Feeding
Written on 17 December 2018
कहते हैं प्रेगनेंसी के दौरान एक औरत को न जाने कितनी शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. और एक बार डिलीवरी हो जाने के बाद सब कुछ सामान्य और आसान हो जाता है. लेकिन कुछ महिलाओं की परेशानियां डिलीवरी के बाद भी खत्म नहीं होती बल्कि और बढ़ जाती है. ऐसी ही एक परेशानी ब्रैस्टफीडिंग करवाने के समय कुछ महिलायें अनुभव करती है जिनकी ब्रैस्ट निप्पल्स फ्लैट या उनमे सूजन या बहुत ज्यादा रिसाव हो. ऐसी स्थिति में जब बेबी ब्रैस्टफीडिंग करता है तो माँ को दर्द और असहजता होती है जिससे ये अनमोल अनुभव दर्द के सिवा कुछ नहीं रह जाता. यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा ही है तो हमारा जवाब है - ब्रैस्टशैल. क्या है ब्रैस्टशैल और क्या हो सकते है इसके फायदे? चलिए जानते हैं-
ब्रैस्टशैल ब्रैस्टफीडिंग को आसान और आरामदायक बनाने के लिए एक प्रोडक्ट होता है. ये 2 सिलिकॉन या प्लास्टिक पार्ट होते हैं जो ब्रैस्ट के ऊपर पहने जाते हैं. आपको इस राउंड रिंग को अपने स्तन पर रखना होता है और उस रिंग के बीचों-बीच बने छेद में से निप्पल को बाहर की ओर निकालना होता है. ये आपके निप्पल के तले पर बहुत ही हल्का दबाव डालता है जिसमे बिल्कुल दर्द नहीं होता औऱ दूसरी रिंग को उस पहली रिंग पर फिट कर लिया जाता है ताकि निप्पल को पूरी सुरक्षा मिल सके औऱ अतिरिक्त ब्रैस्ट मिल्क जमा हो सके.
1. ब्रैस्ट शेल्स को फ्लैट या इन्वेर्स्टेड निप्पल्स को ठीक करने के लिए पहना जाता है क्योंकि इनसे निप्पल को बाहर निकालने में मदद मिलती है. यदि आप ब्रैस्ट शेल्स फीडिंग्स के बीच में पहनती हैं तो निप्पल्स को बाहर निकालना औऱ बेबी के लिए इन्हे होल्ड करके रखना आसान हो जाता है.
2.ब्रैस्टशेल्स की सहायता से आप नर्सिंग ब्रा या ब्रेस्टफीडिंग कपड़ों से सूजे या क्रैक पड़े निप्पल्स को रगड़ खाने से बचा सकती हैं. इसकी वजह से दर्द और इर्रिटेशन कम हो जाती है और आपके निप्पल्स जल्द से जल्द अच्छे हो जाते हैं.
3. ब्रैस्टशेल्स ब्रेस्ट इनगॉर्ज्मेंट (दूध की अधिकता) की प्रॉब्लम को भी कम करने में हेल्प करते हैं. क्योंकि ये आपके निप्पल पर लगातार हल्का दबाव बनाये रखते हैं जिससे अतिरिक्त दूध स्तनों से निकलकर बाहरी शैल में आ जाता है.
4. जैसे कि ब्रैस्टशेल्स अतिरिक्त दूध को जमा करने में मदद करते हैं इससे आपके कपड़ें पर दाग लगने का डर भी नहीं रहता और किसी के सामने दूध के लीक होने से शर्मिंदगी भी नहीं होती.
5. ब्रैस्टशैल की सहायता से आप एक ब्रैस्ट से टपकने वाला दूध जमा कर सकते हैं और साथ ही दूसरी ब्रैस्ट से फीड भी करवा सकते हैं.
ब्रैस्टमिल्क में होने वाली नमी ब्रैस्टशैल में रह जाती है जिससे स्तनों में इर्रिटेशन होने की संभावना रहती है इसीलिए इनकी साफ़-सफाई भी उतनी ही जरुरी है ताकि कोई और प्रॉब्लम आपको परेशान न कर सके. ब्रैस्टशेल्स रियुज़बल होते हैं. इन्हे आसानी से साफ़ किया जा सकता है. गुनगुने साबुन वाले पानी से इसे हर रोज धोये फिर इन्हे अच्छे से सुखा लें ताकि नमी का नामोनिशान न रहे.
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