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    इन प्रसव विकल्पों के द्वारा भी गर्भवती महिलाएं दें सकती हैं शिशु को जन्म

    Labour & Delivery

    इन प्रसव विकल्पों के द्वारा भी गर्भवती महिलाएं दें सकती हैं शिशु को जन्म

    12 December 2022 को अपडेट किया गया

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    माँ बनना हर महिला का सपना होता है. गर्भधारण के साथ ही अपने शिशु से उसका एक मज़बूत बंधन बन जाता है. यही कारण है की एक माँ 200 हड्डियों के एक एकसाथ टूटने के बराबर दर्द को झेलकर भी अपने बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार हो जाती है. लेकिन वो समय गया जब योनि के द्वारा प्रसव ही शिशु जन्म देने की एकमात्र पद्धति थी. समय के साथ चकित्सा क्षेत्र ने कई ऐसी विधियां तलाश कर ली हैं जिनके द्वारा प्रसव के दौरान माँ के कष्टों को कम किया जा सकता है. इन वैज्ञानिक तकनीकों के द्वारा प्रसव के दौरान जटिलताओं की स्थिति में भी डॉक्टर सफलतापूर्वक प्रसव करा सकते हैं.

    प्रसव के विभिन्न विकल्प :

    वर्तमान समय में गर्भवती महिलाएं निम्नलिखित प्रसव विकल्पों द्वारा शिशु को जन्म दे सकती हैं:

    1. योनि प्रसव

    योनि प्रसव शिशु को जन्म देने का सबसे प्रचलित तरीक़ा है. इस प्रसव प्रक्रिया में एक मां जनन मार्ग के माध्यम से अपने बच्चे को जन्म देती है. कई महिलाएं योनि प्रसव की प्रक्रिया में होने वाली पीड़ा से बचने के लिए सिजेरियन डिलीवरी का चुनाव करती हैं. लेकिन डॉक्टर्स का मानना है की योनि प्रसव जनम देने का सबसे उत्तम तरीक़ा है क्योंकि प्रसव पीड़ा का तनाव शिशु के मस्तिष्क और फेफड़ों के विकास के लिए ज़रूरी हार्मोन रिलीज़ करता है. प्रसव मार्ग से गुज़रते हुए बच्चे की छाती सिकुड़ती है और उसके फेफड़ों में फंसा एम्निओटिक द्रव साफ हो जाता है. योनिप्रसव के द्वारा माँ बानी महिलाएं प्रसव के तनाव से जल्दी निकलती है और संक्रमण से भी बची रहती हैं.

    2. प्राकृतिक प्रसव

    तेजी से लोकप्रिय हो रही इस पद्धति में किसी भी प्रकार की चिकित्सा प्रक्रिया या उपचार शामिल नहीं होता. वाटर बर्थिंग प्राकृतिक प्रसव की सबसे मशहूर प्रक्रिया है. प्राकृतिक प्रसव एक माँ का निजी चुनाव होता है. अगर आपको ये लगता है संपूर्ण प्रसवकाल के दौरान आप प्रतिबद्ध तरीके से इस पद्धति का पालन कर सकती हैं तो आप ये प्रसव प्रक्रिया चुन सकती हैं . प्राकृतिक प्रसव विभिन्न अभ्यासों और आसनों के द्वारा कराया जाता है. इस दौरान आपके अच्छे मूड में होना बेहद आवश्यक है जिसके लिए एक दाई हमेशा आपके साथ रहेंगी. अमूमन प्राकृतिक प्रसव अस्पताल में होता है लेकिन आप चाहें तो पूरी तैयारियों के साथ प्राकृतिक प्रसव के द्वारा घर पर भी अपने शिशु को जन्म दे सकती हैं.

