परिवर्तन ऐसे भी हो सकते हैं जो किसी समस्या या जटिलता का संकेत हों और ऐसे लक्षण दिखाई देने पर आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही लक्षणों के बारे में बतायेंगे.
- बहुत अधिक उलटी या उबकाई - पहली तिमाही में उल्टी और उबकाई आना बेहद आम है लेकिन अगर यह बहुत ज्यादा हो और शरीर का काफी पानी निकल जाये तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि डिहाइड्रेशन के कारण थकान और वजन भी घट सकता है.
- योनि से स्राव - योनि से थोड़ा बहुत स्राव होना सामान्य है लेकिन बहुत अधिक रक्त निकलना, एक्टोपिक गर्भावस्था या गर्भपात का संकेत हो सकता है. अगर पेट दर्द के साथ लगातार खून आता रहे तो यह गर्भपात हो जाने की निशानी है और ऐसा होने पर अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.
- तेज़ बुखार - 101 डिग्री फॉरनहाईट से अधिक का टैंपरेचर किसी संक्रमण का लक्षण हो सकता है जो गर्भ में पल रहे शिशु के लिए घातक भी हो सकता है. बुखार के साथ यदि रैश हो रहे हैं या जोड़ों में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.
- पेशाब के दौरान जलन या दर्द - यह मूत्राशय या पेशाब के संक्रमण के कारण हो सकता है और अगर समय पर इसे न रोका जाये तो यह प्रसव में जटिलता पैदा कर सकता है. इससे बचने के लिए पेशाब के दौरान जलन या दर्द महसूस करने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
- योनि में खुजली - योनि का प्राकृतिक रूप से नम रहना ठीक है लेकिन कई बार यह संक्रमण या सेक्सुअल रोगों का संकेत हो सकता है और इससे शिशु को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में तुरंत अपनी जांच करवाएं.
- पैरों में दर्द या सूजन - कई मामलों में गर्भावस्था के दौरान खून के थक्के बनने लगते हैं और अगर यह पिंडलियों में बनते हैं तो दर्द और सूजन की समस्या हो जाती है. यही थक्के यदि फेफडों तक चले जाएं तो जीवन के लिए घातक भी हो सकता है. ऐसे में डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करें.
- पुराने रोगों का उभरना - गर्भवती के थायराइड, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या अस्थमा से पीड़ित होने पर गर्भावस्था के दौरान आने वाले शारीरिक परिवर्तनों पर विशेष नजर रखनी चाहिए अन्यथा बच्चे पर बहुत बुरा असर पड़ता है. उदाहरण के तौर पर थायराइड हार्मोन बहुत कम या ज्यादा होने पर या ब्लड शुगर का स्तर नियन्त्रण में न रहने पर भी गर्भपात का खतरा रहता है. ऐसे में तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें.
हालांकि इस तरह के कोई असामान्य लक्षण न होने पर तनाव से दूर रहकर, संतुलित जीवन और पौष्टिक आहार के साथ कोई भी स्त्री गर्भावस्था के दौरान स्वयं को स्वस्थ और चुस्त रख सकती है.