VIEW PRODUCTS
Parenting Tips
12 December 2022 को अपडेट किया गया
बच्चों को पढाई के लिए डांटना जरूरी है। पेरेंटिग की इस थ्योरी में अब थोडे बदलाव की जरूरत है। अगर अनुशासन और प्यार के बीच संतुलन कायम रखते हुए बच्चे को पढऩे के लिए प्रेरित किया जाए तो निश्चित रूप से इसके बेहतर परिणाम नजर आएंगे। बचपन जीवन का सबसे बेिफक्री भरा दौर है, पर इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि बच्चों के अच्छे भविष्य की बुनियाद इसी उम्र में पड जाती है। फिर करियर के क्षेत्र में बढती प्रतिस्पर्धा की वजह से आज के अभिभावक अपने बच्चों की पढाई को लेकर खासे चिंतित दिखाई देते हैं। इसी वजह से वे उनसे बार-बार पढऩे को कहते हैं, पर बच्चे तो आखिर बच्चे ही हैं। उन्हें तो बस, दोस्तों के साथ खेलना और टीवी देखना अच्छा लगता है। वे हमेशा कोई न कोई बहाना बनाकर पढाई से बचने की कोशिश करते हैं। ऐसे में पेरेंट्स की आदत बन जाती है कि जब भी बच्चे पर उनकी नजर पडती है, वे उससे कहते हैं,'चलो बैठकर पढाई करो।'...लेकिन इतना कह देने भर से माता-पिता की जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती। अपने बच्चों पर हरदम कडी चौकसी रखने वाले पेरेंट्स को ऐसा लगता है कि उनकी निगरानी में बच्चे बहुत अच्छी तरह पढाई कर रहे हैं, पर वास्तव में ऐसा नहीं होता। पेरेंट्स के ऐसे व्यवहार से वे चिडचिडे हो जाते हैं। जब उनसे बार-बार पढऩे को कहा जाता है तो उनका यही जवाब होता है, 'अभी परीक्षाएं शुरू होने में काफी वक्त है, बाद में पढ लूंगा।' बच्चे से ऐसे जवाब सुनकर गुस्सा आना स्वाभाविक है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो सबसे पहले गहरी सांस लेते हुए अपने क्रोध को नियंत्रित करने की कोशिश करें। फिर शांत मन से एक बार अपने बचपन के दिनों को याद करने की कोशिश करें। जब कभी पढऩे के लिए आपको डांट पडती थी तो कैसा लगता था? जवाब खुद ही मिल जाएगा। ज्यादा सख्ती किसी भी बच्चे को अच्छी नहीं लगती। इसलिए बच्चों की पढाई को लेकर खुद तनावग्रस्त होने के बजाय उन्हें सही ढंग से पढऩे के लिए प्रेरित करना चाहिए। हौवा नहीं है पढाई बच्चों की पढाई से जुडी समस्या इतनी भी बडी नहीं है, जिससे डर कर पेरेंट्स अपना सुकून खो दें। सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि अगर बच्चा पढाई पर ध्यान नहीं दे रहा तो यह केवल उसकी ही नहीं, बल्कि आपकी भी समस्या है। इसलिए पहले आपको अपनी दिनचर्या इस ढंग से व्यवस्थित करनी चाहिए कि बच्चे के स्टडी टाइम के दौरान आप पूरी तरह उसके साथ बैठ सकें। जब आप रोजाना एक निश्चित समय पर बच्चे को अपने साथ बैठाकर उसे पढाएंगी तो इससे पढाई में उसकी रुचि विकसित होने लगेगी और उसकी परफॉर्मेंस में भी सुधार आएगा। योग्यता का सही मापदंड यह सच है कि परीक्षा में ज्यादा अंक हासिल करने वाले बच्चों के लिए भविष्य में करियर का चुनाव आसान हो जाता है, लेकिन केवल परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर बच्चे की योग्यता का मूल्यांकन करना गलत होगा। कई बार औसत दर्जे के बच्चे भी बडे होने के बाद अपनी प्रोफेशनल लाइफ में बहुत कामयाब होते हैं। इसलिए बच्चे को एकाग्रता के साथ पढऩे के लिए प्रेरित जरूर करें, लेकिन परीक्षा में अधिकतम अंक हासिल करने के लिए उस पर दबाव न बनाएं क्योंकि बच्चों पर पहले से ही बहुत ज्यादा दबाव होता है। ऐसे में परीक्षा के माक्र्स को लेकर अगर पेरेंट्स उसे हमेशा डांटते-फटकारते रहेंगे तो इससे उसका आत्मविश्वास कमजोर पड जाएगा। ऐसे ही बच्चे भविष्य में एंग्जॉयटी और डिप्रेशन जैसी गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्याओं के शिकार हो जाते हैं। तुलना के तराजू पर न तोलें उसे देखो वह मैथ्स में हमेशा 99 त्न मॉक्र्स लाता है, स्कूल के स्पोट्र्स डे में राहुल को हर साल गोल्ड मेडल मिलता है, शिवांगी सिंगिंग कंपिटीशन में हमेशा फस्र्ट आती है। अपने बच्चों से बहुत ज्यादा उम्मीदें रखने वाले पेरेंट्स उनके सामने अकसर ऐसे जुमले दुहराते रहते हैं। ऐसी तुलना बच्चों के लिए बहुत नुकसानदेह साबित होती है। लगातार ऐसी बातें सुनकर वह हीन भावना का शिकार हो सकता है। भाई-बहनों, दोस्तों या