Labour & Delivery
Written on 31 May 2019
जैसे-जैसे प्रेगनेंसी के 37 हफ्ते पूरे होने लगते हैं, आप अपने शरीर के भार और पेट के बढ़े आकार से बहुत बेचैन और असहज रहने लगती हैं. ऐसे में आपकी घबराहट और भी बढ़ जाती है जब आप अक्सर पेट पर कुछ तेज़ दबाव महसूस करने लगती हैं और लगता है कि कहीं ये ही लेबर पेन तो नहीं! घबराएं नहीं, क्योंकि ये वो फॉल्स अलार्म हो सकता है जिसको अक्सर हम लेबर पेन समझने की भूल कर बैठते हैं. इसे ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन (फॉल्स लेबर) के नाम से जाना जाता है.
क्या बला है ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन?
जैसे आप किसी बड़े समारोह की तैयारी में ड्रेस रिहर्सल करती हैं, वैसे ही आपका शरीर डिलीवरी के लिए अपने आप को तैयार करता है. इसी प्रक्रिया में यूट्रस (गर्भाशय) सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) को फैलाता व सिकोड़ता है जो आपको अपने पेट पर एक असहज दबाव और खिंचाव के रूप में महसूस होता है. यूट्रस यह तैयारी करता है ताकि बेबी को सर्विक्स के संकरे रास्ते से निकलने में ज़्यादा तकलीफ़ न हो. न तो ये लेबर पेन की तरह बहुत दर्दनाक होते हैं और न ही किसी निर्धारित पैटर्न पर आते हैं. ये कॉन्ट्रैक्शंस इस बात का इशारा हैं कि अब किसी भी वक़्त बेबी की डिलीवरी हो सकती है.
क्या ये कॉन्ट्रैक्शंस हैं खतरनाक?
कई बार प्रेगनेंसी के पांचवें महीने से ही आपका सामना इन कॉन्ट्रैक्शंस से हो जाता है जो कि शुरुआत में हल्के होते हैं मगर समय के साथ और बढ़ते जाते हैं. आपके प्रेगनेंसी हार्मोन्स शरीर को डिलीवरी के लिए तैयार करने में कड़ी मेहनत करते हैं और ये कॉन्ट्रैक्शंस इसी का नतीजा होते हैं. चूंकि ये एक प्रकार की तैयारी है इसलिए ये किसी भी तरह से प्रेगनेंसी के लिए खतरनाक नहीं होता बल्कि एक सामान्य रूटीन है. मगर लेबर पेन से इनका फर्क कर पाना बहुत ज़रूरी होता है क्योंकि उसको आप यूँ हल्के में नहीं ले सकतीं. किसी भी प्रकार का शक होने पर आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी ही चाहिए.
कैसे पलटा जा सकता है कॉन्ट्रैक्शंस का रुख़?
शरीर में पानी की कमी भी कॉन्ट्रैक्शंस को बढ़ावा देती है. इसलिए आप थोड़े इंटरवल के साथ कुछ न कुछ पीती रहें जैसे कि पानी, फ्रेश जूस या नारियल पानी आदि. चाय कॉफ़ी से परहेज़ ही रखें क्योंकि कैफीन की अधिक मात्रा आप और बेबी दोनों के लिए ही हानिकारक है.
यदि आपको कॉन्ट्रैक्शंस की असजता का सामना करना पड़ रहा है तो ध्यान रखिये कि आपके उठने-बैठने का तरीका चेंज करना आपको इस से निजात दिला सकता है. यदि लम्बे समय से खड़ी हैं तो बैठ जाइये या बैठी हैं तो लेट जाइये. अक्सर कॉन्ट्रैक्शंस, पोजीशन में थोड़ा बदलाव करने से शांत हो जाते हैं.
यदि आपने प्री बर्थ क्लासेज़ ली हैं तो यह तकनीक भी आपके बहुत काम आएगी कि आप कॉन्ट्रैक्शंस आने के समय अपना ध्यान उस ओर से हटाने की कोशिश करें. किसी अच्छे माहौल या छुट्टियों में बिताये गए एक शांत समय के बारे में सोचें. कई बार एक्सपर्ट्स आपको अपनी बॉडी के अंदर इस वक़्त क्या महसूस हो रहा है उसकी ड्राइंग बनाने की सलाह भी देते हैं जो कि आपको आगे चलकर अपने ऊपर एक कंट्रोल देता है और लेबर को आसान बनाता है.
यदि इन कॉन्ट्रैक्शंस का असर और इनका बार-बार होना बढ़ता ही जाये, या आप किसी संदेह में हों, तो बिना किसी देरी के बस अपने डॉक्टर से सलाह लीजिये.
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