Lullabies
Written on 21 December 2018
माँ और बच्चे के बीच का रिश्ता सबसे सुन्दर, सबसे निश्छल और सबसे पवित्र होता है. इसकी खूबसूरती की तुलना या व्याख्या कर पाना बेहद कठिन है. जहां अपने बच्चे की एक हंसी को देखकर माँ अपनी सारी परेशानियां भूल जाती है वहीँ माँ की मीठी बोली सुनकर बच्चा रोते हुए भी खिलखिलाने लगता है, और जब प्यार से माँ अपने बच्चे को लोरी सुनाती है तो कब वो अंगड़ाई लेते हुए मीठी नींद में खो जाता है, पता ही नहीं चलता. हम स्वयं भी चाहे कितने भी बड़े क्यों न हो जाएँ लेकिन लोरी सुनते ही हमें भी अपने बचपन की याद आ ही जाती है और हमारे होठों पर एक मधुर मुस्कान बिखर जाती है. मां, दादी और नानी से सुनी ये लोरियां पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार का हिस्सा बनी रहती हैं. जिन लोरियों को सुनकर कभी हम नींद के आगोश में खो जाते थे उन्ही लोरियों को सुनकर आज हमारी आँखों के तारे मुस्कुराते हुए आँखें बंद कर सपनो के गाँव में पहुँच जाते हैं.
दुनिया के हर कोने में मायें आज भी अपनी परम्परगत लोरियां गाकर बच्चों का पालन करती हैं. वैज्ञानिक तथ्यों के मुताबिक़ लोरियां गाने से बच्चे प्रसन्न होते हैं तथा नवजात शिशु अपनी मां की आवाज को पहचानने लगता है. यही नहीं, लोरी बच्चे के मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है. माना जाता है की लोरी सुनकर बच्चा बोलने का प्रयास भी करता है. लोरी सुनकर बच्चे में सुरक्षा का भाव बढ़ता है और वह संतुष्ट महसूस करता है.
आइये आज कुछ ऐसी लोरियां सांझा करें जो आपके दुलारे को मीठी नींद सुलाने में सहायक साबित होंगी :
चंदा मामा दूर के, पुए पकाएं गुड़ के
आप खाएं थाली में, मुन्ने को दें प्याली में
प्याली गई टूट, मुन्ना गया रूठ
लाएंगे नई प्यालियां, बजा बजा के तालियां
मुन्ने को मनाएंगे, हम दूध मलाई खाएंगे
चंदा मामा…
उड़न खटोले बैठ के मुन्ना चंदा के घर जाएगा
तारों के संग आंख मिचौली खेल के दिल बहलाएगा
खेल कूद से जब मेरे मुन्ने का दिल भर जाएगा
ठुमक ठुमक मेरा मुन्ना वापस घर को आएगा
चंदा मामा…
निंदिया आई अब तू सो जा
आंखें भारी और उबासी ने
घेरा है अब तू सो जा ...1
दूध पिया है तूने जी भर
आंख मीचकर अब तू सो जा
दिनभर खेला और थका है
सुस्ताना है अब तू सो जा ...
परियां आकर ले जावेंगी
परीलोक में अब तू सो जा
वहां मिलेंगे तुझको तारे
और चन्द्रमा अब तू सो जा …
बातें करना तू चन्दा से
और तारों से अब तू सो जा
मां की गोदी ऐसी प्यारी
मखमल तकिया अब तू सो जा ...
टी.वी. की लोरी कहती है
देर हो गई अब तू सो जा
तुझे थपकते थकी आज मैं
झपकी आई अब तू सो जा ...
लल्ला लल्ला लोरी दूध की कटोरी
दूध में बताशा मुन्नी करे तमाशा
छोटी-छोटी प्यारी सुंदर परियों जैसी है
किसी की नज़र ना लगे मेरी मुन्नी ऐसी है
शहद से भी मीठी दूध से भी गोरी
चुपके-चुपके चोरी-चोरी
लल्ला लल्ला लोरी
कारी रैना के माथे पे चमके चांद-सी बिंदिया
मुन्नी की छोटे-छोटे नैनन में खेले निंदिया
सपनों का पालना आशाओं की डोरी
चुपके-चुपके चोरी-चोरी
लल्ला लल्ला लोरी
निंदिया आ जा री, हे मैया लोरी सुनावे
निंदिया आ जा री, मैया लोरी सुनावे
चंदन का है पालना
रेशम की है डोरी
दूध-बताशे से भरी
मुनिया की कटोरी, मुनिया की कटोरी
निंदिया आ जा री, मैया लोरी सुनावे
निंदिया आ जा री, मैया लोरी सुनावे
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