पास-पडोस के बच्चों से कभी भी उसकी तुलना न करें। ऐसा व्यवहार करने वाले पेरेंट्स अनजाने में अपने बच्चों को बहुत नुकसान पहुंचा रहे होते हैं। इसलिए तुलना से हमेशा बचने की कोशिश करें। हर बच्चा अपने आप में खास होता है। बस, जरूरत इतनी है कि पेरेंट्स अपने बच्चे में छिपी खूबियों को पहचान कर उन्हें उभारने की कोशिश करें। अभिभावकों को यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि पडोस में रहने वाले बच्चे के रिजल्ट के आधार पर उनके पेरेंटिंग की दिशा तय नहीं की जा सकती। आहत न हो कोमल मन कई बार ऐसा भी होता है कि जब माता-पिता किसी दूसरी वजह से चिंतित या परेशान होते हैं तो कोई गलती न होने पर भी अपना सारा गुस्सा बच्चे पर उतार देते हैं। इससे वह समझ नहीं पाता कि मम्मी-पापा मुझे क्यों डांट रहे हैं? बडों के ऐसे व्यवहार से बच्चों की कोमल भावनाएं बहुत जल्दी आहत होती हैं। यह सही है कि कई बार घर या ऑफिस की व्यस्तता व्यक्ति को इतना तनावग्रस्त कर देती है कि मामूली सी बात पर भी लोग बच्चों की बुरी तरह डांटने लगते हैं। ऐसे व्यवहार की वजह से बच्चों के मन में अपने पेरेंट्स के प्रति स्थायी रूप से डर की भावना बैठ जाती है। नतीजतन वे माता-पिता को अपनी परेशानियों के बारे में बता नहीं पाते। इससे बच्चे और पेरेंट्स के रिश्ते में बहुत ज्यादा दूरी बन जाती है, जो उसके व्यक्तित्व के विकास में बाधक होती है। यह बात हमेशा याद रखें कि बच्चे चाहे जैसे भी हों उन्हें हर हाल में अपने माता-पिता के प्यार भरे मार्गदर्शन और सहयोग की जरूरत होती है। इसलिए उन्हें भरोसा दिलाएं कि आप हमेशा उनके साथ हैं। पॉजिटिव पेरेंटिंग टिप्स अगर आप अपने बच्चे को सही ढंग से अनुशासित करना चाहती हैं तो इन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें : - अपने बच्चे के साथ सहज ढंग से बातचीत की आदत विकसित करें। अगर वह आपके सामने कोई मांग रखना चाहता है तो उसे तुरंत डांट कर चुप कराने के बजाय पहले उसकी सारी बातें ध्यान से सुनें। इससे आप उसे बेहतर ढंग से समझ पाएंगी। - रोजाना स्कूल से लौटने के बाद जिस तरह आप उसका स्कूल बैग और होमवर्क चेक करती हैं, उसी तरह उससे यह भी जानने की कोशिश करें कि आज क्लास में क्या पढाया गया और उसे समझने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई? अगर बच्चे को टीचर की बात समझ न आई हो तो वही चैप्टर उसे दोबारा घर पर पढाएं। - कुछ बच्चे होमवर्क पूरा करने के बाद पढऩा नहीं चाहते, यह बहुत गलत आदत है। होमवर्क के अलावा बच्चे में नियमित रूप से सेल्फ स्टडी की भी आदत विकसित करें, ताकि उसे स्कूल में पढाई गई बातें सही ढंग से याद रहें। - अपने घर में पढाई का माहौल बनाएं। बच्चे के साथ मिलकर स्टडी टेबल की सफाई करें और घर के जिस हिस्से में वह पढाई करता है, उसे सुंदर ढंग से सजाएं। इससे पढाई में उसकी रुचि विकसित होगी। - पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग में आप उसकी क्लास टीचर से जो कुछ भी जानना चाहती हैं, उन सवालों को प्वाइंट्स के रूप में एक नोटबुक में लिखकर ले जाएं और टीचर द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल करें। - किसी भी गलती पर जिस तरह आप अपने बच्चे को डांटती हैं, उसी तरह जब वह कोई अच्छा कार्य करे तो उसकी प्रशंसा करना न भूलें।
Yes
No
Written by
Mylo Editor
Official account of Mylo Editor
Read MoreGet baby's diet chart, and growth tips
Unlock 4: अनलॉक 4 में किस दिन से क्या-क्या खुल रहा, किन चीजों को अभी नहीं मिली इजाजत, जानें पूरा ब्योरा
आने वाले 21 दिन देश के लिए है बेहद महत्वपूर्ण : घबरायें नहीं, घर पर रहकर अपना योगदान दें!
खूबसूरत लोरी जिससे आपके बच्चे को आएगी अच्छी नींद
अपरा के नीचे स्थित होने का पता कैसे चलता है?
आपके 6 महीने के बच्चे के लिए 5 टेस्टी और हेल्दी रेसिपी
7 खाद्य पदार्थ जो लेबर इंड्यूज़ करने में हो सकते हैं बेहद असरदार
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby soap | baby shampoo | baby lotion | baby powder | baby body wash | stretch marks cream | stretch marks oil | baby cream | baby massage oil | baby hair oil |