    3. सिजेरियन सेक्शन

    देखा जाए तो योनि प्रसव शिशु को जन्म देने के सबसे उत्तम तरीक़ा है लेकिन जटिलताएं उत्पन्न हो तो आपको सीजेरियन प्रसव का विकल्प भी चुनना पड़ सकता है. हालांकि कई गर्भवती महिलाये योनि प्रसव की पीड़ा से बचने के लिए भी सीज़ेरियन प्रसव का विकल्प चुन लेती हैं. सीज़ेरियन शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के शब्द 'केडेयर’ से हुई है, जिसका अर्थ है ‘काट देना'. इस विधि में, डॉक्टर माँ के पेट को चीर कर उसके गर्भाशय को सर्जरी के द्वारा खोलते हैं और शिशु को बाहर निकालते हैं. अक्सर माँएं सिजेरियन डिलीवरी का फैसला पहले ही कर लेती हैं. यह पसंद भी हो सकती है या फिर ज़रुरत. डॉक्टर सीज़ेरियन की सलाह सोनोग्राफी में जुड़वां या उनसे अधिक बच्चों के होने, शिशु के उलटी या आड़ी स्थिति में होने, या शिशु के सामान्य से बड़े आकार का होने पर देते हैं. कुछ विषम परिस्थितियों जैसे ब्रीच, जनन मार्ग में रुकावट या मेकोनियम स्टेंड लिकर जैसी कॉमपिकेशन्स होने के कारण जब योनि प्रसव विफल हो जाए तब डॉक्टरों को प्रसव के लिए सी-सेक्शन का सहारा लेना पड़ता है.

    4. फोरसेप्स प्रसव

    फोरसेप्स प्रसव एक ऐसी अनोखी प्रसव पद्धति है जिसे कुछ योनि प्रसव के मामलों में ही उपयोग किया जाता है. इसकी ज़रुरत योनि प्रसव के दौरान शिशु के जनन मार्ग में फंस जाने पर होती है. ऐसा कुछ अवरोधों या प्रसव के दौरान माँ के थककर शिशु को बाहर धकेलने में अक्षम हो जाने के कारण होता है. फोरसेप्स प्रसव में डॉक्टर एक विशिष्ट डिजाइन के चिमटे का उपयोग कर शिशु के सिर को धीरे से पकड़कर फिर बाहर निकालने के लिए करते हैं.

    5. वैक्यूम निष्कर्षण

    इस तकनीक का उपयोग योनिप्रसव के दौरान शिशु के जनन मार्ग में आगे न बढ़ पाने की स्थिति में किया जाता है. वैक्यूम निष्कर्षण के लिए एक विशेष प्रकार के वैक्यूम पंप का उपयोग कर जनन मार्ग से बच्चे को निकाला जाता है. शिशु के सर को कोई नुक्सान न हो इसके लिए वैक्यूम के सिरे पर एक नरम कप लगाया जाता है. इसे बच्चे के सिर के ऊपर रखकर वैक्यूम पैदा किया जाता है और इस तरह बच्चे को नली के माध्यम से आराम से धीरे धीरे बाहर निकाल लिया जाता है.

    6. सिजेरियन के बाद योनिप्रसव (वी.बी.ए.सी.)

    अधिकांश मामलों में पहला सिजेरियन प्रसव होने पर योनि प्रसव होने की संभावना न के बराबर हो जाती है. लेकिन सिजेरियन के बाद योनिप्रसव (वी.बी.ए.सी.) तकनीक के चलते अब ऐसा हो पाना संभव है. हालांकि छोटे अस्पतालों में आज भी वी.बी.ए.सी. की सुविधा उपलब्ध नहीं है.

    प्रसव की प्रक्रिया का चुनाव शिशु के सुरक्षित जन्म को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए. इन मामलों में आपको डॉक्टर की सलाह को सर्वोपरि रखना चाहिए.

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    Written by

    Parul Sachdeva

    A globetrotter and a blogger by passion, Parul loves writing content. She has done M.Phil. in Journalism and Mass Communication and worked for more than 25 clients across Globe with a 100% job success rate. She has been associated with websites pertaining to parenting, travel, food, health & fitness and has also created SEO rich content for a variety of topics.

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