गर्भपात एक माँ के लिए बेहद संवेदनशील और दुख भरा अनुभव होता है. मां बनने के एहसास के बाद अचानक गर्भ का गिर जाना बेहद कष्टकारी एहसास है. अधिकांश गर्भपात शुरूआती तेरह सप्ताह के अंदर ही हो जाते हैं और इसीलिए पहले ट्राइमेस्टर में अपनी गर्भावस्था की बात महिलाएं छुपा कर रखती हैं. इस लेख में हम आपको बताएँगे कि गर्भपात क्यों होते हैं और ऐसा हो जाने पर इस परिस्थिति को कैसे संभालें.
गर्भपात किस कारण से होता है?
- क्रोमोज़ोम संबंधी कारण - शुक्राणु से 23 क्रोमोज़ोम और अंडे से भी 23 क्रोमोज़ोम के कुल 23 जोड़े भ्रूण बनाने के लिए आपस में जुडते हैं. इस प्रक्रिया में मामूली सी गड़बड़ होने पर भी गर्भपात हो जाता है क्योंकि इससे भ्रूण ठीक से विकसित नहीं होता.
- पुराने रोग - 6% गर्भपात के लिए ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, ल्यूपस, हृदय रोग, किडनी और लीवर की बिमारी या मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियां जिम्मेदार होती हैं.
- हार्मोनल गड़बड़ियां - 15% गर्भपात के मामलों में शरीर उचित मात्रा में प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन नहीं करता जिससे फर्टिलाइज्ड एग गर्भ में प्रत्यारोपित नहीं हो पाता है.
- तेज बुखार - पहले ट्राइमेस्टर में 102 डिग्री से ऊपर बुखार आने पर भी यह आपके शिशु के लिए जोखिम का विषय बन सकता है.
- गर्भाशय से जुड़े मुद्दे – सेप्टम अथवा सर्जरी या अधिक समय के गर्भ के गिर जाने पर स्कार टिशु का बनना जैसे दोष भी गर्भपात का कारण बन जाते हैं. कुछ अन्य कारक भी हैं जिनमें ड्रग का उपयोग, लिस्टेरिया, गंभीर दुर्घटना, अत्यधिक शराब पीना, धूम्रपान करना और लाइम रोग शामिल हैं.
गर्भपात के लक्षण –
- स्पौटिंग जोकि गर्भावस्था के शुरूआती हफ़्तों में होती है गर्भपात का संकेत हो सकती है.
- मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण गायब होना एक और संकेत है कि गर्भपात हो गया है. अपने चिकित्सक से इसकी पुष्टि करें. विशेष तौर से यदि मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण पहले ट्राइमेस्टर में अचानक गायब हो जाएँ तो.
- हल्की से लेकर गंभीर ऐंठन, पीठ या पेट में दर्द, गर्भावस्था के लक्षणों जैसे उल्टी इत्यादि में कमी, सफेद-गुलाबी बलगम, और पासिंग टिशू या थक्का आने जैसे लक्षण भी शामिल हैं.
गर्भपात से कैसे निपटें?
- दुर्भाग्य से गर्भपात को रोकने का कोई तरीका नहीं है.
- कुछ महिलाओं को संकुचन होते हैं और यदि यह प्रक्रिया तेजी से हो तो गर्भपात बिना किसी जटिलता के खुद हो जाता है.
- गर्भपात के कोई लक्षण न होने के बावजूद भी गर्भपात होने पर डॉक्टर इन संकुचन को दर्दरहित बनाने के लिए दवाएं लिख सकते हैं.
- कई बार डॉक्टर एक डी एंड सी नामक प्रक्रिया के द्वारा भी गर्भाशय को साफ कर देते हैं.
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शारीरिक स्तर पर गर्भपात एक सामान्य घटना है और आपके मानसिक और भावनात्मक रूप से दोबारा तैयार होते ही आपका शरीर फिर से स्वस्थ गर्भधारण और प्रसव के लिए तैयार हो जाता है.