First Trimester
Written on 19 December 2018
इस लेख में बात करेंगे पहले ट्राइमेस्टर यानी शुरू के तीन महीने गर्भवती महिला को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. शुरूआती तीन महीने के दौरान बच्चे के अंग और माँसपेशियाँ बनती हैं और बच्चा हिलना-डुलना शुरू करता है इसलिए कुछ विशेष पोषक तत्व जैसे कि फोलिक एसिड, आयरन, जिंक, आयोडीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड इत्यादि को अपने आहार में शामिल करना बेहद ज़रूरी है. तो चलिए इसके बारें में विस्तार से जानते हैं.
सभी पोषक तत्वों में फोलिक एसिड सबसे महत्वपूर्ण है और प्रतिदिन इसे उचित मात्रा में लेना चाहिए ताकि बच्चे का दिमाग तेज़ हो और रीढ़ की हड्डी मजबूत बने. प्रेगनेंसी से पहले और इस दौरान केवल फोलिक एसिड सही मात्रा में लेने से कई न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स और जन्मजात विकार जैसे स्पाइना बिफ़िडा तक को रोका जा सकता है. चिकित्सकीय सलाह के अनुसार, प्रतिदिन इसकी गोली के साथ साथ फोलिक एसिड से भरपूर भोजन भी लें.
क्या खाएं - पालक, ब्रोकली, मशरूम, पत्ता गोभी, स्वीट कॉर्न, सलाद पत्ता, सभी खट्टे फल जैसे संतरा, वीट ब्रेड, ओट्स, नट्स और अंडो में फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में मिलता है.
गर्भधारण करने पर आयरन की आवश्यकता बढ़ जाती है. प्रेगनेंसी में शुरूआत से ही आयरन के स्तर में संतुलन बनाये रखने की कोशिश करें. आमतौर पर डॉक्टर दूसरे ट्राइमेस्टर में आयरन सप्लीमेंट देते हैं क्योंकि पहले ट्राइमेस्टर में जी मचलना, उल्टी इत्यादि की समस्या को आयरन सप्लीमेंट और बढ़ा सकते हैं इसलिए प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने में आयरन की पूर्ति प्राकर्तिक स्रोतों से करें..
क्या खाएं- अंडे का पीला भाग, मटन, हरी सब्जियाँ जैसे फूलगोभी या अरबी के पत्ते, ऑलिव, तिल से बने खाद्य पदार्थ, बेसन इत्यादि आयरन के अच्छे स्त्रोत हैं. इनके साथ हमेशा निम्बू, आंवला या संतरा भी खाएं क्योंकि विटामिन सी आयरन के पचने के लिए जरूरी है.
जिंक प्लेसेंटा का पूर्ण विकास करता है और अंदरूनी इन्फेक्शन को दूर रखता है. इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ साथ बच्चे की कोशिकाओं में वृद्धि और उसकी बनावट और कार्य-प्रणाली में मदद करता है.
क्या खाएं- नट्स और विभिन्न प्रकार के बीज जैसे तिल, सूरजमुखी, काजू के अलावा मटन, दही, और राजमा, चने जैसी दालों में जिंक भरपूर मात्रा में मिलता है.
भ्रूण के दिमागी विकास के लिए आयोडीन अनमोल है. आयोडीन नमक का इस्तेमाल करने पर इसकी कमी नहीं होती; पर अगर आप सामान्यतः सेंधा नमक का प्रयोग करती हैं तो पहले ट्राइमेस्टर से ही आपको तुरंत आयोडीन वाले नमक का इस्तेमाल शुरू कर देना चाहिए.
डी एच ए एक तरह का फैटी एसिड होता है जो न्यूरॉन्स में पाया जाता है और बच्चे के ब्रेन के विकास के लिए अतिआवश्यक होता है क्योंकि एक बच्चे का दिमाग प्रेगनेंसी के 6वें से 7वें हफ्ते में बनना शुरू हो जाता है, इसीलिए डी एच ए की ज़रूरत पहले ट्राइमेस्टर से ही होती है. यह अधिकांशतः सीफूड में मिलता है जो ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं.
क्या खाएं- ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी को पूरा करने के लिए वेजिटेबल ऑयल, हर सप्ताह 2 फिश जिसमे मरकरी की मात्रा कम हो और अन्य सप्लीमेंट जैसे कि फिश ऑइल इत्यादि लें.
गर्भावस्था की शुरूआत में बेचैनी और उल्टी इत्यादि आम बात है. कुछ को सुबह-सुबह ही बेचैनी या उल्टी जैसा महसूस होता है तो कुछ का पूरा दिन ही ऐसे गुजरता है. तो ऐसे समय में ध्यान रहे कि आप हाइड्रेटेड रहें.
क्या करें - खूब सारा पानी या सूप, नारियल पानी, फलों का रस पीयें. साथ ही मॉर्निंग सिकनेस को खत्म करने के लिए हल्का नाश्ता जैसे कि रस्क, भुने हुए मुरमुरे या मखाने इत्यादि हेल्दी स्नैक्स लें.
Yes
No
100% Secure Payment Using
Stay safe | Secure Checkout | Safe delivery
Have any Queries or Concerns?
Trusted by 10+ million young parents Mylo is India’s #1 Pregnancy & Parenting App. Mylo app will guide you through your whole parenting journey. Download now