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    Ayurveda & Homepathy

    जानिए गर्भावस्था में आयुर्वेदिक आहार के बारे में

    12 December 2022 को अपडेट किया गया

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    गर्भावस्था में किसी भी महिला के लिए पौष्टिक आहार अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। यह न केवल मां के लिए बल्कि होने वाले बच्चे के स्वास्‍थ्‍य के लिए भी अत्यंत आवश्याक होता है। इसलिए गर्भवती महिला की आहार योजना में पौष्टिक पदार्थों का सही मेल होना बेहद जरूरी है। गर्भावस्‍था में आपको अपने खाने का लिए अतिरिक्त ध्यान रखना होता है। लेकिन, जानकारों की नजर में आयुर्वेद किसी भी गर्भवती महिला के लिए बेहद उपयोगी आहार योजना हो सकती है। गर्भावस्था में खाने-पीने के मामले में आयुर्वेद विश्वसनीय उपाय है। आयुर्वेद गर्भवती महिलाओं के लिए एक आदर्श प्रोटोकॉल है।

    आयुर्वेद आहार

    आयुर्वेद आहार को 3 श्रेणियों सात्विक, राजसिक, और तामसिक में बांटा जाता है। सात्विक आहार ताजा और पौष्टिक होता है, राजसिक आहार ऊर्जावान, और तामसिक आहार कुछ हद तक भारी और सुस्त होता है। इन सब में से सात्विक भोजन गर्भावस्था के दौरान सबसे अच्छा आयुर्वेदिक आहार माना जाता है।

    गर्भावस्था में आयुर्वेदिक आहार
    • आयुर्वेद के अनुसार, गर्भधारण से पहले कम से कम 3 महीने तक सात्विक आहार करना चाहिए। इस आहार को ताजा फल आड़ू, आम और नारियल के रूप में मिलाकर करना चाहिए।

    • गर्भावस्था के दौरान आयुर्वेद आहार में बासमती चावल को बेहतर विकल्प के तौर पर देखा जाता है। मीठे आलू, अंकुरित अनाज और स्क्वैश सब्जियां उनके उच्च पोषण के महत्व की वजह से सूची से बाहर नहीं रह सकते। साथ ही दलिया और अनाज खाएं।

    • मां बनने जा रही महिला तरल या घी के साथ या दूध के साथ मिश्रित चावल खा सकती है। मछली एक गर्भवती महिला के लिए स्वस्थ आहार है। लेकिन लाल मांस खाने से बचना चाहिए।

    • हर सुबह एक गिलास फलों का ताजा रस पीना चाहिए।

    • गर्भावस्था के दौरान आयुर्वेदिक आहार में विटामिन सी भी आता है। जो माँ और बच्चे दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। गाजर, टमाटर में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है। इसलिए दोपहर के भोजन में इसे शामिल करें।

    • भ्रूण के विकास के बारे में बात करे, तो गर्भावस्था के पहले तीन महीने अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। भ्रूण के विकास के लिए दूध और पानी, नारियल पानी और फलों के रस जरूर पिएं।

    • 7 महीने के दौरान नमक और वसा की मात्रा को कम करना आवश्यक है।

    • आयुर्वेद आहार में गेहूं, राई, जई, अंकुरित, सेम, मसूर, रोटी, सोया सेम, और सूखे मटर आते है। इन खाद्य पदार्थों में प्रोटीन का खजाना होता है, और गर्भावस्था के लिए एकदम सही आयुर्वेदिक आहार है। आलू, पालक, बादाम, अंजीर, अंगूर और सूखे मेवे भी एक भ्रूण के लिए अच्छे आहार है।

    गर्भावस्था आहार का सही चयन वास्तव में बच्चे के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का फैसला करता हैं। इस समय के दौरान स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना बहुत जरूरी है। और इस दौरान आप आयुर्वेदिक गर्भावस्था आहार पर पूरा विश्वास कर सकती हैं।

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    Written by

    Charu Pratap

    Charu has been a seasoned corporate professional with over a decade of experience in Human Resource Management. She has managed the HR function for start-ups as well as established companies. But aside from her corporate career she was always fond of doing things with a creative streak. She enjoys gardening and writing and is an experienced content expert and linguist. Her own experiences with motherhood and raising a baby made her realize the importance of reliable and fact-based parenting information. She was engaged in creating content for publishing houses, research scholars, corporates as well as for her own blog.

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